जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान यूनिवर्सिटी में 1 साल के लंबे इंतजार के बाद आयोजित हुई सिंडिकेट की बैठक के दौरान जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान पांच बार एबीवीपी और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया। जिसमें एक दर्जन छात्र घायल हो गए। वहीं पुलिस ने 15 से ज्यादा छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया। लगभग 6 घंटे चली सिंडीकेट बैठक में कई अहम प्रस्ताव स्वीकृत हुए जबकि कुछ को डेफर कर दिया गया। बैठक में यूजीसी रेगुलेशन 2018, छात्रों की फीस में बढ़ोतरी नहीं करने, वीसी सर्च कमेटी का गठन, दिव्यांग कर्मचारियों को वाहन भत्ता, 2004 से पहले नियुक्त कार्मिकों को RGHS सुविधा वैकल्पिक रखने जैसे अहम प्रस्ताव पास हुए जबकि आईपीडी टावर के लिए 10 हजार 750 वर्गमीटर जमीन दिए जाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया।
लगभग 6 घंटे चली सिंडिकेट की बैठक में राजस्थान विश्वविद्यालय 2023-24 के लिए 431 करोड़ का बजट पास किया गया। वहीं कुलपति सर्च कमेटी के गठन के साथ ही सर्च कमेटी में कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रहे डॉ लक्ष्मीनारायण हर्ष को सदस्य नियुक्त किया गया। इस बैठक में यूजीसी रेगुलेशन 2018 को पास किया गया। जिसके चलते अब पीएचडी एंट्रेस टेस्ट की राह भी खुल गई है। वहीं इस साल छात्रों की फीस में होने वाली 10 फीसदी बढ़ोतरी नहीं करने का प्रस्ताव भी जारी किया गया।
सिंडिकेट सदस्य और विधायक अमीन कागजी ने बताया कि राजस्थान विश्वविद्यालय और उसके संघटक कॉलेजों के छात्रों पर कोई अतिरिक्त भार ना पड़े। इसे ध्यान में रखते हुए फीस नहीं बढ़ाने का फैसला लिया। इसी के साथ इस साल एग्जामिनेशन फीस भी नहीं बढ़ाई जाएगी। वहीं पिछले साल राजस्थान विश्वविद्यालय को सरकार की ओर से 132 करोड़ की ग्रांट मिली थी। इस बार जो घाटे का अनुमान है, वो करीब 75 करोड़ का है। ऐसे में अब ग्रांट को 10% बढ़ाकर लगभग 142 करोड़ की ग्रांट इस साल मिलना प्रस्तावित है।
जो सरकार का राजस्थान यूनिवर्सिटी से कमिटमेंट है। इसके अलावा राजस्थान विश्वविद्यालय में शिक्षकों के स्थायीकरण का मुद्दा लंबित था। इसके लिफाफे सिंडिकेट में खोले गए और जो समिति ने अनुशंसा की थी। उसमें सहायक पुस्तकालय, शारीरिक शिक्षा और दो फैकल्टी को मिलाकर करीब 22 लोगों का स्थायीकरण किया गया है। वहीं यूजीसी रेगुलेशन 2018 को अक्षरश: मानने का प्रस्ताव पास किया गया है। दिव्यांग कर्मचारियों के लिए भत्ते का प्रावधान किया गया।
सिंडिकेट बैठक में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव में सरकार की ओर से महाराजा कॉलेज के गोखले छात्रावास की 10 हजार 750 वर्गमीटर जमीन दिए जाने के प्रस्ताव पर भी ज्यादातर सदस्यों ने अपनी असहमति जताई। जिसके चलते ये प्रस्ताव पास नहीं हो सका। वहीं 5 रिसर्च एसोसिएट का प्रस्ताव सरकार से प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति नहीं आने तक पास नहीं किए जाने का फैसला लिया। इसके अलावा शोध छात्र प्रतिनिधि रामस्वरूप ओला के निर्वाचन को सीज किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया।
दरअसल, शोध छात्र प्रतिनिधि रामस्वरूप ओला को इंटरप्रिटेशन कमेटी की ओर से चुनाव लड़ने के लिए योग्य करार दिया गया था। जबकि इंटरप्रिटेशन कमेटी के पास ये अधिकार नहीं है कि वो किसी को योग्य करार देने का फैसला ले सके। इस संबध में प्रार्थी की ओर से एससी- एसटी कमिशन में शिकायत दी गई थी। जिसके बाद आज सिंडिकेट की बैठक में ये प्रस्ताव पास किया गया।
वहीं इससे पहले सिंडिकेट बैठक के दौरान राजस्थान यूनिवर्सिटी में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर जमकर लाठियां बरसाईं। स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी में मूलभूत समस्याओं को लेकर मांग कर रहे थे। इन्हें रोकने के लिए यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया था। प्रदर्शनकारी छात्र बैरिकेड तोड़ कुलपति सचिवालय तक पहुंच गए और वहां हो रही सिंडिकेट की बैठक में हंगामा करने लगे। इस पर पुलिस ने लाठी चार्ज छात्रों को खदेड़ा।
दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र मनु दाधीच, भरत भूषण बड़ी संख्या में प्रदर्शन करने कुलपति सचिवालय की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग कर पहले ही रोक दिया। इससे नाराज छात्र पुलिस से उलझ गए और बैरिकेडिंग हटाकर कुलपति सचिवालय की ओर बढ़ने लगे।
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