कर्नाटक में जो मुद्दे कांग्रेस की जीत का कारण बने, अब राजस्थान में उन्हीं मुद्दों के सहारे बीजेपी ने सत्ता में वापसी का रोडमैप तैयार किया है। कर्नाटक में कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार को बनाया था। वहां 40 प्रतिशत कमीशन का नारा देकर कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया।
अब राजस्थान में बीजेपी ने अपनी रणनीति में बदलाव करके भ्रष्टाचार को ही सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर कांग्रेस के खिलाफ जनाक्रोश पैदा करने की तैयारी की है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का कहना है कि कांग्रेस के शासन में 50 प्रतिशत कमीशनखोरी है। भ्रष्टाचार चरम पर है। यह ऐसा मुद्दा है जो आम जन से जुड़ा है। इस मुद्दे को लेकर हम चुनाव में उतरेंगे। वहीं डायरेक्ट बेनिफिट वाली योजनाओं से जनता में बन रहे कांग्रेस माहौल का असर कम करने के लिए बीजेपी सरकार की खामियों को जनता में ले जाने पर फोकस कर रही है।
बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस जिन योजनाओं के भरोसे सरकार रिपीट करने के दावे कर रही है, असल में वे चुनावी छलावे के सिवा कुछ नहीं है। इसके अलावा राजस्थान में बीजेपी मोदी सरकार के नौ साल के काम को घर-घर पहुंचाने के लिए बीजेपी हर लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र में अभियान चला रही है। वहीं, गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था को भुनाने पर उसका पूरा जोर है। सरकार को घेरने वाले इन्हीं मुद्दों को आगे रखकर बीजेपी ने 13 जून को जयपुर में सचिवालय के घेराव की घोषणा की है। भाजपा मुख्यालय पर सभा के बाद बीजेपी के बड़े नेताओं के नेतृत्व में सचिवालय को घेरा जाएगा। बीजेपी का मानना है कि राजधानी में होने वाले इस घेराव से पूरे प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनेगा।
बड़े नेताओं को लोकसभावार जिम्मेदारी
बीजेपी की सेंट्रल लीडरशिप की ओर से राजस्थान में जिन नेताओं को लोकसभा वार जिम्मेदारी दी गई है, उनको भी कांग्रेस के भ्रष्टाचार और आमजन से जुड़े मुद्दों को ज्यादा से ज्यादा उठाने के लिए कहा गया है।
सभी लोकसभा क्षेत्रों में चल रहे कार्यक्रमों में कांग्रेस सरकार के खिलाफ महिला अपराध, किसानों की कर्जमाफी, युवाओं से जुड़े पेपर लीक और परीक्षाओं में धांधली जैसे मुद्दे खासकर फोकस किए जा रहे हैं। बिजली उत्पादन के लिए काेयला खरीद में गड़बड़ी, आईटी के ठेकों में भ्रष्टाचार और पेयजल प्रोजेक्ट्स में धांधली के मुद्दों पर कांग्रेस सरकार को बीजेपी घेर रही है।
गहलोत सरकार की योजनाओं ने बढ़ाई चिंता
भाजपा के जानकार नेता अंदरखाने यह मानते हैं कि कांग्रेस सरकार की फ्री बिजली, 25 लाख तक मुफ्त इलाज और सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन सहित कई योजनाओं से प्रदेश में माहौल बदला है।
कुछ नेता यह भी कहते हैं कि जिस तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावी साल में एक के बाद एक घोषणाएं की हैं, उनसे भाजपा में अंदरुनी खलबली मची हुई है। इस स्थिति में बीजेपी की रणनीति अब सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए ऐसे मुद्दों को हवा देना है जो गहलोत की योजनाओं का असर कम करे। चुनाव से पहले भ्रष्टाचार, परीक्षाओं में धांधली, किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को बीजेपी अपने प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगी।
राजनीतिक विश्लेषक लक्ष्मण बोलिया कहते हैं- इस बार कांग्रेस की योजनाओं का लोगों में असर है। सरकार के खिलाफ एंटीइन्कमबेंसी की जिस संभावित स्थिति से हर बार चुनाव से पहले विपक्षी पार्टी को जीत की राह आसान दिखाई देती थी, वो इस बार उतनी आसान नहीं है। गहलोत की फ्री बिजली और 500 रुपए में सिलेंडर जैसी योजनाओं से लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है। बोलिया कहते हैं-सरकार के खिलाफ ओवरऑल ऐसा कोई बड़ा मुद्दा नहीं है जो बीजेपी के पक्ष में जाता दिखाई दे। हां, उसके विधायकों के खिलाफ उनके क्षेत्रों में एंटीइन्कबेंसी जरूर है।
कांग्रेस की योजनाएं जो बीजेपी के लिए परेशानी बनी हुई हैं…
महंगाई राहत योजनाएं: 6.57 करोड़ गारंटी कार्ड बांटे
