जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर शहर में पुरानी विधानसभा टाउन हॉल व होमगार्ड कार्यालय परिसर पर फिर से कब्जा लेने के लिए दायर अपीलों पर हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस नरेन्द्र सिंह की अदालत ने पूर्व राजपरिवार की सदस्य पद्मिनी देवी व अन्य की ओर से दायर अपीलों पर सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया।

दायर अपीलों में कहा गया था कि टाउन हॉल व जलेब चौक परिसर स्थित लेखाकार कार्यालय को कोवेनेंट में निजी संपत्ति माना गया था और सरकार को उसके उपयोग के लिए लाइसेंस पर दिया गया था। इसके अनुसार जब तक सरकार इस संपत्ति को उपयोग में लेगी। तब तक वह ही इसका रखरखाव करेगी, लेकिन अब जिस उद्देश्य से यह संपत्तियां सरकार को दी गई थी। उस उद्देश्य से सरकार इनका उपयोग नहीं कर रही है। ऐसे में यह संपत्तियां वापस दिलाई जाए।

सरकार बना रही अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम
पूर्व राजपरिवार की ओर से कहा गया अब टाउन हॉल का राजस्थान विधानसभा के लिए उपयोग होने के बाद राज्य सरकार यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम बनाना चाहती है। इसी तरह लेखाकार कार्यालय को दी गई संपत्ति का अब होम गार्ड कार्यालय के लिए उपयोग हो रहा हैं। लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं रही है। जिस उद्देश्य के लिए संपत्तियां दी गई थी, वह पूरा होने के कारण अब पूर्व राज परिवार को वापस दे दिया जाए। इस मामले में एडीजे कोर्ट में टीआई-दावा पेश किया गया था, लेकिन अधीनस्थ कोर्ट ने अस्थाई निषेधाज्ञा के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया हैं।

सरकार ने कहा- यह संपत्तियां कोवेनेंट में मिली है
वहीं सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि कोवेनेंट में उपरोक्त संपत्तियां राज्य सरकार को देने के बारे में लिखा गया है। सरकार को यह संपत्ति कोवेनेंट से मिली है, ना की लाइसेंस के जरिए। कोवेनेंट को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है। जिस दिन कोवेनेंट लिखा गया था, उस समय वहां विधानसभा अस्तित्व में ही नहीं थी। ऐसे में सरकार उपरोक्त परिसरों का कोई भी उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अपीलों पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।