जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

पूर्व सांसद ज्यो​ति मिर्धा के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने पर सियासी वार पलटवार का सिलसिला शुरू हो गया है। मंत्री मुरारीलाल मीणा और ममता भूपेश ने ज्योति मिर्धा और बीजेपी में जाने वाले दूसरे नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कांग्रेस बहुत बड़ी पार्टी है। यह एक लंबी पैसेंजर ट्रेन है। इसमें बहुत से स्टेशनों पर सवारियां चढ़ती उतरती रहती हैं। दोनों शुक्रवार को जयपुर में मीडिया से बात कर रहे थे।

मंत्री मुरारीलाल मीणा ने ज्योति मिर्धा के बीजेपी में जाने पर कहा- यह ट्रेन रुकने वाली नहीं है। यह ट्रेन जब फुल हो जाती है, कई बार खाली हो जाती है। फिर भर जाती है। इसमें आने-जाने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। इस बार विधानसभा चुनाव में भी यह ट्रेन नहीं रुकेगी। मुरारी मीणा ने कहा- सीटों का कैलकुलेशन सही है। इस बार बहुत अच्छा माहौल है। मुझे 20-25 साल राजनीति करते हुए हो गए। तीन चुनाव जीता हूं। इस बार सरकार के प्रति क्षेत्र में नाराजगी नहीं है।

किरोड़ी राजपा नहीं बनाते तो कांग्रेस की 70 सीटें आती

मुरारी मीणा ने कहा- जब किरोड़ीलाल मीणा ने राजपा पार्टी बनाई थी। उस वक्त राजपा पार्टी नहीं होती तो कांग्रेस की 60 से 70 सीटें आतीं। उस वक्त कांग्रेस का वोट बैंक राजपा में चला गया था। कई बार ऐसी भावना जुड़ जाती है। उस समय किरोड़ी लाल मीणा ने राजपा पार्टी बनाकर यह माहौल बनाया कि वे मुख्यमंत्री बनेंगे। पूर्वी राजस्थान का एसटी वोटर भावुक हो गया। इससे कांग्रेस का वोट राजपा में चला गया। पूर्वी राजस्थान का 80 फीसदी एसटी का वोट कांग्रेस में पड़ता है। किरोड़ी को सीएम बनाने के भावनात्मक मुद्दे के कारण सारा वोट राजपा में शिफ्ट हो गया। इस वजह से हमारी सीटें नहीं आई थी। इस बार माहौल कांग्रेस के पक्ष में है।

ममता भूपेश ने कहा- बीजेपी में जाने वाले पछताएंगे

ममता भूपेश ने कहा- ज्योति मिर्धा पिछले पांच साल से पार्टी में सक्रिय नहीं थी। हमने तो उनको पार्टी के किसी प्रोग्राम में ही नहीं देखा। अगर वे लगातार पार्टी में काम करतीं तो पांच साल में कहीं नजर आतीं। मुझे नागौर से भी कभी नजर नहीं आईं।

बीजेपी में जो भी साथी जा रहे हैं, वह इंडिविजुअल निर्णय है। जब चुनाव आएंगे उस समय पछताएंगे कि हमने बहुत बड़ी गलती की। बीजेपी की तो फितरत है कि इधर से लो उधर से नेताओं को लो। राजस्थान में भी लोगों को तोड़कर अपनी तरफ मिलाकर माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद उनके पक्ष में माहौल नहीं बन पा रहा है।