जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

प्रदेश की सवा सौ जेलों में तैनात जेल कर्मियों ने आज डीजी जेल और एसीएस फाइनेंस से मिले आश्वासन के बाद मैस बहिष्कार समाप्त कर दिया हैं। 21 जून से चल रहे इस मैस बहिष्कार के कारण 980 से अधिक जेल कर्मी बीमार हो चुके थे। धरने पर बैठे जेल कर्मियों का प्रतिनिधि मंडल आज डीजी जेल भूपेन्द्र दक से मिला डीजी की ओर से मिले आश्वासन के बाद जेल कर्मियों ने मैस का बहिष्कार खत्म कर दिया हैं।

कर्मचारी नेता गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि आज एक प्रतिनिधि मंडल एसीएस फाइनेंस अखिल अरोड़ा और डीजी जेल भूपेन्द्र दक से मिला। दोनों ही अधिकारियों ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को लेकर फाइल सीएम तक पहुंच चुकी हैं। कुछ ही दिनों ने उस पर आदेश हो जाएंगे। जिसके बाद कई सालों से वेतन विसंगति की मांग कर रहे जेल कर्मियों की मांगें पूरी हो जाएंगी। राठौड़ ने बताया कि अधिकारियों ने समय नहीं बताया लेकिन हम लोग उन्हें केवल 15 दिन का समय देकर आए हैं। अगर 15 दिन में मांगे नहीं मानी गई तो जेल कर्मी फिर से एक बड़ा आंदोलन करेंगे।

980 जेलकर्मी अस्पताल में भर्ती हुए फिर भी मिला आश्वासन

21जून से शुरू हुए जेलकर्मियों के मैस बहिष्कार की जानकारी जब डीजी जेल को मिली तो उन्होंने प्रतिनिधि मंडल को उनके कार्यालय में बुलाया और कहा कि सरकार इस पर निर्णय ले रही हैं। थोड़ा समय लगेगा मैस बहिष्कार नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन उसके बाद भी कुछ जेलकर्मियों की वजह से पूरे प्रदेश के जेल कर्मियों ने धरना-प्रदर्शन और मैस का बहिष्कार किया। आज 8 दिन बाद भी जेल कर्मियों को केवल सरकार की ओर से यही आश्वासन मिला है कि जल्द उनकी मांगों पर काम किया जाएगा।अगर पहले दिन ही डीजी जेल की बात मान ली जाती तो 980 जेल कर्मियों की तबीयत खराब नहीं होती।

पहले भी मिल चुके कई बार जेल कर्मियों को आश्वसान

वेतन विसंगति को लेकर जेलकर्मी दर्जनों बार धरने-प्रदर्शन-रैली-मैस बहिष्कार कर चुके हैं। हर बार उन्हें जेल के अधिकारियों से आश्वासन मिला है कि उनकी मांगों पर काम हो रहा हैं। सरकार जल्द इस विषय पर निर्णय लेने वाली हैं। लेकिन हर बार कोई ना कोई आश्वासन देकर धरना समाप्त करवा दिया जाता हैं। जिससे धरना भी समाप्त हो जाता और मांगे भी नहीं मानी जाती। इस बार जेलकर्मियों के मैंस बहिष्कार से 980 से अधिक जेल कर्मी अस्पताल पहुंचे लेकिन इस का भी कोई फर्क नहीं पकड़ा। अब भी जेल कर्मियों को जल्द उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन ही मिला हैं।

जेल कर्मियों की इन मांग पर बनी थी सहमति लेकिन नहीं हुई अब तक पूरी

1.जेल प्रहरी के पद का वेतनमान पुलिस कांस्टेबल के समकक्ष किया जावे एवं बढ़े हुए वेतनमान का काल्पनिक परिलाभ 1998 से दिया जावे।

2. नवसृजित वरिष्ठ प्रहरी के पद को विलोपित किया जावे।

3. राजस्थान कारागार अधीनस्थ सेवा के शेष पदों का वेतनमान / भत्ते भी राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा के समकक्ष किया जावे।

4.राजस्थान कारागार अधीनस्थ सेवा के कार्मिकों का हार्ड ड्यूटी / जोखिम भत्ता राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा के कार्मिकों के समकक्ष किया जावे।

5.भविष्य में गृह / वित्त विभाग से पुलिस के समकक्ष वेतनमान

6.बढ़ोतरी जेल विभाग के भी समान रूप से लागू की जावे ।