कोटा - हंसपाल यादव 
भारत आज एक बड़े बदलाव से गुजर रहा है। हम दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। इस परिवर्तन की नींव का पत्थर हमारी सेवानिवृत्त विभूतियों ने रखा है। उन्हीं के कारण यह बदलाव आ रहा है, पूरे देश उन्हें नमन करता है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यह बात मंगलवार को सेवानिवृत्त गौरव समारोह में कही। कोटा के दशहरा मैदान में आयोजित भव्य समारोह में इन विभूतियों के साथ उपराष्ट्रपति धनखड़, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला तथा केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शिक्षकों को भी सम्मानित किया। शिक्षकों के योगदान की सराहना करते हुए धनखड़ ने कहा कि शिक्षक ही विद्यार्थी की कमजोरी को ताकत में बदलता है। 
धनखड़ ने कहा कि आज भारत के नाम का डंका सम्पूर्ण विश्व में बज रहा है। दुनिया के पटल पर देश की प्रगति को देख हर भारतीय का मस्तक गर्व से ऊंचा उठ जाता है। आज अनेक क्षेत्र में हम विश्व की महाशक्तियों से आगे हैं। यह सब सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों और शिक्षकों के योगदान के कारण ही संभव हो सका है।
इस अमृतकाल में हम वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इस संकल्प को सिद्धी तक भले ही युवा पहुंचाएंगे लेकिन उनकी प्रेरणा के स्रोत और मार्गदर्शक यह सेवानिवृत्त विभूतियां और शिक्षक ही होंगे। युवा इनसे जितना अधिक सीखेंगे, वह देश के लिए उतना ही अधिक समर्पित होकर कार्य कर पाएंगे।
आपदा और विपदा में भी सेवा में अग्रणी रही सेवानिवृत्त विभूतियां: बिरला
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी वह चाहे आपदा और विपदा का समय हो या नए भारत के निर्माण के लिए खून-पसीना बहाने का वक्त, सेवानिवृत्त विभूतियों ने सदैव राष्ट्र प्रथम की भावना से देश की सेवा की है।  बिरला ने कहा कि सेवानिवृत्त विभूतियों ने कर्मयोगी की तरह कठिन परिश्रम, त्याग और समर्पण से राज्य और देश को नए वैभव तक पहुंचाया। आजादी के बाद देश में जब बुनियादी सुविधाओं का अभाव था तब हमारे शिक्षकों ने शिक्षा के प्रकाश को गांव-गांव तक पहुंचाया। यह समय है जब हम इन सेवानिवृत्त विभूतियों और शिक्षकों को प्रणाम कर उनके जीवन से प्रेरणा ग्रहण करें। उनका सम्मान करना हम सब के लिए गौरव की बात है।
स्पीकर बिरला ने सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों और शिक्षकों का आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान और अनुभव से नई पीढ़ी का मार्गदर्शन करें। विकसित भारत के संकल्प की सिद्धी में अपनी भूमिका स्वयं निर्धारित कर अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। 
सेवानिवृत्त विभूतियां भी हमारी गुरूः जोशी
संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि आज हम शिक्षक दिवस मना रहे हैं। शिक्षक ही एक विद्यार्थी को उसके सपने पूरे करने की राह दिखाते हैं। यह सेवानिवृत्त विभूतियां भी हमारे गुरू के समान हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए भारत-विकसित भारत के निर्माण की संकल्पना देश के सामने रखी है। 
धनखड़ और जोशी ने की बिरला की सराहना
कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की जमकर सराहना की। धनखड़ ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं और बिरला यहां की संसद के गौरव हैं। कोटा के लोगों ने देश को एक रत्न दिया है, जिसके नाम की गूंज पूरी दुनिया में है। सभी राजनीतिक दल उनका बेहद सम्मान करते हैं। वे अमृतकाल में देश के 140 करोड़ लोगों को नेतृत्व कर रहे हैं। संसद के नए भवन के साथ उनका नाम भारत के इतिहास में दर्ज हो गया है। वह हम सब के लिए बेहद गर्व भरा क्षण था जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संसद का नया भवन देश को समर्पित किया। मंत्री जोशी ने कहा कि स्पीकर बिरला जिस हुनर के साथ लोक सभा में सदन का संचालन करते हैं, वह हम सब के लिए गौरव की बात है। भारत के संसदीय इतिहास में हमने ऐसा अध्यक्ष नहीं देखा जिन्होंने बिरला की तरह सबको साथ लेकर कार्यवाही का संचालन किया हो।
कोटा भारत का नॉलेज सेंटर, यहां पूरी होती हैं युवाओं की आकांक्षाएं
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कार्यक्रम के दौरान कोटा की भी खुलकर सराहना की। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कोटा देश का नॉलेज सेंटर हैं। यहां आकर युवाओं की आकांक्षाएं पूरी होती हैं। अपने स्वर्णिम भविष्य के लिए युवा कोटा आते हैं। यह शहर युवाओं को वह सामर्थ्य प्रदान करता है जो उन्हें 2047 तक भारत को नई बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए सक्षम बनाता है। धनखड़ ने कोटा से स्वयं का भी गहरा जुड़ाव बताया। उन्होंने कहा कि कोटा ने उनकी वकालत को सींचा है और समर्थन दिया है। मंत्री जोशी ने कहा कि कोटा से देश के भविष्य को प्रारूप मिलता है। कोटा से जो टैलेंट लांच होता है वहीं भविष्य में श्रीहरिकोटा से सैटेलाइट लांच करता है। कोटा की धरती को मैं प्रणाम करता हूं। 
धनखड़ और बिरला दोनों शिक्षकः जोशी
केंद्रीय मंत्री जोशी ने आपने सम्बोधन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी शिक्षक की संज्ञा दी। जोशी ने कहा कि संसद में जब भी पक्ष और विपक्ष में दूरी बनती है तो वे दोनों पक्षों को बुलाकर समझाते हैं। संविधान तथा सदन की नियमों और प्रक्रियाओं की शिक्षा देते हैं। सदन में सुचारू रूप से कार्य करवाते हैं।