नागौर  ब्यूरो रिपोर्ट।  

राजस्थान पुलिस की निलंबित महिला हेड कॉन्स्टेबल ने शनिवार रात को मकराना (नागौर) के पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित के खिलाफ छेड़छाड़ और गाली-गलौज करने का मामला दर्ज करवाया है। 40 वर्षीय हेड कॉन्स्टेबल ने मकराना थाने में ई-मेल से रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

छेड़छाड़ और अपशब्द कहने का लगाया आरोप

रिपोर्ट में महिला हेड कॉन्स्टेबल ने रिपोर्ट में बताया कि पूर्व विधायक भंवरलाल राजपुरोहित ने उसे धमकाया कि पुलिस में नौकरी करनी है तो उससे संपर्क रखना पड़ेगा। उसने फोन पर गाली-गलौज कर धमकाया। इस पर वह 8 अप्रैल को वह पूर्व विधायक के बोरावड़ स्थित घर गई तो वह वहां अकेले बैठा हुआ था।

इस दौरान उसने हाथ पकड़कर गलत तरीके से स्पर्श किया और छेड़खानी शुरू कर दी। साथ ही दुष्कर्म का भी प्रयास किया। जिस पर उसने वहां से निकलने का प्रयास किया तो पूर्व विधायक ने धमकाया कि अगर किसी को बताया कि तो वह उसे नौकरी से निकलवा देगा।

जिसके बाद उसने बाहर आकर आसपास के लोगों से पूछताछ की तो लोगों ने उसे बताया कि वे बड़े राजनेता हैं और काफी राजनैतिक पहुंच रखते हैं। जिस पर उसने डर से यह बात किसी को नहीं बताई और ना ही कोई कार्रवाई की। बाद में अपराधियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में राजपुरोहित ने आरोपियों को अपना आदमी बताकर उन्हें छोड़ने का दबाब भी बनाया। जिसके बारे में मना करने पर गालियां निकालकर अपमानित किया।

पूर्व विधायक ने लगातार बनाया दबाव-पीड़िता

परिवादिया ने आरोप लगाया कि आरोपी ने शारीरिक शोषण के इरादे से दबाब बनाकर 8 मई को अपने पास बुलाया लेकिन वह नहीं गई। इस बीच 30 मई को कुछ लोगों ने आकर कहा कि भंवरलाल राजपुरोहित आपको याद कर रहे हैं, उनके पास चली जाओगी तो सभी समस्याएं हल हो जाएगी। पीड़िता ने बताया कि वह पुलिसकर्मी होने के साथ साथ एक महिला भी है तथा उसका परिवार है। इसके चलते अब आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दी है।

थानाधिकारी प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि पीड़िता की रिपोर्ट पर आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 506, 504 और एससी एसटी एक्ट की धारा 3 (1) (आर)(एस)(डब्ल्यू) 2(वीए) के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच मकराना सर्कल ऑफिसर करेंगे।

पूर्व विधायक ने आरोपों को बताया निराधार

इस मामले में पूर्व विधायक भंवरलाल ने बताया कि महिला पुलिसकर्मी द्वारा उनपर लगाए गए आरोप निराधार हैं। ये आरोप दुर्भावनावश लगाए गए हैं। जिस समयावधि के आरोप हैं उस समय गंभीर बीमार था और पेशाब में खून आने से ब्लेडर में गांठ का ऑपरेशन हुआ। 5 अप्रैल को विनायक अस्पताल जोधपुर में उन्होंने जांच करवाई थी। 6 अप्रैल तक वहीं रहा था। 10 अप्रैल को मेरा ऑपरेशन हुआ था। मेरे रीढ़ भी कमजोर है और दो जनों के सहारे के बगैर उठ भी नही सकता। उन्होंने बताया कि पहले भी राजनैतिक द्वेषता से दर्ज करवाए दुष्कर्म के एक झूठे मामले में उन्हें गलत तथ्य पेश कर लोअर कोर्ट से सजा करवा दी गई। लेकिन वापस हाईकोर्ट ने सारे तथ्य और फैक्ट जांचकर सजा पर रोक लगाकर जमानत दी।

एसपी ने 1 मई को महिला हेड कांस्टेबल को किया था सस्पेंड

आपको बता दे कि महिला हेड कांस्टेबल को एसपी नागौर ने एक मई को संस्पेंड किया था। महिला हेड कांस्टेबल बोरावड चौकी इंचार्ज थी। उस पर आपराधिक गतिविधियों से जुड़े लोगों से सांठगांठ और अवैध वसूली के आरोप थे। जिस पर एसपी ने अपने स्तर पर उसकी जांच करवाई थी और महिला हेड कांस्टेबल को सस्पेंड किया था। महिला कांस्टेबल फिलहाल संस्पेड है। अभी महिला कांस्टेबल पुलिस लाइन नागौर में रिपोर्ट दे रही है।