उदयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

उदयपुर के डबोक स्थित महाराणा प्रताप हवाई अडडे के विकास को लेकर राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए 145 एकड़ भूमि नि:शुल्क देने के फैसले पर मुहर लगा दी है। इससे अब एयरपोर्ट की तस्वीर बदलने के लिए बड़े स्तर पर काम होगा। चार गांवों से जमीनें ली जाएगी।

जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर एयरपोर्ट के विकास एवं विस्तार के लिए अतिरिक्त 145 एकड़ भूमि निःशुल्क उपलब्ध करवाये जाने की मंजूरी दी है। इस भूमि के अधिग्रहण पर लगभग 83.50 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जो उदयपुर नगर विकास न्यास (यूआईटी) द्वारा वहन की जाएगी। बता दें कि यूआईटी को भी यूडीए में सरकार ने प्रमोट कर दिया है जिसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है।

इन चार गांवों की जमीनें होगी
गहलोत द्वारा दी गई इस स्वीकृति से उदयपुर एयरपोर्ट पर सुविधाओं का विस्तार हो सकेगा, जिससे यात्रियों को सुगमता होगी। ये भूमि उदयपुर के वर्तमान एयरपोर्ट से संलग्न 4 गांव डबोक, घणोली, टूस डांगीयान एवं मंदेसर में स्थित है। निजी खातेदारी की यह भूमि अधिकांश रूप से नगर विकास न्यास, उदयपुर के पेराफेरी क्षेत्र में है।

पहले ही एयरपोर्ट एडवाइजरी कमेटी भी राज्य सरकार से उदयपुर एयरपोर्ट को भूमि उपलब्ध कराने की मांग कर चुकी है। एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए रनवे को बढ़ाना होगा। इसके लिए एयरपोर्ट प्रशासन ने 145 एकड़ भूमि की जरूरत बताई और उसी की स्वीकृति सरकार ने दी है। विस्तार में रनवे का विस्तार होने के साथ यहां बड़े विमान यानी एयरबस भी आसानी से उतर पाएंगे।