उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

कॉल गर्ल के लालच में 6 महीने में लगभग 800 लोगों से 5 करोड़ ठगने वाली गैंग का खुलासा हुआ है। गैंग के मास्टरमाइंड ने ऐप बना रखा था, उस पर खूबसूरत लड़कियों के प्रोफाइल लगाकर लोगों को ऑनलाइन कॉल गर्ल बुक करने का झांसा देता था। जैसे ही कोई इनसे संपर्क करता, उसे सुनसान इलाके में लड़की डिलीवर करने के बहाने बुलाते, वहां हथियार दिखाकर उसे लूट लेते थे।

हैरान करने वाली बात ये है कि लूट के शिकार एक भी पीड़ित ने बदनामी के डर से पुलिस थाने में FIR दर्ज नहीं करवाई। पुलिस बोगस ग्राहकर बनकर गई और कॉल गर्ल के जरिए ठगी करने वाले मास्टरमाइंड और उसकी गैंग तक पहुंची।

ये गैंग एक शहर में 3 से 4 महीने ही रुकती। पुलिस उन तक पहुंचे उससे पहले ही ये अपनी लोकेशन बदल कर नए शहर में चले जाते थे। मास्टरमाइंड जयपुर से ही पूरी गैंग को ऑपरेट कर रहा था।

TOTTAXX वेबसाइट को बनाया जरिया
उदयपुर के प्रतापनगर थानाधिकारी हिमांशु सिंह राजावत ने बताया कि सूचना मिली कि शहर में ऐसी गैंग एक्टिव है जो लोगों को खूबसूरत लड़कियों की तस्वीरें व्हॉट्सऐप पर भेजती है। कॉल गर्ल बुक करने के झांसे में लेकर लोगों को सुनसान जगह बुलाकर लूटती है।

सूचना मिलने के बाद 8 अगस्त को इस गैंग के जयपुर निवासी प्रीतम सिंह, मनीष चौधरी, अशोक सेन, सुबराती खान और दीपक मीणा को गिरफ्तार किया था। जिन्होंने पूछताछ में बताया कि घटनाओं का मास्टमाइंड जयपुर का राकेश मीणा है। करीब दो महीने बाद उदयपुर पुलिस ने जाल बिछाकर 18 अक्टूबर को मौजमाबाद, दूदू हाल चित्रकूट जयपुर निवासी राकेश कुमार मीणा को गिरफ्तार कर लिया।

जांच अधिकारी लाल सिंह के अनुसार, पूछताछ में राकेश ने बताया उसने अपने दोस्त अंकित के साथ मिलकर कॉल गर्ल सप्लाई के लिए बनी वेबसाइट TOTTAXX के जरिए पूरी ठगी को अंजाम देता था। दोनों को जिस शहर मे ठगी करनी होती थी, वहां इस वेबसाइट का एक पेज बना लेते थे, जिसमें राजस्थान के किसी भी जिले में कॉल गर्ल उपलब्ध कराने की इन्फॉर्मेशन दी जाती थी। इस वेबसाइट को राजस्थान में बैठा कोई भी व्यक्ति ओपन करता तो इसमें कॉल गर्ल इन उदयपुर, कॉल गर्ल इन जयपुर लिखा आता था।

इन पेज पर इंस्टाग्राम की प्रोफाइल से चुराई गई मॉडल्स की फोटोज लगाकर रखते थे। इनके झूठे नाम और फोटो दिखाए जाते। भरोसे में लेने के लिए ऑनलाइन पेमेंट की बजाय केश पेमेंट का ऑप्शन देते थे।

उस लिंक पर क्लिक करते ही लड़की का फेक प्रोफाइल खुल जाता। प्रोफाइल में ये उस लड़की से सीधे व्हाट्सएप पर चैट या कॉलिंग का ऑप्शन देते। जैसे ही कस्टमर इस पर क्लिक करता वॉट्सऐप चैट खुल जाती। वहां सिर्फ Hi लिखना होता था। मैसेज मिलते ही जयपुर में बैठी राकेश की गैंग से जुड़े लोग कस्टमर को मॉडल्स की चुराई हुई फोटो 10 से 15 फोटो वॉट्सऐप पर भेज देते।

कस्टमर उनमें से एक फोटो सिलेक्ट करता। फिर उसकी रेट बताई जाती। इसके बाद कस्टमर से लड़की को ड्रॉप करने के लिए लोकेशन पूछी जाती। फिर उसी लोकेशन पर 3 से 4 बदमाश एक लड़की को कार में बैठाकर पहुंचते थे।

दो तरीकों से करते थे लूट

पहला तरीका- पूछताछ में सामने आया कि ये पहले ही कस्टमर को देखकर भांप लेते कि वो कौनसी गाड़ी में आया है, उससे कितना माल निकाला जा सकता है। कस्टमर जब बताई हुई उस जगह पहुंचता तो ये लड़की को कार में दूर से ही दिखाकर कस्टमर से तय किए हुए पैसे कैश ले लेते। फिर जब कस्टमर लड़की को साथ भेजने के लिए बोलता तो उसे तलवार दिखाकर डराते-धमकाते। उसे वहां से भाग जाने के लिए बोलते। ऐसे में कस्टमर बदनामी के डर से वहां से भाग जाता।

