जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

जयपुर में पिछले दिनों हुई तेज बारिश के बाद शहर के कई इलाकों में पानी भर गया। नालों का पानी सड़क पर बह निकला। जब बारिश कम हुई तो शहर की गलियों और सड़कों पर मिट्टी भरी पड़ी है। जयपुर की दिल्ली रोड स्थित गणेशपुरा कच्ची बस्ती का वार्ड नंबर 84 भी मिट्टी के मलबे से भर गई। पूरे रास्ते पर दो से 3 फीट तक मलबा जम गया। लोगों के सड़क किनारे खड़ी गाड़ियां मिट्टी में दब गई कई घरों में गाद और पानी भर गया।

दरअसल, बस्ती के पीछे एक मिट्टी का टीला है। यह मिट्टी का टीला बारिश के पानी के साथ बस्तियों में आ गया। बस्ती पहाड़ी के बिल्कुल नीचे है। इससे जंगलों में इकट्ठा पानी और मिट्टी धीरे-धीरे सड़कों पर बह निकला।


कॉलोनी के लोगों ने बताया- 2020 में जब यहां पर बाढ़ जैसे हालत हो गए थे। तब प्रशासन ने इस टीले के नीचे एक बांध बनाया था। उस बांध का काम आधा अधूरा छोड़ दिया गया। पत्थर और लोहे की तार से बांध को तैयार किया गया था। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इस बांध का काम पूरा नहीं किया गया। इसकी वजह से यह फिर से दोबारा गलियों में मिट्टी भर गया।

बस्ती में बांध के पास रहने वाले युवक रवि ने बताया- शनिवार की सुबह 4:00 बजे बारिश हो रही थी। सारे मोहल्ले वाले जाग गए। पिछली बार का अंदेशा था कि कुछ ऐसा हो सकता है। इसलिए सभी ने सतर्कता बरतते हुए अपनी अपनी गाड़ियां मोहल्ले से बाहर निकालना शुरू कर दिया। मोहल्ले वाले गलियों को छोड़ छोड़ कर बाहर आ गए। कुछ लोग सड़कों पर से अपनी गाड़ी हटाने लगे। पानी का बहाव तेज आया तो सब छोड़कर भाग खड़े हुए।

सुबह 7:00 बजे तक पूरी सड़क पर मिट्टी ही मिट्टी था। जो गाड़ियां नहीं निकल पाई थी वह मिट्टियों में फंस गई। कोई अपने घर में मिट्टियों को साफ करता हुआ दिखा। कोई अपनी फंसी हुई गाड़ियों को निकालने की कोशिश कर रहा था।

स्थानीय लोगों का कहना था कि नगर निगम की ओर से भी टीम शनिवार दोपहर 3:00 बजे पहुंची। शाम 6:00 बजे स्थानीय विधायक रफीक खान लोगों के साथ पहुंचे उन्होंने बताया है कि 5 से 6 दिन में पूरा मलवा साफ हो जाएगा।

बस्ती की 800 से 900 मीटर लंबी सड़क पर मिट्टी ही मिट्टी भर गई। मोहल्ले की 20 से 25 मकानों में मिट्टी भर गई। वहीं लोगों के घरों में पानी चला गया। अपने घरों से लोगों ने सामान खाली करना शुरू कर दिया। दूसरे कोई घरों में सामान रखा।

बस्ती में ही गंगेश्वर महादेव का मंदिर है। मिट्टी का मलवा इतना था की मंदिर में 4 से 5 फीट तक मलवा भर गया। मंदिर का गेट खोलना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं, मंदिर का शिवलिंग भी मलबे के नीचे दब गए।

मोहल्ले में रहने वाले मोहन अग्रवाल ने बताया- घरों में 2 से 3 फीट तक मिट्टी और पानी भर गया। सफाई तो कर दी। टैंक में पूरा गाद भर गया है। समझ नहीं आ रहा अब क्या करें। स्थानीय निवासी अशोक ने बताया- हमारे घरों में पानी भर गया। घर में रखे सारे सामान खराब हो गए। अपने घर का सामान निकाल निकाल कर दूसरों के घरों में रखना पड़ा। खाना बनाने तक की जगह नहीं बची है। ना पानी है ना रोटी है ऐसे में हम जाए तो जाए कहां। सरकार की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिली है।

बस्ती में जिस बोरिंग से पानी सप्लाई होता है। वह बोरिंग भी मिट्टी के नीचे दब गया। इससे 2 दिनों से बस्ती में पानी तक नहीं आया। नगर निगम की टीम लगातार जेसीबी ट्रैक्टर और डंपर की मदद से राहत का काम कर रही है।