श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा
बच्चों की पहली गुरु ‘माता’ कहलाती है। उसके बाद परिवार और जो शख्स ताउम्र बच्चों को ज्ञान देता है वह होता है उसके विद्यालय के गुरु यानि शिक्षक। गुरु अपने व्यक्तित्व, व्यवहार, भाषा शैली और शिष्टाचार से विद्यार्थियों पर गहरी छाप छोड़ता है। बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं और उनके गुरु कुम्हार, जो बच्चों के भविष्य का निर्माण करते हैं। गुरु बच्चों को ज्ञान प्रदान कर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाता है। गुरुजनों की नि:स्वार्थ तपस्या को नमन करते हुए सेठ गिरधारीलाल बिहाणी एस.डी. शिक्षा ट्रस्ट श्रीगंगानगर जिले के शैक्षिक इतिहास में ऐतिहासिक नवाचार करने जा रहा है। बिहाणी शिक्षा ट्रस्ट द्वारा निजी विद्यालयों में सेवारत श्रेष्ठ शिक्षकों के लिये भामाशाह सेठ श्री सुशील कुमार बिहाणी की पुण्यतिथि 08 सितम्बर 2023 को ‘भामाशाह सेठ सुशील कुमार बिहाणी स्मृति आदर्श शिक्षक पुरस्कार-2023’ प्रारंभ किया जा रहा है। पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा बेहतरीन शिक्षकों का चयन कर भव्य समारोह में उन्हें इस गौरवमयी सम्मान से नवाजा जाएगा। 
क्या है ‘आदर्श शिक्षक पुरस्कार?’
‘आदर्श शिक्षक पुरस्कार-2023’ के लिये आवेदन पुस्तिका का बिहाणी शिक्षा ट्रस्ट के अध्यक्ष  जयदीप बिहाणी व पूर्व भाजपा विधायक डॉ. ओपी महेंद्रा ने विमोचन किया। इस संबंध में बिहाणी एसडी लॉ पी.जी. कॉलेज के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में बिहाणी चिल्ड्रन्स एकेडमी प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष श्री हिमांशु बिहाणी ने ‘आदर्श शिक्षक पुरस्कार’ के बारे में जानकारी दी। श्री हिमांशु बिहाणी ने बताया कि यह पुरस्कार निजी विद्यालयों में सेवारत उन शिक्षकों को समर्पित है जो विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ जीवन का व्यवहारिक ज्ञान प्रदान कर भविष्य उज्ज्वल बना रहे हैं। सरकारी और निजी शिक्षक, दोनों अपना कर्तव्य बखूबी निभा रहे हैं, लेकिन जहां सरकारी शिक्षक समय-समय पर सरकार और विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित होते रहते हैं, वहीं निजी विद्यालयों के शिक्षक श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बावजूद सम्मान से वंचित रहते हैं। इसीलिये यह पुरस्कार केवल निजी विद्यालयों के शिक्षकों को समर्पित है। इस पुरस्कार का उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा व नवाचार के लिये श्रेष्ठ शिक्षकों का उत्साहवर्धन करना और अन्य शिक्षकों को बेहतरीन कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करना है। 
चार श्रेणियों में 12 शिक्षकों को मिलेगा पुरस्कार
‘आदर्श शिक्षक पुरस्कार’ को चार श्रेणी मदर टीचर, सब जूनियर, जूनियर और सीनियर टीचर में बांटा गया है। सभी स्कूलों के प्राचार्यों को नॉमिनेशन प्रक्रिया का पत्र भेजा जा चुका है। प्रत्येक श्रेणी में से प्राचार्य विद्यालय से दो शिक्षक नॉमिनेट करेंगे। इस प्रकार श्रेणी अनुसार एक विद्यालय से अधिकतम आठ शिक्षक नॉमिनेट किये जा सकते हैं। चारों श्रेणी में कुल 12 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। नॉमिनेशन फार्म भरकर ट्रस्ट के केंद्रीय कार्यालय में 14 अगस्त 2023 तक जमा करवाने होंगे। 
चार चरणों में संपन्न होगी चयन प्रक्रिया
प्रसिद्ध शिक्षाविदें की ज्यूरी प्रथम चरण में प्राचार्य द्वारा भेजे गए नॉमिनेशन फार्म की जंाच करेगी। अस्पष्ट व अधूरी जानकारी वाले नॉमिनेशन फॉर्म को रद्द कर दिया जाएगा। द्वितीय चरण में कमेटी सदस्यों द्वारा शिक्षकों की क्लास परफॉर्मेंस उसके स्कूल में जाकर देखी जाएगी। तृतीय चरण में ज्यूरी चयनित शिक्षकों से साक्षात्कार कर फाइनल राउंड के लिए चयन करेगी। फाइनल राउंड में चयनित शिक्षकों को सार्वजनिक सम्मान समारोह में मंच से उद्बोधन देने का अवसर दिया जाएगा। उनके उद्बोधन में शिक्षा, मनोविज्ञान, बॉडी लैंग्वेज, शिक्षण पद्धति और शिक्षा शास्त्र के ज्ञान के समावेश के आधार पर आदर्श शिक्षकों का चयन किया जाएगा।
‘आदर्श शिक्षक पुरस्कार’ में मिलेगी नकद राशि
भामाशाह सेठ सुशील कुमार बिहाणी के आदर्शों पर आधारित इस पुरस्कार में चयनित शिक्षक को नकद राशि, सम्मान प्रतीक, शॉल व श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा। इसमें प्रत्येक श्रेणी में प्रथम पुरस्कार 21000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार 11000 व तृतीय पुरस्कार के रूप में 5000 रुपये नकद राशि प्रदान की जाएगी।  हिमांशु बिहाणी ने बताया कि आयोजन के लिए कमेटी गठित की गई है।