जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

घटनाक्रम अनुसार 13 अक्टूम्बर 2021 को जोधपुर में रातानाड़ा पुलिस थानाधिकारी लीलाराम की ओर से जबावी कार्यवाही का हवाला देते हुए लवली कण्डारा की गोली लगने से मौत होना बताया गया था, जिसमें लवली की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस मामले में लीलाराम द्वारा अपने स्तर पर ही एफआईआर दर्ज कर जॉच कर राज्यकार्य में बाधा आदि धाराओं में मुकदमा दर्जकर धारा 307 के आरोप में लवली की फायरिंग में मौत होना बताया था। जिस पर लवली के परिजनों एवं वाल्मिकी समाज द्वारा धरना प्रदर्षन किया गया था। इसके बाद पूलिस विभाग द्वारा उच्च स्तरीय जॉच कमेटी बनाकर लीलाराम को क्लीन चीट दी गई थी। उपरोक्त घटनाक्रम के बाद लवली के परिजन नरेश कण्डारा द्वारा अधिवक्ता बी आर मेघवाल के मार्फत एससीएसटी कॉर्ट में प्रार्थनापत्र पेश कर तत्कालिक थानाधिकारी लीलाराम अन्य द्वारा मिलीभगत एवं षडयंत्रपूर्वक नियोजित तरीके से एक सोची समझी साजिष व मास्टप्लान के तहत् बीजेएस कालवी प्याउ के आगे मुख्य रोड़ पर रामदेव मन्दिर के पास गोली मारकर हत्या कारित करने का आरोप लगाते हुए परिवाद दर्ज करवाया गया। जिस पर एससीएसटी न्यायालय द्वारा 2 दिसम्बर 2021 को रातानाड़ा थाने को लीलाराम एवं अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश पारित कर दिए थे। इसके बावजूद रातानाड़ा थाना द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। मजबूर होकर परिजनों ने हाईकोर्ट में एडवोकेट डी के गौड़ के मार्फत सीआरपीसी 482 में दरकार की, तब कहीं जाकर हाईकोर्ट की फटकार के बाद गुपचुप तरीके से तत्कालिक थानाधिकारी लीलाराम मेघवाल एवं अन्य पर हत्या आदि गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। राजस्थान पुलिस या किसी भी एजेन्सी पर विश्वास नहीं है, इसलिए इसकी सीबीआई से जॉच कराई जानी चाहिए।

इस मामले में मृतक लवली कण्डारा के चाचा चन्द्रप्रकाश कण्डारा, नरेश कण्डारा, किशन उर्फ मोण्टु कण्डारा ने प्रेस कॉन्फेस कर बताया कि एससीएसटी कोर्ट के आदेश के 17 से 18 माह बाद भी पुलिस थाना रातानाड़ा द्वारा उनका मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था। इसके बाद कॉर्ट के मार्फत जानकारी मिली कि उनका मुकदमा दर्ज हो गया है, तो उन्होंने ये मांग की है कि उन्हे राजस्थान पुलिस या राजस्थान की किसी भी जॉच एजेन्सी पर विश्वास नहीं है। चूंकि 5 जुलाई 2023 को मुकदमा दर्ज होने के बावजूद आज दिन तक लीलाराम एवं अन्य को निलम्बित नहीं किया गया है। इसलिए प्रकरण की जॉच सीबीआई से करवाई जाए। इस मामले को लेकर समाज प्रतिनिधिमंडल सीएम अशोक गहलोत से मिलकर सीबीआई जॉच की मांग करेगा। परिजनों ने बताया कि लवली के लिए किसी तरह का कोई आर्थिक मुआवजा आदि नहीं चाहिए, उन्हे केवल सीबीआई से जॉच चाहिए। यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो जोधपुर में सफाई व्यवस्था ठप कर आन्दोलन किया जाएगा। 

इस मामले में प्रथम दृष्टया जुर्म प्रमाणित है, इसलिए कोर्ट ने एफआईआर के आदेश दे दिए। एडवोकेट डी के गौड़ ने बताया कि एससीएसटी कोर्ट द्वारा करीब 17 से 18 माह पूर्व एफआईआर के आदेश जारी करने के बावजूद आज दिन तक एफआईआर दर्ज नहीं होने के कारण हाईकोर्ट ने तलब करके विभाग को फटकारा है। उसके बाद एफआरआई दर्ज की गई है। जिससे प्रथम दृष्टया जुर्म प्रमाणित हो रहा है। साथ ही बताया कि पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं करना एवं आरोपियों पर कार्यवाही नहीं करना इस बात को प्रमाणित कर रहा है कि राजस्थान पुलिस आरोपियों पर कार्यवाही नहीं करना चाहती है। इसलिए प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जानी आवश्यक है।