जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
अध्यात्म जीवन में गुरु की विरासत चेले को और गृहस्थ जीवन में पिता की विरासत पुत्र को मिलती रही है। इस लिहाज से देखें तो राजनीतिक दलों में नेताओं की विरासत कार्यकर्ताओं को मिलनी चाहिए लेकिन प्रदेश में इस बार के विधानसभा चुनावों में भी अनेक वरिष्ठ नेता अपने पुत्र, पुत्री, पुत्रवधू आदि के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं।
हालांकि प्रदेश में पिछले चुनाव और उपचुनाव का ट्रेंड देखें तो नेताओं के परिवारों के 54 प्रतिशत सदस्य ही चुनाव जीत पा रहे हैं। इनमें जीत का स्कोर भाजपा नेताओं के परिजन का 33 प्रतिशत और कांग्रेस नेताओं के परिजन का 65 प्रतिशत रहा है। इनमें से कुछ को जातिगत गणित का लाभ मिला तो कुछ को विरासत का।
पार्टियों के सर्वे में परिवार के सदस्यों का नाम नहीं
प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा ने सीटवार अब तक कई सर्वे करवाए हैं। कहीं तीन तो कहीं पांच नामों को लेकर हुए इन सर्वे में ज्यादातर नेताओं के रिश्तेदारों के नामों का उल्लेख नहीं हैं। इसके बावजूद ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं की मंशा है कि टिकट उन्हें नहीं तो परिवार के सदस्य को मिले लेकिन मौका घर में ही मिले।
अभी तो मैं हूं : कांग्रेस में ये 2 नेता तो पुत्र की दावेदारी के ही खिलाफ
नागौर : पुत्र राघवेंद्र की दावेदारी का हरेंद्र मिर्धा (73) ने विरोध किया। कहा, अभी तो मैं दावेदार हूं। राघवेंद्र को इंतजार करना होगा। मैंने भी पिता रामनिवास मिर्धा के समय में लंबा इंतजार किया था।
खंडार : विधायक अशोक बैरवा की दावेदारी की खिलाफत करते हुए पिता डालचंद बैरवा (80) ने मीडिया से कहा, अशोक को टिकट दिया तो वह हारेगा। मैं उसका विरोध करूंगा।
कांग्रेस : इनकी मंशा- मुझे नहीं तो परिवार को दो... टिकट घर में दो
मंत्री/विधायक | नाम | मांग/दावेदारी |
विधायक | गुरुमीत सिंह | बेटे के लिए टिकट |
मंत्री | शांति धारीवाल | अपने साथ बेटे के लिए भी टिकट |
मंत्री | महेश जोशी | बेटे के लिए भी दावेदारी |
विधायक | दीपेंद्र सिंह शेखावत | बेटे के लिए टिकट |
विधायक | अमीन खान | बेटे के लिए टिकट |
विधायक | बृजेंद्र ओला | बेटे के लिए टिकट |
मंत्री | परसादीलाल मीणा | बेटा लड़ सकता है |
मंत्री | हेमाराम चौधरी | बेटी के लिए मांग सकते हैं टिकट |
भाजपा : पिछले चुनाव में 9 टिकट परिवारों में दिए, 3 जीते
सार्दुलशहर | गुरजंट सिंह पुत्र गुरवीर सिंह बराड़ हारे |
मुंडावर | धर्मपाल चौधरी पुत्र मंजीत चौधरी जीते |
डीग-कुम्हेर | दिगंबर सिंह पुत्र शैलेष हारे |
प्रतापगढ़ | नंदलाल मीणा पुत्र हेमंत हारे |
सिकराय | जियालाल बंशीवाल पुत्र विक्रम बंशीवाल हारे |
कोलायत | देवी सिंह भाटी पुत्रवधू पूनम कंवर हारीं |
नसीराबाद | सांवरलाल जाट पुत्र रामस्वरूप लांबा जीते |
बहरोड़ | जसवंत यादव पुत्र मोहित हारे |
राजसमंद | किरण माहेश्वरी दीप्ति जीतीं (उपचुनाव) |
कांग्रेस : पिछली बार 18 टिकट परिवारों में दिए, 13 जीते
सीट | नेता पुत्र/पुत्री/पत्नी जीते/हारे |
सवाई माधोपुर | अबरार अहमद पुत्र दानिश जीते |
ओसियां | महिपाल मदेरणा पुत्री दिव्या जीतीं |
दातारामगढ़ | नारायण सिंह पुत्र वीरेंद्र चौधरी जीते |
चूरू | मकबूल मंडेलिया पुत्र रफीक हारे |
अनूपगढ़ | हीरालाल इंदौरा पुत्र कुलदीप हारे |
आमेर | सहदेव शर्मा पुत्र प्रशांत हारे |
निवाई | द्वारकाप्रसाद बैरवा पुत्र प्रशांत जीते |
वल्लभनगर | गुलाबसिंह शक्तावत पुत्र गजेंद्र सिंह जीते (गजेंद्र सिंह के निधन के बाद पत्नी प्रीति विधायक बनीं) |
मंडावा | रामनारायण चौधरी पुत्र रीटाकुमारी जीतीं |
उदयपुर | ग्रामीण खेमराज कटारा पुत्र विवेक हारे |
झुंझुनूं | शीशराम ओला पुत्र बृजेंद्र सिंह जीते |
लूणी | मलखान विश्नोई पुत्र महेन्द्र जीते |
सांगोद | जुझार सिंह पुत्र भरत सिंह जीते |
सागवाड़ा | भीखाभाई पुत्र सुरेंद्र हारे |
सरदारशहर | भंवरलाल शर्मा पुत्र अनिल जीते (उपचुनाव) |
सुजानगढ़ | भंवरलाल मेघवाल पुत्र मनोज जीते (उपचुनाव) |
सहाड़ा | कैलाश त्रिवेदी पत्नी गायत्री जीतीं (उपचुनाव) |
भाजपा : इन नेताओं के पुत्र/पुत्री टिकट के लिए सक्रिय
बीकानेर पूर्व | नरपतसिंह राजवी के पुत्र अभिमन्यु व पुत्री मूमल। |
मालवीयनगर | कालीचरण सराफ के पुत्र आशीष टिकट दावेदार। |
बामनवास | जसकौर मीणा की पुत्री अर्चना, मोतीलाल मीणा के पुत्र कमल। |
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