बाड़मेर ब्यूरो रिपोर्ट। 

दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पंजाब कांग्रेस प्रभारी एवं बायतु विधायक हरीश चौधरी की मुलाकात। इसके बाद जयपुर में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट फिर से सीएम अशोक गहलोत से मिलने के साथ ही राजस्थान में सियासी हलचल बढ़ने के साथ अलग-अलग कयास लगाए जाने लगे।

कयासों में एक कयास भी लगाया जा रहा था कि सीएम अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच सुलह के लिए राहुल गांधी ने हरीश चौधरी को जिम्मेदारी दी है। दूसरा कयास संगठन में प्रदेशाध्यक्ष से लेकर आमूलचूल परिवर्तन होने वाला है।

विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि चुनाव आ चुके है। इसको लेकर सभी नेताओं का साथ मुलाकात होती है और चर्चाएं होती रहती है। राहुल गांधी जी से पहले भी मिलता था। लेकिन इस बार मीडिया के जरिए बाहर आने पर इस पर चर्चा कुछ अधिक हो गई है। अशोक गहलोत के स्वास्थ्य के संबंध में मिलने गया। तो स्वाभाविक है कि दो राजनीतिक व्यक्ति बैठते है तो चर्चाएं होती है।

गहलोत और पायलट दोनो परिपक्व और कांग्रेस के बड़े नेता है। इनके सुलह के लिए राजस्थान स्तर तक किसी की भी आवश्यकता नहीं है। हरीश चौधरी को भी कोई कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
हरीश चौधरी ने कहा कि संगठन में बहुत बेहतरीन काम हो रहा है। गोविंद डोटासरा भी बहुत बेहतरीन काम कर रहे है। हमारे कांग्रेस प्रभारी के साथ सामंजस्य के साथ मिलकर काम कर रहे है। बदलाव की चर्चा किसी भी स्तर पर मेरे से किसी ने नहीं की है।

हरीश चौधरी ने कहा कि सचिन पायलट को जिम्मेदारी देने का अधिकार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पास है। खड़गे जी पायलट साहब को क्या जिम्मेदारी देते है यह अधिकार उनके पास है। मेरी चर्चा इस संबंध में किसी से नहीं हुई है। पायलट साहब से मेरी मुलाकात हुई थी। उसमें राजस्थान, किसान, नौजवान को लेकर हमारी चर्चा हुई है।