भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

नासिर-जुनैद हत्याकांड में साजिश रचने के आरोपी मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस नूंह से शाम 7 बजे कामां (भरतपुर) लाई। सुरक्षा कारणों से कामां थाने में ही कोर्ट लगाया गया और जज ने मोनू मानेसर को पुलिस को 2 दिन के रिमांड पर दे दिया।

दरअसल, मंगलवार दोपहर 12 बजे हरियाणा की नूंह पुलिस ने मानेसर गांव में दबिश देकर मोनू को गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से एक पिस्टल, 3 कारतूस और मोबाइल मिला। हरियाणा में मोनू पर नूंह हिंसा भड़काने के आरोप हैं। गिरफ्तार करने के बाद हरियाणा पुलिस ने उसे नूंह कोर्ट में पेश कर उसका रिमांड मांगा, लेकिन कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भौंडसी जेल भेजने के आदेश दिए। मोनू को जेल भेजने से पहले ही भरतपुर पुलिस को उसका ट्रांजिट रिमांड मिल गया। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने उसे राजस्थान पुलिस को सौंप दिया। भरतपुर पुलिस मोनू मानेसर को कामां थाने लाई, इसके बाद थाने में लगी कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद शाम 7:30 बजे डीग जिला एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय टीम के साथ मोनू मानेसर को लेकर भरतपुर रवाना हो गए।

डीग पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि डीग पुलिस नूंह एसपी के संपर्क में थी, मोनू की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही कामां एडिशनल एसपी के नेतृत्व में 5 टीमों का गठन कर नूंह रवाना किया गया।

नूंह कोर्ट पहुंचने के बाद एसएचओ गोपालगढ़ ने जांच के उद्देश्य से सीधे ट्रांजिट रिमांड की अर्जी लगाई। कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड दे दिया। इस विधिक कार्रवाई के बाद हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस के हवाले कर दिया।

अगर टीम समय पर नूंह नहीं पहुंचती तो मोनू मानेसर को भौंडसी जेल भेज दिया जाता। वहां से उसे जमानत भी मिल सकती थी। ऐसा नहीं होता तो जेल से मोनू को भरतपुर लाने के लिए राजस्थान पुलिस को प्रोडक्शन वारंट लेना पड़ता। कई बार राज्य सरकार विशेष परिस्थितियों में आरोपी को राज्य से बाहर जाने की अनुमति नहीं देती।

8 महीने से फरार था मोनू मानेसर
नासिर-जुनैद हत्याकांड में नाम आने के बाद से मोनू मानेसर फरार था। 16 फरवरी 2023 को हरियाणा के भिवानी में बोलेरो कार में नासिर (28) और जुनैद (33) की जली हुई लाशें मिली थीं। वे भरतपुर जिले के घाटमिका गांव के रहने वाले थे।

जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने 15 फरवरी को गोपालगढ़ थाना (भरतपुर) में दोनों के किडनैप और मारपीट का मामला दर्ज कराया था। इसमें अनिल निवासी मूलथान, श्रीकांत निवासी मरोड़ा, रिंकू सैनी निवासी फिरोजपुर झिरका, लोकेश सिंगला निवासी मानेसर (हरियाणा) पर आरोप लगाए गए थे। बोलेरो में शव मिलने के बाद भरतपुर पुलिस ने मोनू मानेसर सहित अन्य लोगों पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया। पुलिस इस केस में 8 आरोपियों की फोटो भी जारी कर चुकी है।

जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने आरोप लगाया था कि नासिर और जुनैद 14 फरवरी को भोरूबास सिकरी गांव (भरतपुर) गए थे। वहां उनके भाई का ससुराल है। रात में वहीं रुक गए थे। 15 फरवरी को घर आ रहे थे। रास्ते में दोनों को बजरंग दल वालों ने रोका और नाम पूछा।

इसके बाद दोनों को बोलेरो से खींचकर बाहर निकालने की कोशिश की। जान बचाने के लिए वे तेज रफ्तार में बोलेरो चलाकर भागे।

परिवार ने बताया कि नासिर और जुनैद की बोलेरो को आरोपियों ने अपनी कार से टक्कर मारी। दोनों से मारपीट की। फिर पुलिस थाना फिरोजपुर झिरका ले गए। जहां दोनों को पुलिस को सौंपने की कोशिश की, लेकिन दोनों की हालत इस कदर खराब थी कि पुलिस ने दोनों को रखने से मना कर दिया।

जिंदा जलाकर मार दिया
परिवार का कहना था कि पुलिस के हिरासत में लेने से इनकार करने के बाद मोनू मानेसर, रिंकू सैनी के अलावा 7 से 8 अन्य लोग दोनों को भिवानी ले गए। वहां उन्हें पिछली सीट पर बैठाकर बोलेरो समेत जिंदा जलाकर मार डाला।

परिवार ने कहा था- सोशल मीडिया पर चली खबर के बाद दोनों की मौत का पता चला। बोलेरो के इंजन और चेसिस नंबर से पता चला कि ये हमारी कार है।