कोटा ब्यूरो रिपोर्ट।
दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद अब आम आदमी पार्टी राजस्थान में जमीन मजबूत करने की कवायद कर रही है। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी की तरफ से तैयारी की जा रही है। दिल्ली के विधायक एवं आप पार्टी के कोटा संभाग प्रभारी शिवचरण गोयल ने कोटा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी का राजस्थान के सभी शहरों, कस्बों और गांवों में संगठन बन चुका है, कार्यकर्ताओं में आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद जोश है। आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब के विकास मॉडल को राजस्थान की जनता के सामने लेकर जाएंगे और वहां के विकास के मॉडल को रखकर जनता से पार्टी के पक्ष में मतदान की अपील करेंगे। उन्होंने बताया कि आगामी 18 जून को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान श्रीगंगानगर से चुनावी रैलियों का आगाज करने जा रहे हैं। यहां के बाद फिर राजस्थान के सभी संभागों में चुनावी रैलियां की जाएगी। गोयल ने कहा कि राजस्थान विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है, राजस्थान की जनता का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि दिल्ली में बिजली का उत्पादन नहीं होने पर भी वहां 24 घंटे बिजली मिलती है और राजस्थान बिजली उत्पादन का केंद्र होने के बाद भी यहां 8 से 10 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। पानी के लिए महिलाओं को कई किलोमीटर तक जाना पड़ता है। वहीं प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है, आए दिन हत्या, बलात्कार, लूट की घटनाओं से प्रदेश की जनता में डर है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई बदहाल है, प्राइवेट स्कूल फलफूल रहे हैं।
चुनाव नजदीक इसलिए कर रहे घोषणाएं
गोयल ने कहा कि राजस्थान में सरकार साढे़ चार साल कहां थी पता नही। मुख्यमंत्री कुर्सी की लड़ाई लड़ रहे थे। अब जब चुनाव आने वाले हैं तो उन्हें जनता की याद आ गई। बिजली बिलों में छूट दी जा रही है। यह योजनाएं दिल्ली में चल रही योजनाओं की कॉपी है। आप सरकार की योजनाओं को दूसरी सरकार कॉपी कर रही है। लेकिन राजस्थान में आप अब जनता के बीच जाएगी और अपने विकास के मॉडल को बताएगी।
रेल हादसे में पर दुख जताया, मांगा इस्तीफा
वहीं गोयल ने उडीसा में हुए ट्रेन हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि यह दुखद घटना है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक वीडियो जारी कर कवच सिस्टम की तारीफों के पुल बांधे थे लेकिन उड़ीसा के हादसे में कवच सिस्टम की पोल खुल गई। तीन ट्रेन हादसे का शिकार हुई, सैकड़ों लोग मारे गए। ऐसे में रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।
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