जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा न्यायपालिका व वकीलों को लेकर दिए बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि गहलोत का यह बयान उनकी हताशा व निराशा को दर्शाता है।

उन्होंने कहा- संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का न्यायपालिका पर इस तरह का बयान यह दर्शाता है कि संविधान और देश की न्याय व्यवस्था में इनका कोई विश्वास नहीं है, क्योंकि यह प्रदेश की कानून व्यवस्था को संभालने में पूर्ण रूप से विफल रहे हैं। आप कहते हैं कि संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जबकि आप संवैधानिक पद पर बैठे हैं और न्याय व्यवस्था पर प्रश्न उठा रहे हैं।

बीसीआर के पूर्व उपाध्यक्ष ने मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र
सीएम अशोक गहलोत के इस बयान के बाद प्रदेश में अब वकील भी उनके खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। बीसीआर के पूर्व उपाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह तंवर ने इसे लेकर राजस्थान हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शिकायती पत्र लिखा है।

उन्होंने लिखा- गहलोत ने न्यायपालिका पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सार्वजनिक रूप से बयान दिया है, इससे न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। ये अपमानजनक टिप्पणियां न केवल न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि कानूनी प्रणाली के सुचारू कामकाज में भी बाधा डालती हैं। उन्होंने आग्रह किया कि मुख्य न्यायाधीश इस पत्र को आपराधिक शिकायत के रूप में दर्ज करते हुए मामले में प्रसंज्ञान लेंवे।

गहलोत ने कहा था ज्यूडिशियरी में भयंकर भ्रष्टाचार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ज्यूडिशियरी में भयंकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मैंने सुना है कि कई वकील तो जजमेंट लिखकर ले जाते हैं, वही जजमेंट आता है। ज्यूडिशियरी के अंदर यह क्या हो रहा है? चाहे लोअर ज्यूडिशियरी हो या अपर हालात गंभीर हैं। देशवासियों को सोचना चाहिए।

उन्होंने कहा- भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर जो आरोप लगाए हैं, वो सही हैं। मुझे मालूम पड़ा है कि उनके (अर्जुन राम मेघवाल) आईएएस अफसर रहने के समय बहुत बड़ा करप्शन हुआ था, जिसको दबा दिया गया है। इन लोगों ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है।