विधानसभा चुनावों में बीजेपी जयपुर शहर की 8 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी बदलने की तैयारी कर रही है। बीजेपी इन सीटों पर नए चेहरों पर दांव खेल सकती है। वहीं, कुछ सीटों पर महिलाओं और युवाओं को मौका दिया जा सकता है।
राजनीतिक सूत्रों की माने तो आरएसएस ने भी बीजेपी को जयपुर शहर की 8 सीटों पर नए चेहरे उतारने का सुझाव दिया है। इसके बाद बीजेपी इस दिशा में आगे बढ़ रही है। पिछले चुनावों में बीजेपी जयपुर शहर में केवल 3 सीटें ही जीत पाई थी। 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार बीजेपी इन सीटों पर चेहरे बदलकर 8 में से कम से कम 6 सीटें जीतने का टारगेट लेकर चल रही है।
पिछले चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ 3 सीटें जीती थीं
दरअसल, जयपुर शहर की हवामहल, किशनपोल, आदर्श नगर, सिविल लाइन, विद्याधर नगर, सांगानेर, मालवीय नगर और झोटवाड़ा विधानसभा सीट है। इसमें से पिछले चुनाव में बीजेपी ने केवल 3 सीटें सांगानेर, मालवीय नगर और विद्याधर नगर जीती थी। हवामहल, किशनपोल, आदर्श नगर, सिविल लाइन और झोटवाड़ा सीट कांग्रेस ने जीती थी। मालवीय नगर सीट पर भी कांग्रेस प्रत्याशी अर्चना शर्मा ने कालीचरण सराफ को कड़ी टक्कर दी थी। कालीचरण सराफ कुछ हजार वोटों से ही जीत पाए थे।
4 से 5 बार चुनाव लड़ चुके नेताओं को बदला जा सकता है
बीजेपी जयपुर शहर में नए लोगों को मौका देना चाहती हैं। ऐसे में सबसे पहले उन नेताओं को रिप्लेस किया जा सकता हैं। जो बीजेपी के टिकट पर 4 से 5 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इसके साथ पिछला चुनाव में हार चुके नेताओं को भी बदला जा सकता है।
1. मालवीय नगर से विधायक कालीचरण सराफ 7 बार के विधायक हैं। वे 1985 से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं। पहले वे जौहरी बाजार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते थे। परिसीमन के बाद जौहरी बाजार विधानसभा सीट समाप्त हो जाने पर वे 2008 से मालवीय नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर लगातार जीत रहे हैं।
2. इसके बाद राजपाल सिंह शेखावत का नाम आता हैं। शेखावत भी 5 बार के विधायक हैं। झोटवाड़ा विधानसभा सीट से पहले वे बनीपार्क सीट से चुनाव लड़ते थे। 2018 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लालचंद कटारिया से हार गए थे।
3. विद्याधर नगर विधानसभा सीट से विधायक नरपत सिंह राजवी भी 5 बार के विधायक हैं। वे विद्याधर नगर से लगातार 3 बार से चुनाव जीत रहे हैं। इससे पहले वे चित्तौड़गढ़ विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं।
4. वहीं, बीजेपी नेता मोहनलाल गुप्ता किशनपोल विधानसभा सीट से लगातार 4 बार चुनाव लड़ चुके हैं। वे 3 बार के विधायक हैं। गुप्ता 2018 में कांग्रेस के अमीन कागज़ी से चुनाव हार गए थे।
5. हवामहल सीट से बीजेपी के टिकट पर पिछला चुनाव लड़ चुके सुरेंद्र पारीक 2 बार के विधायक हैं। वे पिछला चुनाव कांग्रेस के महेश जोशी से हार गए थे।
6. आदर्श नगर से अशोक परनामी 2 बार जीत चुके हैं। पिछला चुनाव वह प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस के रफीक खान से हार गए थे।
7. सिविल लाइन विधानसभा सीट से पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे अरुण चतुर्वेदी कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास से चुनाव हार गए थे। वे इस सीट से 2013 में चुनाव जीतकर मंत्री बने थे। बताया जाता है कि इस सीट पर इस बार भी अरुण चतुर्वेदी के लिए मुकाबला आसान नहीं होगा।
8. सांगानेर विधानसभा सीट से अशोक लाहोटी पहली बार के विधायक हैं। सांगानेर से पहले वे सिविल लाइन विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर के वायरल वीडियो (जिसमें संघ प्रचारक निंबाराम को भी दिखाया गया था) को लेकर जो विवाद हुआ था। उसमें लाहोटी पर भी आरोप लगे थे।
महिलाओं और युवाओं को दिया जा सकता है मौका
बीजेपी इस बार इन 8 सीटों पर महिलाओं व युवाओं को मौका दे सकती हैं। शहर की आठों सीटों पर बड़ी संख्या में नए लोग अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। मालवीय नगर से दावेदारी पेश कर रहे बीजेपी नेता विमल कटियार व हवामहल सीट से दावेदारी पेश कर रहे पूर्व डिप्टी मेयर मनीष पारीक का कहना है कि पार्टी इस बार नए चेहरों को मौका देगी।
मनीष पारीक ने कहा- संगठन में लगातार जो बैठकें और चर्चाएं हो रही है। उनमें भी यह बात निकलकर सामने आ रही है कि नए चेहरों को मौका देने पर पार्टी का लाभ होगा। पुराने चेहरों को लेकर लोगों में नाराजगी हो सकती है। नए लोगों को मौका देने पर यह सब बातें खत्म हो जाती है।
वहीं, पार्टी के सह कोषाध्यक्ष डॉ श्याम अग्रवाल ने कहा- बीजेपी लगातार युवाओं को मौका देती है। मेरा स्वयं का उदाहरण सामने हैं। मैं गैर राजनीतिक परिवार से आता हूं। पार्टी ने मुझे प्रदेश पदाधिकारी बनाया। हमेशा से युवा प्रधानमंत्री के दिल के करीब रहा हैं। पूरे देश में पार्टी युवाओं को मौका ही नही दे रही। बल्कि उनको आगे भी बढ़ा रही है। राजस्थान में भी युवाओं को मौके मिलेंगे।
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