जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

जोधपुर में चल रहे आर्य समाज के अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन में शनिवार को सर्व धर्म सम्मेलन हुआ। इसमें विभिन्न धर्म समाज के धर्म गुरु पहुंचे। सभी ने अपने विचार रखे। अमेठी से आए डॉ ज्वलंत कुमार शास्त्री ने कहा वेदों में कहीं भी भेदभाव नहीं किया गया है। जाती के आधार पर विभाजन किया गया है।

ऋग्वेद के अंदर 10 हजार 522 मंत्रों को 1 हजार 28 सूक्तों में महिलाओं के नाम है, लेकिन विडंबना है की आज से 4 हजार साल पहले भारत में ऐसी व्यवस्था हो गई, जिन महिलाओं ने वेदों में सूक्त दिए थे। अब कहा जा रहा है कि स्त्री और शुद्र वेद नहीं पढ़ सकते हैं। ये बाद के लोगों ने पाखंड फैलाया है।

स्वामी दयानंद वैचारिक संवाद चाहते थे। हम भी चाहते हैं सभी धर्म समाज के लोगों के साथ प्रीति पूर्वक व्यवहार हो। जोधपुर में चल रहे आर्य समाज के अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन में शनिवार को सर्व धर्म सम्मेलन हुआ। इसमें विभिन्न धर्म समाज के धर्म गुरु पहुंचे। सभी ने अपने विचार रखे। वेदों में कहीं भी भेदभाव नहीं किया गया है। जाति के आधार पर विभाजन किया गया है। शुद्र उसको कहा गया है जो ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य का सहयोगी होता है।

स्वामी दयानंद वैचारिक संवाद चाहते थे। हम भी चाहते हैं सभी धर्म समाज के लोगों के साथ प्रीति पूर्वक व्यवहार हो। एमएमईएस के चेयरमैन मोहम्मद अतीक ने कहा मानव से प्रेम करो। इस धरती पर मानव के काम आएंगे तो इस धरती का भी उद्धार होगा। मेरा देश आगे बढ़ेगा। हम मानवता को प्रथम स्थान दें। कार्यक्रम में आए अन्य वक्ताओं ने वेद और धर्म के साथ सभी के साथ प्रेमपूर्वक रहने की सीख दी।