दूसरा तरीका- थार गाड़ी में सवार गैंग का एक मेंबर उतर कर कस्टमर को पीछे खड़ी कार में बैठने को कहता। जैसे ही वह कार में बैठता ये सभी लोग मिलकर उसे घेर लेते और मारपीट करना शुरू कर देते थे। अगर इन्हें लगता कि माहौल खराब हो सकता है या उस जगह भीड़ है तो वह उसे किडनैप कर किसी सुनसान जगह ले जाते। फिर ज्यादा रुपयों की डिमांड करते। बदनामी के डर से कई लोग उन्हें मुंह मांगी कीमत देने को तैयार हो जाते। इनकी कार में तलवार और सरिए रखे रहते थे। इन हथियारों का डर दिखाकर ये कस्टमर को लूट लेते थे।

ऐसे पकड़े गए
पुलिस को 7 अगस्त को मुखबिर से सूचना मिली कि उदयपुर में एक गैंग एक्टिव है जो कॉल गर्ल का लालच देकर लोगों को ठग रही है। ऐसे में पुलिस के ही एक अधिकारी ने बोगस ग्राहक बनकर इन नंबरों पर संपर्क किया। सारी जानकारी पुख्ता कर लेने के बाद मास्टरमाइंड की गैंग के एक बदमाश ने बताया कि आपको सुखानाका रोड पर ब्लैक कलर की थार गाड़ी के पास आना है।

उनके बताए अनुसार, पुलिस का जवान उसकी कार के पास पहुंचा तो थार सवार बदमाश उसे पीछे खड़ी स्विफ्ट में ले गया। उसे अंदर बैठने को कहा-अंदर कोई युवती नहीं थी तो बोगस ग्राहक बनकर गए पुलिसकर्मी ने इसका विरोध किया। इतने में बदमाशों ने मारपीट करते हुए बोगस ग्राहक बने पुलिस जवान को पकड़ लिया और 5000 रुपए मांगने शुरू कर दिए। नहीं देने पर छीना-झपटी के साथ ही पुलिस जवान को बैठाकर ले जाने लगे। इसी दौरान पुलिस टीम के अन्य साथियों ने बदमाशों को घेर लिया।

मिले आईफोन और लग्जरी गाड़ियां, डायरी ने खोले राज
पुलिस के अनुसार ये लोग लग्जरी लाइफ जीने के शौकीन थे। गिरोह बना कर लोगों को फंसाते और उनसे मिले रुपयों से महंगे मोबाइल खरीदते, लग्जरी होटलों में रुकते, शराब पार्टी करते और वहीं से गैंग ऑपरेट करते थे। आरोपियों से पुलिस ने थार, स्विफ्ट सहित 3 गाड़ियां बरामद की हैं। गैंग से जुड़े सभी बदमाश अच्छे पढ़े लिखे हैं। कोई ग्रेजुएट है तो किसी के पास मास्टर डिग्री भी है।

इनके पास आईफोन और सैमसंग फोल्ड जैसे महंगे मोबाइल बरामद किए गए हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से लैपटॉप, 10 मोबाइल, 2 हिसाब की डायरी भी बरामद की है। जिनमें अब तक लूटे गए सभी लोगों के हिसाब किताब लिखे हैं।

जयपुर के बाद चुना उदयपुर
पकड़े गए आरोपियों ने कॉर्ल के नाम पर लोगों को फंसाने का रैकेट उदयपुर से पहले जयपुर में चलाया था। ये लोग अजमेर रोड, जगतपुरा और वैशाली नगर के इलाकों में कस्टमर को फंसाते थे। गैंग का मास्टरमाइंड राकेश कुमार मीणा का मकान भी जयुपर में ही है। उसी ने अपने साथियों के साथ मिलकर गैंग बनाई और शुरुआत की। इसने वहां पकड़े जाने के डर से उदयपुर को चुना।

यहां सैलानियों की आवक और बाहर से जॉब करने और पढ़ने आए लोगों को फंसाते थे। यहां बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं ऐसे में उन्हें फंसाने के लिए यह उदयपुर ठिकाना बनाया। यहां भी 3 माह तक कॉल गर्ल का रैकेट चलाते रहे। फिर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली तो पुलिस खुद बोगस ग्राहक बनकर पहुंची और 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया। मास्टर माइंड राकेश मौके से फरार हो गया था जिसे पुलिस ने करीब 2 माह बाद गिरफ्तार किया है।

हर रोज 7-8 को बनाते ठगी का शिकार
पुलिस के अनुसार, इनका डेली टारगेट 7 से 8 लोगों का रहता था। ये 10 हजार रुपए में कॉल गर्ल उपलब्ध करवाने का लालच देते थे। इसमें ये सिर्फ 1 या 2 लोगों को ही कॉल गर्ल उपलब्ध करवाते थे। एक रात में 70 से 80 हजार की लूट को अंजाम देने का टारगेट रखा था। उदयपुर में ये लोग लगभग 2 करोड़ की लूट कर चुके थे। जयपुर से भी इतनी ही लूट कर उदयपुर आए थे। 6 महीनों में 800 लोगों से करीब 5 करोड़ लूट चुके थे।

2 महीने में चली पेशियों के दौरान सबूत के अभाव में एक एक आरोपी छूटता गया। इस दौरान इन पांचों आरोपियों से पूछताछ की गई। पुलिस ने इस दौरान मौजमाबाद, दूदू (जयपुर) स्थित घरों पर दबिश दी। इसके बाद डर की वजह से खुद ही प्रताप नगर थाने में आकर सरेंडर कर दिया। मास्टरमाइंड राकेश मीणा को फिलहाल जेल में है।