जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर सचिवालय में पोस्टेड वित्तीय सलाहकार ज्याेति भारद्वाज ने दाे दिन में (4 व 5 मार्च 2022) जयपुर में करीब पांच कराेड़ के 26 फ्लैट खरीदे। इनमें 15 की रजिस्ट्री खुद के और 11 की बेटे रोहन वशिष्ठ के नाम करवाई गई। रजिस्ट्री महज 48 घंटाें में ही हुई है।

खास बात यह है कि फ्लैटाें की रजिस्ट्री में भारद्वाज ने जाे चेक देना बताया, उन्हें आज डेढ़ साल बाद भी बैंक से भुनाया ही नहीं गया। कर्मचारियों द्वारा सरकार को हर साल दी जाने वाली प्रोपर्टी डिटेल्स में भी इन फ्लैट्स का जिक्र नहीं है।

विवरण में तीन मकान बताए, जिनमें एक को पति के लोन व दो को खुद के लोन से लेना दिखाया है। रजिस्ट्री मानसराेवर सब रजिस्ट्रार कार्यालय जयपुर में हुई हैं और इनकी कीमत 4.71 कराेड़ रुपए है। स्टांप ड्यूटी करीब 30 लाख रुपए चुकाई गई।

अभी ज्योति भारद्वाज शासन सचिवालय जयपुर में कार्मिक विभाग के स्टाेर में सामान खरीदने की प्रभारी अधिकारी हैं। वे अलवर में लंबे समय तक जिला काेषाधिकारी व मत्स्य यूनिवर्सिटी में वित्त नियंत्रक पद पर रह चुकी हैं।

बड़ा सवाल... कहां से आए 5 कराेड़, पेमेंट कैसे हुआ

फ्लैट मानसराेवर लिंक राेड जेडीए मार्केट स्थित बाेनी बिल्डटेक के निदेशक अजय सिंह पुत्र मालाराम निवासी गायत्री नगर दुर्गापुरा जयपुर से खरीदे हैं। इनके लिए कोई लाेन भी नहीं लिया। ऐसे में सवाल है कि यह पैसा कहां से आया? चेक डीएलसी दर से हैं, वास्तविक बाजार कीमत कई गुना ज्यादा है।

ज्योति के नाम ये फ्लैट

फ्लैट संख्या 1205, 1207, 1203, 1204, 1214, 1216, 1007, 1014, 1015, 1016, 1104, 1105, 1115, 1116 व 1119 की 5 मार्च 2022 को ज्योति भारद्वाज के नाम रजिस्ट्री कराई गई। इनकी कुल कीमत 2.74 करोड़ रुपए है। इनकी रजिस्ट्री के लिए 17.08 लाख चुकाए गए।

बेटे के नाम ये फ्लैट

फ्लैट संख्या 707, 714, 804, 807, 814, 816, 904, 1008, 919, 1004 व 916 की 4 मार्च 2022 काे रजिस्ट्री ज्योति भारद्वाज के बेटे रोहन वशिष्ट के नाम कराई गई। इनकी कुल कीमत 1.97 करोड़ रुपए है और रजिस्ट्री के लिए स्टाम्प ड्यूटी 12.24 लाख चुकाई गई।

बिल्डर बोला- हमारे साथ फ्रॉड हुआ

बाेनी बिल्डर्स के अजय सिंह के पुत्र अनुराग ने कहा कि हमारे साथ फ्राॅड हुआ है और मामला अभी काेर्ट में चल रहा है। उनके दिए सभी चेक बाउंस हो गए हैं। वहीं, ज्याेति भारद्वाज ने कहा कि यह हमारी बिजनेस डील थी, मेरे पति अरविंद आपकाे पूरा बताएंगे। अरविंद से बात की ताे उन्हाेंने कहा कि कुछ चेक ज्याेति के थे और कुछ मेरे। चेक कैश नहीं कराने पर बोले- मेरे व बिल्डर के बीच का मामला है। मामला अभी सब ज्यूडिशियस है।