जोधपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

बजरी का अवैध खनन करने वाले माफिया इन दिनों बेखौफ हो चले है। उन्हें पुलिस का कोई भय नहीं हैं। माफिया पुलिस के ऊपर हमला करने से भी नहीं चूक रहे हैं इसकी एक बानगी बुधवार को नजर आई। बजरी से भरे डंपर को रोकने पर माफिया ने एसीपी की गाड़ी पर डंपर चढ़ाने का प्रयास किया हालांकि गनीमत रही की एयर बैग खुलने से एसीपी की जान बच गई। घटना के बाद आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय का नारा देने वाली पुलिस पर सवाल खड़े होने लगे हैं। घटना सुबह 5 बजे विवेक विहार थाना क्षेत्र के सालावास गांव की है।

बोरानाडा एसीपी जयप्रकाश अटल ने दैनिक भास्कर को बताया कि डीसीपी गौरव यादव के निर्देशन में सालावास गांव में अवैध बजरी को लेकर कार्रवाई के लिए गए थे। सुबह 5:00 बजे बजरी से भरा डंपर यहां से निकला तो उसे रुकने का इशारा किया लेकिन चालक डंपर को तेज गति से भगाकर ले गया। इस पर उन्होंने डंपर का पीछा किया। थोड़ा आगे चलते ही चालक ने अचानक ब्रेक लगाए। उनकी गाड़ी पीछे चल रही थी उन्होंने भी ब्रेक लगाए। तभी डंपर चालक ने डंपर को पीछे लेकर तीन चार बार गाड़ी को टक्कर मार दी। इससे गाड़ी के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि एयरबैग खुलने की वजह से उन्हें कोई चोट नहीं पहुंची। इसके बाद डंपर चालक डंपर को भगाकर ले गया। फिलहाल डंपर का पता नहीं चल पाया है।

बता दें कि इन दिनों शहर में अवैध रूप से बजरी परिवहन कर निकलने वाले डंपर पुलिस से बचने के लिए नंबर भी नहीं लिखते हैं। कई बार हादसे होने के बाद नंबर नहीं होने की वजह से लोग डंपर की पहचान भी नहीं कर पाते हैं। बुधवार को चालक ने एसीपी की गाड़ी पर डंपर से टक्कर मारी उस पर भी नंबर नहीं लिखे हुए थे। इसके चलते उसकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है।

शहर में पाल बाईपास से पाल रोड गायत्री नगर एम्स रोड होते हुए बजरी से भरे डंपर शहर में प्रवेश करते हैं। क्षेत्रवासियों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि गायत्री नगर से रोजाना 30 से 40 बिना नंबरी डंपर तेज स्पीड में डंपर निकलते हैं। रात के अंधेरे के बजाय यह डंपर दिन के उजाले में निकलते हैं। इसके बावजूद इन पर पुलिस की टीम कोई कार्रवाई नहीं करती है।

गौरतलब है कि अवैध बजरी खनन वर्चस्व को लेकर माफिया ने पिछले साल सितंबर में लूणी थाना क्षेत्र के धुंधाड़ा निवासी ओमाराम की हत्या कर दी थी। वाहनों में सवार होकर आए 10 से ज्यादा बदमाशों ने ओमाराम पर हमला किया और उस पर सरियों से मारपीट की जिसमें बुरी तरह से घायल ओमाराम ने जोधपुर के एमडीएम अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही दम तोड़ दिया था।