अजमेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

अजमेर के किशनगढ़ में हुई बैंक लूट की वारदात को डॉक्टर और उसके मैकेनिक दोस्त ने अंजाम दिया था। आरोपी डॉक्टर खुद को सर्जन बताता था। अजमेर पुलिस ने शनिवार को इसका खुलासा किया। वारदात 7 अक्टूबर को हुई थी। पूछताछ में आरोप डॉक्टर ने बताया ​कि उसने हॉ​स्पिटल के लिए लोन लिया था, जिसे वह चुका नहीं पाया था।

एसपी चूनाराम जाट ने बताया कि आरोपी डॉक्टर पाली के बापूनगर सुंदर विलास निवासी कमलेश (26) पुत्र रामचंद्र वैष्णव और उसके दोस्त काजीपुरा निवासी आरोपी प्रेम सिंह (27) पुत्र मदन सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में सामने आया कि जिस पिस्तौल और डायनामाइट को दिखाकर धमकाया था, वे दोनों नकली थे।

पाली शहर में शुरू किया था हॉस्पिटल, 11 लाख का कर्जा था
एसपी ने बताया कि आरोपी कमलेश पेशे से डॉक्टर है। कमलेश ने कुछ समय पहले पाली में प्राइवेट हॉस्पिटल खोला था। कमलेश इंस्टा आईडी पर अपने आप को सर्जन डॉक्टर बता रखा है और प्रोफाइल में MBBS, MS SURGERY LONDON लिखा हुआ है।

आरोपी डॉक्टर ने बताया ​कि हॉस्पिटल खोलने के लिए करीब 11 लाख रुपए का लोन लिया था। जब ये लोन नहीं चुका पाया तो एसी मैकेनिक अपने दोस्त प्रेम सिंह के साथ मिलकर प्ला​निंग बनाई। इसके लिए 1 महीने पहले रेकी की और वारदात को अंजाम दिया। लूट से एक दिन पहले ही कमलेश बैंक के अंदर और बाहर से भी रेकी कर गया था।

लकड़ी से बनाई पिस्तौल और नकली डायनामाइट से लूटा था बैंक
एसपी चूनाराम जाट ने बताया कि दोनों आरोपियों की ओर से नकली खिलौनानुमा पिस्टल से लकड़ी की पिस्तौल बनाई थी। घड़ी से बने नकली डायनामाइट से बैंक कर्मचारियों को धमकाकर लूट वारदात को अंजाम दिया गया। इस दौरान दोनों ने धमकाया भी था कि डायनामाइट को मैंने ब्लास्ट कर दिया तो एक किलोमीटर का इलाका उड़ जाएगा।

वारदात के बाद जब मामले की जांच की तो सामने आया कि इनमें से एक आरोपी ने लाल रंग का हेलमेट पहन रखा था। वारदात के बाद इसी हेलमेट को पहन ये आरोपी मुख्य गांवों से निकले थे। बताया जा रहा है कि इसी लाल हेलमेट से ये आरोपी पकड़ में आए।

800 सीसीटीवी खंगाले
एसपी ने बताया ​कि बदमाशों ने किशनगढ़ के मदनगंज थाना क्षेत्र स्थित इंडियन बैंक में लूट की वारदात को अंजाम दिया था। इस दौरान आरोपियों ने बैंक कर्मचारियों और ग्राहकों को बंधक बनाकर 40 लाख मांगे थे। आरोपी कैशियर के पास रखे 3 लाख 76 हजार 130 रुपए लेकर फरार हो गए थे।

बैंक मैनेजर कुलदीप सिंह ने मामला दर्ज करवाया था। इस पर टीम का गठन किया गया और 800 सीसीटीवी खंगाले गए। शुक्रवार को पुलिस को इनपुट मिला की डॉक्टर और उसका साथी अजमेर में है। वहां दबिश देकर इन्हें गिरफ्तार किया।