अलवर ब्यूरो रिपोर्ट। 

अलवर जिले के बहरोड़थाने में आज जो कुछ घटित हुआ वह दर्शक सैकड़ों बार फिल्मों में देख चुके हैं।  लेकिन आज रील पर नहीं रीयल घटनाक्रम हुआ।  

मेरा नाम याद रखना... मैं तुम तीन लोगों को कभी नहीं भूलूंगा। एक यहां के विधायक को, दूसरा पुराने SHO को और आज सबसे पहले आप मेरी लिस्ट में हो गए हो। सबसे बड़ा गुंडा पुलिस वालों की वर्दी में तू है। आपके बच्चे भी ये तरस करेंगे कि तुम उनके बाप थे....ये शब्द अलवर सांसद बाबा बालकनाथ के हैं। अलवर से सांसद महंत बालकनाथ ने रविवार को बहरोड़ थाने पहुंचकर डीएसपी आनंद राव को खूब धमकाया। सांसद ने डीएसपी पर आरोप लगाते हुए कहा- आपने नाजायज और निर्दोष लोगों को पकड़ा है। जब अपराधी पकड़े नहीं जाते, तो नाजायज लोगों को पकड़कर ले आए। मेरा नाम याद रखना 8 महीने की सरकार है, फिर भाजपा आ रही है। आपको यहां से जाने भी नहीं दूंगा। हमारे कार्यकर्ताओं को परेशान किया है। पुलिस ने एक गैंगवार मामले में भाजपा व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। इससे सांसद बैखला गए। विवाद बढ़ता देख पुलिस ने चारों कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया।

6 जनवरी को हिस्ट्रीशीटर लादेन (विक्रम) पर फायरिंग हुई थी। पुलिस उसे जिला अस्पताल (बहरोड़) मेडिकल चेकअप के लिए ले गई थी। वहां पहले से मौजूद बदमाशों ने लादेन पर फायरिंग कर दी। फायरिंग में लादेन बच गया, लेकिन वहां इलाज कराने आईं इमरती देवी एवं भूतेरी देवी के पैरों में गोली लग गई। बहरोड़ पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मामले की जांच को लेकर रविवार को सुबह 8 बजे कांग्रेस कार्यकर्ता एडवोकेट राजाराम यादव, भाजपा कार्यकर्ता एडवोकेट हितेन्द्र यादव, नूतन सैनी और निशांत यादव को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने दावा किया कि इनका कनेक्शन 6 जनवरी को जिला अस्पताल में हिस्ट्रीशीटर विक्रम उर्फ लादेन पर हुई फायरिंग की घटना से हो सकता है। जब स्थानीय बीजेपी-कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस कार्रवाई का पता लगा तो वे बहरोड़ थाने में जम गए। थाने के बाहर माहौल रविवार सुबह से शाम तक तनाव भरा रहा।