जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

केन्द्र सरकार का पर्यटन मंत्रालय देश में टूरिज्म सर्किट बनाकर विकास कर रहा है। अब राजस्थान में डेस्टिनेशन टूरिज्म को जोड़ा जाएगा। इनक्रेडिबल इंडिया अभियान के तहत स्वदेश दर्शन योजना में राजस्थान के दो शहरों को चुना गया है। ये शहर हैं- जोधपुर और बूंदी।

दोनों शहर है अपनी हेरिटेज पहचान रखते हैं। फिलहाल दोनों ही शहरों में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में कमेटियां बनी हैं। इन कमेटियों का फोकस 50 किमी के रेडियस को डवलप करना और टूरिस्ट का स्टे इन शहरों में बढ़ाने पर होगा। राजस्थान और जोधपुर का टूरिज्म वापस उसी ऊंचाई पर है, जिस ऊंचाई पर कोरोना से पहले था।

क्या है स्वदेश दर्शन योजना

केन्द्र सरकार के पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की ओर से इस योजना को 2014-15 में शुरू किया गया था। इसमें विशेष तौर पर पर्यटन सर्किट बनाने पर काम होता है। इस योजना का उद्देश्य भारत में पर्यटन की क्षमता को बढ़ावा देना, विकसित करना है।

स्वदेश दर्शन योजना के तहत, पर्यटन मंत्रालय सर्किट के विकास के लिए राज्य सरकारों को बजट देता है। इस योजना की परिकल्पना स्वच्छ भारत अभियान, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि जैसे अन्य योजनाओं के साथ तालमेल बिठाने के लिए की गई थी।

कैसे करेगी यह फायदा

इस योजना के जरिये राजस्थान में फिलहाल जोधपुर व बूंदी को शामिल किया गया है। इसमें डेस्टिनेशन डवलपमेंट पर काम किया जाएगा। जोधपुर में हेरिटेज स्पॉट का विकास कर यहां प्रयास रहेंगे कि पर्यटकों को एक दिन ज्यादा रोका जाए।

फिलहाल देसी-विदेशी पर्यटकों काे यहां स्टे दो दिन का होता है। लेकिन इसे बढ़ाकर तीन दिन करने का लक्ष्य है। इससे यहां पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हजारों लोगों का रोजगार और आर्थिक विकास की दर भी तेज हो।

दो शहरों का ही चयन क्यों

जोधपुर और बूंदी दो हैरिटेज के नजरिए से समृद्ध हैं। दोनों ही शहरों में पुरानी बावड़ियां और महल हैं। जिनके विकास पर काम किया जा सकता है। यदि उनका विकास होता है तो यह पर्यटकों को काफी आकर्षित कर सकते हैं। विदेशी पर्यटकों को भी राजस्थान को हैरिटेज काफी पसंद आता है।

अभी यह चल रहा काम

पर्यटन विभाग राजस्थान के उप निदेशक भानु प्रताप सिंह ने बताया- इस योजना में शामिल होने के बाद अभी जोधपुर-बूंदी जिलों में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में कमेटियां बनी हैं। इसमें टूरिज्म डिपार्टमेंट के लोग भी शामिल हैं।

इसके अलावा अन्य शहरी विकास व सरकारी विभाग के जिला स्तर के अधिकारी भी इसमें सदस्य हैं। इनकी बैठकें हो चुकी हैं और फिलहाल ऐसे हैरिटेज स्पॉट को चिह्नित करने का काम किया जा रहा है जो अच्छी स्थिति में नहीं हैं, साथ ही ये डेस्टिनेशन पर्यटन के लिए अच्छा विकल्प हो सकते हैं। जोधपुर शहर में परकोटा शहर के हेरिटेज स्पाॅट की लिस्ट बन रही है।

डीपीआर बनने के बाद मिल सकता है 70 करोड़ का बजट

इस प्रोजेक्ट में स्पॉट फाइनल होने के बाद रिपोर्ट पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार का भेजी जाएगी। इसके बाद जिन स्पॉट पर काम करना है उनकी डीपीआर तैयार करवाई जाएगी। एक डेस्टिनेशन के लिए भारत सरकार की ओर से 70 करोड़ रुपए का बजट मिलने का प्रावधान है।

जोधपुर में प्रमुख स्पाॅट

जोधपुर में घंटाघर क्षेत्र, तूअरजी का झालरा (स्टेप वेल), ब्लू सिटी एरिया, जूनी मंडी की पुरानी हवेलियां प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। इसके अलावा 50 किमी रेडियस में रुरल टूरिज्म की बात करें तो ओसियां में रेतीले धोरे और सफारी भी है।

क्या है जोधपुर की स्थिति

वर्षदेसी पर्यटकविदेशी पर्यटक
2019509325704 (कोविड से पहले)
2022989382058 (पिछले साल)
20231330244287

(यह आंकड़े हर साल जुलाई माह के हैं, यह सीजन शुरू होने से पहले का समय होता है)