जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

नेट-थियेट कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज  कलाकार श्रीमती हिम्मत दीप कौर ने गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज गुरुवाणी का शब्द कीर्तन बड़ी सुरीली और मधुर वाणी में सुनाकर दर्शकों को भक्ति में लीन कर दिया  

नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि कलाकार श्रीमती दीप कौर ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत ऐसी लाल तुझ बिन कौन करें, गरीब निवाज गुस्सैया मेरा, माथे छतर धरे सुनाकर  शबद कीर्तन की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने रेनी गवाई सोए के, दिवस गंवाया खाए, हरि जैसा जनम है, कोडी बदले आए रे, नाम न जाने राम का, मुडे फिर पाछे पछताए रे शबद को बडे ही सुरीले अंदाज में प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध किया।  श्रीमती दीप कौर नै मेहरबान साहिब मेहरबान, साहिब मेरा मेहरबान, जी संगल को दे दान और अंत में गुरु वाणी का शबद फिर घर बेसहू हरिजन प्यारे, सतगुरु तुमने काज सांवरे, दुष्ट दूत परमेश्वर मारे,जन की पेज रखी करतारे शबद् को बड़े ही मनोयोग से सुनाकर कार्यक्रम को भक्ति मय बना दिया । 

इनके साथ ढोलक पर विजेंद्र सिंह राठौड़ उर्फ नगीना ने असरदार संगतकर शबद् कीर्तन की शाम को सुरमई बना दिया l कार्यक्रम की उद्घोषणा वरिष्ठ रंगकर्मी गुरमिंदर सिंह पूरी रोमी ने की ।

कार्यक्रम में स्वदेश रसोई के निदेशक भूपेंद्र सिंह शेखावत ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। संयोजक नवल डांगी तथा प्रकाश एवं कैमरा मनोज स्वामी एवं संगीत सागर गढवाल ने किया। मंच सज्जा अंकित शर्मा नोनू एवं जीवितेश शर्मा की रही।