चित्तौड़गढ़ - गोपाल चतुर्वेदी
चित्तौड़गढ़ में  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से दिनों स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए यूटीबी के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। जिसमें चिकित्सक,नर्सिंग कर्मी और फार्मासिस्ट सहित अन्य रिक्त पदों को भरने के लिए यूटीबी के माध्यम से प्रक्रिया जारी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दस्तावेज सत्यापन के लिए सूची जारी की गई है। जिस पर अब सूची में शामिल किए गए बाहरी अभ्यर्थियों को लेकर बवाल मचाना शुरू हो गया है। शुक्रवार को नर्सिंग कर्मियों ने सीएमएचओ रामकेश गुर्जर के समक्ष उपस्थित होकर अपनी नाराजगी और विरोध प्रकट किया। लेकिन सीएमएचओ की ओर से उन्हें किसी प्रकार का ठोस आश्वासन नहीं मिलने के बाद नर्सिंग कर्मियों ने इसके विरोध स्वरूप जिला कलेक्टर को ज्ञापन सो

सौंपा है। कुछ नर्सिंग कर्मियों ने सीएमएचओ के व्यवहार और हठ धर्मिता को लेकर को लेकर जिला कलेक्टर को शिकायत दर्ज कराई है।
इसके बारे में जानकारी देते हुए नर्सिंग कर्मी अभ्यर्थी श्याम सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी और पीएचसी में रिक्त पदों को भरने के लिए युटीबी माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है।  
अन्य जिलों के अभ्यर्थियों को भी दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया है जबकि इस भर्ती प्रक्रिया में नियमानुसार स्थानीय गृह जिलों को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उक्त भर्ती में कोविड -19 के दौरान कार्य करने वाले अनुभवी को प्राथमिकता नहीं दी गई। जबकि अन्य जिलों में इस दौरान कार्य करने वालों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने बताया कि उक्त भर्ती में किसी प्रकार की पारदर्शिता नहीं दर्शायी गई। जिसमें अभ्यार्थियों में संदेह व्याप्त है उन्होंने बताया कि उक्त भर्ती में अन्य जिलों के लगभग 23 अभ्यर्थी हैं। उन्होंने मांग की है कि सूची को एक बार फिर से त्रुटि संशोधन करके नई जारी की जाए।
इस बारे में जानकारी देते हुए महिला अभ्यर्थी प्रत्युशा ने बताया कि जारी की गई सूची में पारदर्शिता नहीं है। किसी की शिकायत लेकर जब हम सीएमएचओ के पास पहुंचे तो उनका व्यवहार हमारे प्रति सही नहीं दिखा। एक अधिकारी को हर व्यक्ति की बात को सुनना चाहिए। जबकि सीएमएचओ और रामकेश गुर्जर ने हमारी बात नहीं सुनी ओर कहा कि आप मर्जी हो उसकी शिकायत कर दीजिए, इसी को लेकर हम जिला कलेक्टर से मिले हैं और अपनी बात रखी है।