श्रीगंगानगर - राकेश शर्मा
राजस्थान और पंजाब के जल विवाद को लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री व श्रीगंगानगर से लोकसभा सांसद निहाल चन्द और बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड), केन्द्रीय जल आयोग (CWC), केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड (CGWB) के अधिकारीयों व लोकसभा की जल संबंधी स्थायी समिति की एक उच्चस्तरीय बैठक 12 मई 2023 को चंडीगढ़ में आयोजित हुई ।
बैठक में सांसद निहाल चन्द के अलावा, लोकसभा की जल संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष परबतभाई सवाभाई पटेल, भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, केन्द्रीय जल आयोग (CWC) के अध्यक्ष कुशविंदर वोहरा, केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड (CGWB) के अध्यक्ष सुनील कुमार समेत केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारीगण, पंजाब सरकार के प्रतिनिधि व अन्य सदस्यगण और अधिकारीगण शामिल हुए ।
इस बैठक में निम्नलिखित बिन्दुओं पर चर्चा हुई:-
1. इंदिरा गांधी नहर में राजस्थान-पंजाब जल समझौते के अनुसार राजस्थान को 8.6 MAF पानी मिलना तय हुआ था, लेकिन समझौते से लेकर आज तक राजस्थान की .6 MAF पानी कम मिल रहा है । राजस्थान को उसके हिस्से का पूरा पानी मिले ।
2. सरहिंद टेल गेट, भाखड़ा का 0 हेड, गंग कैनाल का शिवपुर हेड, लोहागढ़ 496 RD का मरम्मत कार्य राजस्थान प्रदेश को दिया जाए, ताकि इनकी सही मरम्मत करके गेज का रख-रखाव सही ढंग से हो सके ।
3. हरिके बैराज से फिरोजपुर फीडर 0 RD से 10 RD तक नहर कच्ची है, इस नहर की लाइनिंग को पक्का किया जाए । हरिके बैराज इस समय गाद की समस्या से जूझ रहा है, इसकी साफ़-सफाई करवाई जाए, ताकि राजस्थान को आने वाले पानी की मात्रा को बढाया जा सके ।
4. पंजाब, राजस्थान व हरियाणा के पानी के बंटवारे का नियंत्रण बीबीएमबी के स्थान पर केंद्र सरकार के नियंत्रण में दिया जाए, ताकि शेयर का बंटवारा सही ढंग से हो सके ।
5. भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) में राजस्थान प्रदेश से भी प्रतिनिधित्व की स्थायी नियुक्ति हो, जोकि BBMB में राजस्थान का पक्ष रख सके ।
6. पौंग बाँध में पहले 1425 फीट पानी भरा जाता था, लेकिन अभी इसे केवल 1380 फीट तक ही भरा जा रहा है । इसे 1400 फीट तक भरा जाए ।
7. महाराजा गंगासिंह जी के द्वारा इंदिरा गांधी नहर के निर्माण के समय पंजाब को उनकी जमीन के बदले में राशि उपलब्ध करवाई थी, लेकिन आज भी नहर किनारे लोगों के द्वारा अतिक्रमण/अवैध कब्जा किया जा रहा है । पंजाब सरकार जल्द से जल्द इन अतिक्रमण/अवैध कब्जों को खाली करवाकर यह भूमि राजस्थान को दी जाए ।
8. गंग कैनाल का फ्लो मीटर बालेवाला हेड (45 RD) के स्थान पर खखा हेड पर लगाया जाए, ताकि राजस्थान के पानी के शेयर की गणना यहाँ से हो सके और पंजाब में होने वाले पानी की चोरी को भी रोका जा सके ।
9. सतलुज नदी के किनारे स्थित 93 औद्योगिक ईकाइयों पर 1390 MLD क्षमता वाला STP प्लांट जल्द से जल्द स्थापित किया जाए, ताकि इन औद्योगिक ईकाइयों के प्रदूषित कचरे को पानी में मिलने से रोका जा सके । केंद्र सरकार द्वारा पंजाब सरकार को पानी में प्रदुषण की समस्या के उचित निवारण हेतु समय-समय पर 774 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है ।
10. बुड्डा नाला और काला संघियाँ नालों पर भी जल्द से जल्द STP स्थापित किये जाए. क्यूंकि इन दोनों नालों से लगभग 400 MLD सीवरेज का गंदा पानी निकलता है,, जोकि सीधे राजस्थान की नहरों में बहा दिया जाता है ।
11. IGNP की बुर्जी संख्या 496 से इस क्षेत्र को पानी देने हेतु लिंक नहर का निर्माण पंजाब सरकार द्वारा करवाया गया था । हेड का निर्माण होने के पश्चात आवंटित पानी 1200 क्यूसेक हरिके बैराज से IGNP में RD 496 पर बने लिंक हेड के माध्यम से दिया जाता है । इस हेड का क्रॉस लेवल 7 फीट पर बना है, जिसके कारण यहाँ गाद जमा हो जाती है और किसानों को पूरा पानी नहीं मिलता है । इस क्रॉस लेवल को 7 फीट नीचे किया जाए, ताकि गाद की समस्या को दूर करते हुए किसानों को पूरा पानी उपलब्ध हो सके ।        
इसके अलावा समिति ने भाखड़ा-नांगल बाँध का दौरा कर बाँध में गाद की समस्या, पंजाब के पडौसी राज्यों को पानी की आपूर्ति, सिंचाई व्यवस्था, हरिके बैराज समेत पंजाब में भूमिगत जल की उपलब्धता संबंधी विषयों पर चर्चा की । समिति ने पाया कि पंजाब ने जल संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण अटल भूजल योजना को प्रदेश में लागू ही नहीं किया है । इस कारण पंजाब में भूमिगत जल की स्थिति संतोषजनक नहीं है ।     
 समिति ने राजस्थान प्रदेश को उसके हिस्से का पूरा पानी उपलब्ध करवाने और प्रदूषित पानी की रोकथाम के लिए पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों को जरुरी दिशा-निर्देश दिए और साथ ही बीबीएमबी को इन सभी विषयों पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है । इसके साथ ही पंजाब द्वारा राजस्थान और हरियाणा को पानी के बंटवारे का अधिकार पंजाब के स्थान पर केंद्र के अधीन करने के संबंध में एक प्रस्ताव जल्द केंद्र सरकार को भेजने पर सहमति बनी है।