जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

सीनियर आईएएस और सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मेघराज सिंह रत्नू के घर पर आज सुबह एंटी करप्शन ब्यूरो(ACB) ने छापा मारा है। रत्नू के जयपुर, अजमेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर और सीकर स्थित आवास और ऑफिस पर भी सर्च किया गया। जयपुर के जगतपुरा में एनआरआई कॉलोनी स्थित रत्नू के घर पर कार्रवाई चल रही है। अब तक हुई जांच में मेघराज सिंह रत्नू और उनके परिवार-रिश्तेदारों के नाम बड़ी संख्या में करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी, गहने, कैश और लॉकर मिले हैं।

एडीजी एसीबी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया- जांच के दौरान मेघराज सिंह रत्नू के नाम से जयपुर में पांच प्रॉपर्टी मिली हैं। वहीं, पत्नी मंजूला रत्नू के नाम से एक प्लॉट और दो फ्लैट मिले हैं। बेटी महीजा रत्नू के नाम से भी एक प्लॉट मिला है। भांजे महिपाल सिंह और भांजे की पत्नी के नाम से भी प्लॉट होने की जानकारी मिली है।

साथ ही तलाशी के दौरान 6 लाख रुपए कैश, सोने-चांदी के गहने, चार लॉकर मिले हैं। वहीं, बेटे मिहिर रत्नू की महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के लिए करीब 50 लाख रुपए देने के कागजात भी टीम को मिले हैं। एसीबी की टीम अब लॉकर की भी जांच करेगी।

ऑफिस में चार संदिग्ध डायरियां मिली

एडीजी एसीबी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बलराम सिंह मीणा ने रत्नू के सहकार भवन स्थित सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार ऑफिस की भी तलाशी ली। छानबीन के दौरान भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी की रसीद, बिजली का बिल, चार संदिग्ध डायरियां और एक पेन ड्राइव मिली है। मेघराज सिंह के नाम से एसबीआई बैंक के चेक की फोटो भी मिली है।

एडीजी ने बताया- मेघराज सिंह ने अपनी बेटी की शिक्षा पर करीब 60 लाख रुपए, शादी पर लगभग 1 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च किए हैं। रत्नू ने अपने सेवाकाल में विदेश यात्राएं करना, जयपुर क्लब और रामबाग गोल्फ क्लब में सदस्यता भी ली है।

शिकायत के आधार पर एसीबी ने जांच की

बता दें कि मेघराज सिंह रत्नू के खिलाफ एसीबी को कुछ समय पहले शिकायत मिली थी। इसके आधार पर एसीबी ने जांच की, लेकिन एसीबी रत्नू को ट्रैप नहीं कर सकी। एसीबी ने जब रत्नू की संपत्ति की जांच की तो उन्हें कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी भी मिली है। इसके बाद उनके और रिश्तेदारों के घर पर टीम ने छापा मारने की कार्रवाई की।

प्रमोटी आईएएस हैं रत्नू

रत्नू प्रमोटी आईएएस हैं। वे नेशनल हेल्थ मिशन के एडिशनल मिशन डायरेक्टर भी रह चुके हैं। इसके अलावा हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट में कमिश्नर भी थे। 2019 में जोधपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के कमिश्नर रहते हुए उन्हें एपीओ किया गया था। इसके बाद 2021 में उन्हें हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट में पदस्थ किया गया था।