हर बार के चुनाव की तरह इस बार भी राजस्थान में महंगाई बड़ा मुद्दा है। कर्नाटक के चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ इस मुद्दे को खूब भुनाया था। राजस्थान में सरकार के खिलाफ माहौल नहीं बने, इसके लिए गहलोत ने चुनाव से पहले महंगाई राहत योजनाओं की शुरुआत करके माहौल बदलने की कोशिश की है। बीजेपी के पास इन योजनाओं की फिलहाल कोई काट दिखाई नहीं दे रही।
हालांकि बीजेपी इन योजनाओं को चुनावी शिगूफा बता रही है। वह इस बात को हवा दे रही है कि साढ़े चार साल तक कांग्रेस सरकार को महंगाई से राहत क्यों याद नहीं आई? बहरहाल गहलोत की महंगाई राहत योजनाओं में लाभ लेने वाले लोगों के रजिस्ट्रेशन लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार का दावा है कि अब तक 1.47 करोड़ से ज्यादा परिवारों को इन योजनाओं से लाभ मिला है। राहत शिविरों में अब तक 6 करोड़ 57 लाख गारंटी कार्ड बांटे जा चुके हैं।
500 रुपए में सिलेंडर: अब तक 49.50 लाख परिवार रजिस्टर्ड
गरीबों को 1150 रुपए में आने वाला गैस सिलेंडर कांग्रेस सरकार 500 रुपए में दे रही है। महंगाई राहत कैंप में इस योजना में रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अब तक 49.50 लाख परिवार इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। गहलोत ने इस साल के बजट में गरीब परिवारों को 500 रुपए में सिलेंडर देने की घोषणा की थी। हाल ही 500 रुपये में गैस सिलेंडर योजना के तहत 13 लाख 90 हजार से अधिक लाभार्थियों को सरकार ने 58.98 करोड़ रुपए उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए हैं।
25 लाख तक मुफ्त इलाज : 1.14 करोड़ पंजीयन
चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम से शुरू की गई योजना में 25 लाख तक का मुफ्त इलाज की सुविधा है। कांग्रेस सरकार ने इसे 5 लाख से शुरू करके 25 लाख तक पहुंचा दिया है। अब तक इस योजना में राजस्थान के 1 करोड़ 14 लाख परिवार रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। इस योजना में रजिस्ट्रेशन कराने वाले परिवारों का 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा भी किया जा रहा है।
मुफ्त बिजली : 82 लाख से ज्यादा कनेक्शनधारी रजिस्टर्ड
हर घर को 100 यूनिट फ्री बिजली स्कीम से गहलोत सरकार ने आम जन को बड़ी राहत दी है। अब तक 82 लाख से ज्यादा लोगों ने राहत शिविरों में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं किसानों को 2000 यूनिट फ्री बिजली दी जा रही है। अब तक साढ़े नौ लाख किसान इस योजना में अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। सीएम गहलोत अपनी इस स्कीम को न सिर्फ गेम चेंजर बता रहे हैं बल्कि वे इस स्कीम के जरिए सरकार के रिपीट होने के दावे भी कर रहे हैं।
फ्री राशन, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा
गहलोत सरकार ने चुनाव से पहले गरीबों को फ्री राशन की योजना तो लागू की ही है, साथ में गांवों में मनरेगा की तर्ज पर शहरों में भी 125 दिन रोजगार से लोगों को राहत दी है।
अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना में अब तक फ्री राशन के लिए 92.51 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में 125 दिन के रोजगार के लिए अब तक 4 लाख से ज्यादा परिवार और एक हजार रुपए न्यूनतम सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में अब तक 46 लाख लोग अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
ओपीएस की बीजेपी के पास काट नहीं
गहलोत ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करके बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी की है। कांग्रेस ने इसका हिमाचल और कर्नाटक में भी फायदा उठाया है। प्रदेश के लाखों कर्मचारियों से जुड़ी इस स्कीम को लेकर गहलोत बार-बार बयान दे रहे हैं कि अगर कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं हुई तो बीजेपी ओपीएस को बंद कर देगी। गहलोत के इन बयानों का बीजेपी के पास कोई तोड़ नहीं है। वह न तो यह कह पा रही कि ओपीएस को जारी रखा जाएगा और न ही यह कह पा रही कि सरकार में आने के बाद इसे बंद किया जाएगा।
कांग्रेस की योजनाओं के काउंटर में मोदी सरकार के काम
कांग्रेस की राहत योजनाओं के काउंटर में बीजेपी मोदी सरकार के नौ साल के काम गिनाएगी। बीजेपी का पूरा जोर इस बात पर है कि लोगों में कांग्रेस की राहत योजनाओं का असर कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा मोदी सरकार के कामों को लोगों के बीच पहुंचाए।
