जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
सियासत की जुबानी जंग के बीच जयपुर का विकास मुंह ताक रहा है। वो भी तब जब शहर में कांग्रेस के छह विधायक हैं, इनमें भी तीन मंत्री। और तो और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल यहां के प्रभारी मंत्री भी हैं। वहीं, जयपुर शहर की कोटा से तुलना करें तो विकास कार्यों में राजधानी पिछड़ी नजर आती हैं।
जयपुर में सभी बड़े प्रोजेक्ट अधूरे हैं, जबकि प्रभारी मंत्री के शहर कोटा में अधिकतर पूरे चुके हैं। सियासी बयानों के बीच पता चला कि प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल ने साढ़े 4 साल में जयपुर के सिर्फ 5 दाैरे किए, उनमें से मात्र 2 दाैरे में ही जनता से रूबरू हुए थे। मॉनिटरिंग, निराकरण और समीक्षा नहीं की गई।
जयपुर के विधायकों का आरोप है कि प्रभारी मंत्री ने यहां पर एक बार भी मीटिंग तक नहीं की। वहीं, धारीवाल दिसंबर 2018 से अब तक काेटा में 5 हजार कराेड़ के विकास कार्य करवाकर पर्यटन हब के रूप में विकसित कर चुके हैं। सरकार की वर्षगांठ पर प्रभारी मंत्री ने जयपुर जिले में हुई बैठक में पहुंचकर औपचारिकता निभाई। इसके अलावा जिले के विकास व समस्याओं के बारे में जानकारी लेने के लिए दाैरे नहीं किए। इधर, रविवार को मुख्यमंत्री तक को विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए राजधानी में निकलना पड़ा।
ये किया? पांच दाैरे, इनमें भी विकास गायब ही रहा
जिला प्रभारी मंत्री धारीवाल ने 20 जून 2019 काे जौहरी बाजार का दौरा किया था। बाजार के बरामदे में अतिक्रमण को देखकर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
प्रशासन शहरों के संग अभियान में लापरवाही को लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने 10 नवंबर 2021 काे हेरिटेज के किशनपोल जोन क्षेत्र में पुरानी बस्ती सामुदायिक केन्द्र में शिविर का औचक निरीक्षण किया। अभियान में लापरवाही बरतने पर राजस्व अधिकारी सरोज पारीक का सिरोही स्थानान्तरण कर दिया। वहीं, कनिष्ठ अभियन्ता जगेन्द्र और कनिष्ठ लिपिक शशि ठठेरा को निलम्बित कर दिया गया।
20 अगस्त 2022 काे राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलाें का शुभारंभ के अवसर पर वे अजमेर राेड स्थित उगरियावास पंहुचे थे।
काेराेना काल में बनीपार्क सैटेलाइट अस्पताल का निरीक्षण कर काेराेना टीकाकरण काे लेकर निर्देश दिए थे।
गत दिसंबर में इंदिरा रसोई का निरीक्षण करने वे शहर के दाैरे पर निकले थे, उन्होंने रसाेई की व्यवस्था देखी।
करना ये था; विकास कार्यों की मॉनिटरिंग, समीक्षा
जिले की समस्याओं के निराकरण एवं योजनाओं के सुव्यवस्थित संचालन की मॉनिटरिंग।
समस्याओं का निराकरण यथासंभव मौके पर करवाना।
शासन से मार्गदर्शन या निराकरण की आवश्यकता हो तो संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव का ध्यान दिलाना।
समस्या व उसके समाधान पर अधिकारियों से चर्चा कर शीघ्र निराकरण करवाने के साथ समीक्षा करना।
जिले की समस्याओं के संबंध में प्राप्त सुझावों पर प्रशासकीय विभाग द्वारा समय- सीमा निर्धारित कर कार्यवाही करवाना।
...और काेटा में दाैरे, विकास और उद्घाटन होते रहे
27 फरवरी 2022; कुनाड़ी में सामुदायिक भवन का शिलान्यास
9 से 18 अप्रैल 2022; 6.77 कराेड़ के नाले का शिलान्यास
31 जुलाई 2022; हाॅकी के सिंथेटिक ट्रैक का शिलान्यास
21 से 29 अगस्त 2022; माेटर मार्केट का लोकार्पण
3 से 9 दिसंबर 2022; रामपुरा काेटा में सैटेलाइट अस्पताल के 193 कराेड़ रुपए के विकास कार्याे का शिलान्यास
18 जुलाई 2021; 6 कराेड़ के विकास कार्याें का लाेकार्पण
12 जनवरी 2020; 6 कराेड़ के विकास कार्याें का शिलान्यास
1 मार्च 2020; नगर विकास न्यास की सड़क का लोकार्पण
9 मार्च 2020; रेलवे बाइपास आरओबी का लोकार्पण
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