बाबा रामदेव मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शहर की समाजसेवी संस्थाएं भंडारे लगाकर उनकी सेवा कर रही है। शहर के पाली जोधपुर हाईवे पर मोगड़ा के पास बाबा के मेले में आने वाले जातरूओं के लिए अनूठा भंडारा लगाया गया है। जहां आने वाले श्रद्धालुओं को मेहमानों की भांति भोजन करवाने के साथ ही अन्य सुविधाएं भी की गई है। पिछले 19 साल से यह भंडारा लगाया जा रहा है।
भंडारा लगाने वाले प्रदीप छाजेड़ ने बताया कि गुरू कलापूर्ण सुरीजी की प्रेरणा के साथ 2005 में इसकी शुरूआत की थी। हर साल यहां पर अलग अलग नवाचार करते थे। शुरूआत में 5 हजार के करीब जातरू आते थे, धीरे धीरे बढ़कर 35 हजार तक पहुंच गई। अब यहां पर रोजाना 50 हजार के करीब जातरू रोजाना भोजन प्रसाद ग्रहण करते हैं।
1 से 9 सितम्बर तक यह भंडारा लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस भंडारे में रोजाना 150 स्टाॅफ सहित 50 से 60 अन्य लोग भी सेवा देते हैं।
भंडारे की शुरूआत के बारे में बताया कि उनकी सासु शांति देवी जैन को 2005 में भाद्रपद माह में जातरूओं की भीड़ देखकर उन्होंने अपने बेटे रमेश जैन को पानी की मटकियां लगाने की सलाह दी। इस पर उन्होंने कहा कि जातरूओं के लिए भोजन की व्यवस्था भी कर देते हैं। इसके बाद शुरूआत में शहर में इस भंडारे की शुरूआत हुई। जातरूओं की भीड़ बढ़ी तो इसके मोगड़ा में लगाना शुरू किया।
मेले का प्रबंधन देखने वाले राकेश चौहान ने बताया कि 2005 में भैरूजी चौराहा के पास इसकी शुरूआत की थी। उस समय 5 हजार लोग आते थे, लेकिन आज यहां पर 50 हजार के करीब जातरू आते हैं। सुबह 4 बजे से यह भंडारा शुरू होता है। जिसमें जातरूओं को सुबह चाय, नाश्ता, टोस्ट दिए जाते हैं। सुबह 10 बजे से भोजन शुरू हो जाता है। जो रात 8 बजे तक चलता है। इसमें जातरूओं को कड़ी, खिचड़ी, देशी घी का हलवा, रोटी, पूरी परोसी जाती है।
इस भंडारे में प्रतिदिन 5 से 6 लाख रूपए खर्च हो रहे हैं। बेहतरीन व्यवस्थाओं के लिए 150 स्टाॅफ भी लगाए गए हैं। इसके अलावा इमरजेंसी के लिए एक एम्बुलेंस भी रखी गई है। जातरूओं की सुविधा के लिए मोबाइल चार्जिंग के 25 पोइंट लगाए गए हैं। जिसमें 500 मोबाइल चार्जिंग की सुविधा है।
भजनों पर नृत्य करने के लिए डीजे सेटअप और फलोर भी लगाया गया है। 60 गुणा 160 का टेंट जातरूओं के भोजन प्रसाद के लिए लगाया गया है। इसके साथ ही आरओ वाटर पीने को दिया जा रहा है।
रोजाना 7 से 8 हजार जातरूओं को मेडिकल सुविधा भी दी जा रही है। इसके लिए डाॅक्टर, नर्सिंगकर्मी और मेडिकल स्टाॅफ लगाए गए हैं। जो निःशुल्क दवाईयां देने के साथ ही जातरूओं का हैल्थ चैकअप भी कर रहे हैं। भंडारे का समापन 10 सितम्बर को किया जाएगा। वहीं जातरूओं की सेवा को देखने के लिए यहां जनप्रतिनिधि, समाजसेवी से लेकर संत महात्मा भी पहुंच रहे हैं।
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