यही कारण है कि प्रदेश में चल रहे महाजनसंपर्क अभियान में बीजेपी लोकसभा स्तर से लेकर मंडल और बूथ स्तर तक मोदी सरकार के कामों का प्रचार कर रही है। 23 जून को खुद पीएम मोदी राजस्थान के 51 हजार बूथों पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़कर कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क करेंगे और अपनी सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने का आह्वान करेंगे। इसके बाद 25 से 30 जून तक बीजेपी घर-घर संपर्क का महाभियान चलाएगी।
हमारी योजनाओं से आम आदमी खुश: डोटासरा
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि भाजपा के नेताओं के पास कांग्रेस की योजनाओं का कोई तोड़ नहीं है। आम आदमी कांग्रेस की राहत योजनाओं से खुश है और प्रदेश में सरकार के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं है। ऐसा पहली बार है कि आम आदमी को इलाज से लेकर शिक्षा, राशन, बिजली, गैस और रोजगार से जुड़ी सरकार की योजनाओं से डायरेक्ट बेनिफिट मिल रहा है।
भाजपा पिछले नौ साल से आम आदमी का जीवन स्तर सुधारने और किसान की आय दोगुनी करने की बात कहती रही लेकिन धरातल पर कुछ नहीं किया। कांग्रेस ने अपनी योजनाओं से आम आदमी को सीधा फायदा दिया। कर्मचारी वर्ग के लिए सरकार ने इतना काम किया है कि हर कर्मचारी सरकार के पक्ष में बात कर रहा है।
बीजेपी डरी हुई है, लोगों का ध्यान डायवर्ट कर रही : खाचरियावास
कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि लोगों को लगता है कि पहली बार कोई सरकार मेरे दर्द को समझ रही है। जब भी आप किसी के घाव पर मरहम लगाते हो तो लोग आपके साथ आते हैं।
लोग अब तुलना करने लग गए हैं कि भाजपा की केंद्र सरकार ने नौ साल में क्या दिया और कांग्रेस ने राजस्थान में क्या दिया? सरकार की योजनाओं का लोगों में असर हो रहा है। यही कारण है कि बीजेपी डरी हुई है। इसीलिए बीजेपी जनकल्याण और विकास के मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाकर करप्शन को टारगेट कर रही है। अगर सरकार में करप्शन था तो बीजेपी ने विधानसभा में मामले क्यों नहीं मामले उठाए। बीजेपी चुनावी स्ट्रैटेजी के तहत ऐसा कर रही है।
कांग्रेस की योजनाएं ही कांग्रेस काे खा जाएगी: राठौड़
भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि कांग्रेस की योजनाएं ही कांग्रेस को खा जाएगी। इन्होंने घोषणाएं तो लंबी चौड़ी कर दी, बजट में प्रावधान किया नहीं।
कांग्रेस ने बजट में घोषणा की तो फिर अप्रैल से क्यों नहीं लागू किया। बजटीय प्रावधान ही तीन-तीन महीने का किया है। क्या कभी तीन महीने का बजट प्रावधान होता है? हम चुनाव में इसी को इश्यू बनाएंगे।
कांग्रेस की योजनाओं का काउंटर है मोदी के काम : चतुर्वेदी
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि चुनाव में कांग्रेस की योजनाओं पर मोदी सरकार के नौ साल के काम भारी पड़ेंगे। मोदी सरकार ने नौ साल में हर वर्ग को राहत दी है।
राजस्थान में ऐसे लाखों लाभार्थी हैं जिन्हेंं मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ मिला है। कांग्रेस ने चुनावी फायदा लेने के लिए महज पांच माह पहले लोकलुभावन योजनाएं लागू की है लेकिन राजस्थान का मतदाता उसके झांसे में आने वाला नहीं है।
आम आदमी यह बात समझता है कि कांग्रेस ने साढ़े चार साल में कुछ नहीं किया और अब जब चुनाव सिर पर है तो वह मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए ऐसी योजनाएं लागू कर रही है।
कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार ले डूबेगा: दाधीच
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच का कहना है कि कांग्रेस के शासन में चारों ओर भ्रष्टाचार हो रहा है। आईटी में भ्रष्टाचार, परीक्षाओं में भ्रष्टाचार, थानों में भ्रष्टाचार, हर सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार।
कांग्रेस को भ्रष्टाचार ले डूबेगा। आम आदमी के छोटे--छोटे काम भी बिना पैसे के नहीं हो रहे हैं। कांग्रेस अपनी योजनाओं के ढोल पीट रही है, लेकिन आम आदमी भ्रष्टाचार से त्रस्त है। भाजपा पूरे प्रदेश में कांग्रेस के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाएगी।
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