जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान स्टेट बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन यादव ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राजस्थान के खिलाड़ियों के लिए आउट ऑफ टर्न नौकरी देने के सरकार के फैसले को गलत दिशा में ले जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पोलो खुद खेल मंत्री अशोक चांदना खेलते हैं और वैभव गहलोत RCA के अध्यक्ष हैं तो आउट ऑफ़ टर्न नौकरी योजना में इनके खिलाड़ी शामिल कर लिए गये है। लेकिन स्पोर्ट्स एक्ट में रजिस्टर्ड खेल संघों के खिलाड़ियों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। अध्यक्ष ने पत्र मे लिखा है कि राजस्थान में खिलाड़ियों के लिए आउट आफ टर्न नौकरी देने का सरकार की ओर से बेहतर प्रयोग शुरू किया गया है। इस पहल का खिलाड़ियों ने तहे दिल से स्वागत किया था, लेकिन अब इस अच्छे काम को गलत दिशा में ले जाया जा रहा है।उदाहरण के लिए बताना चाहते हैं कि राजस्थान में स्पोर्ट्स एक्ट लागू है और उस एक्ट के तहत विभिन्न खेल संघ रजिस्टर्ड है। ऐसे में कोई भी सरकारी योजना, जो कि खिलाड़ियों के लिए है। उसमें सबसे पहले स्पोर्ट्स एक्ट के तहत रजिस्टर्ड खेल संघों के खिलाड़ियों को लाभ दिया जाना चाहिए। ऐसा नहीं होकर अब इसे गलत दिशा में ले जाया जा रहा है और क्योंकि राजस्थान सरकार द्वारा ओलम्पिक से संबंधित खेलों को ये सुविधायें देने का प्रावधान रखा गया हैं। लेकिन दो खेल संघों को जो कि ओलम्पिक में नहीं है। उन्हें भी आऊट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी देने का प्रावधान रखा गया है जैसे कि राज्य के खेल मंत्री अशोक चांदना खुद पोलो खेलते हैं, इसलिए उन्होंने इसे आउट ऑफ टर्न नौकरी की योजना में पोलो खिलाड़ियों को शामिल कर लिया है। वही क्रिकेट जिसकी राज्य इकाई के अध्यक्ष वैभव गहलोत है, उसे भी इस योजना में शामिल कर लिया गया है। वैसे भी क्रिकेट के खिलाड़ियों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर बैंक, रेलवे एयरलाइंस सहित अन्य नौकरियों में बेहतर मौके मिलते हैं। वही पोलो खेलने वाले खिलाड़ी बड़े बिजनेसमैन या राजशाही परिवारों के होते हैं। ऐसे में इन दोनों खेलों को आउट ऑफ टर्न नौकरी योजना में सम्मिलित किया जाना समझ से परे है। दूसरी ओर राज्य में स्पोर्ट्स एक्ट के तहत रजिस्टर्ड कई खेल जिनमें कि बॉडी बिल्डिंग भी प्रमुख है के खिलाड़ियों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है। जबकि बॉडी बिल्डिंग जैसे खेल में शामिल खिलाड़ी गरीब और साधारण परिवारों से आते हैं और अपनी मेहनत के दम पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में जीत हासिल करके प्रदेश का नाम आगे बढ़ाते हैं। हमारा निवेदन है कि उन सभी खेल संघों को, जो कि राजस्थान में स्पोर्ट्स एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है, के तहत आने वाले सभी खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नौकरी की योजना में शामिल किया जाए। यदि खिलाड़ियों की मांग को अनदेखा किया जाता है तो मजबूर होकर हमें आंदोलन का रूख अपनाना पड़ेगा।