जयपुर-राज-काज डेस्क विशेष।
राजस्थान प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव के लिए तेजी से मंथन चल रहा है। कार्मिक विभाग द्वारा आईपीएस के अलावा आईएएस, आरएएस और आरपीएस की बड़ी तबादला सूची जारी करने की मुकम्मल तैयारी की जा रही है। यह अभी तय नही है कि सूची विधानसभा सत्र से पहले जारी होगी या बाद में।लेकिन यह तय है कि विधानसभा सत्र से पहले आईपीएस की सूची जारी हो सकती है। हाल ही में आईएएस और आईपीएस की पदोन्नति के बाद तबादला सूची जारी करना लाजमी हो गया है। दिसम्बर की आखिरी तारीख को जारी पदोन्नति सूची में अफसरों को पदोन्नति दे दी गई है, लेकिन किसी का पदस्थापन नही किया गया है। पदोन्नत अधिकारियों के पदस्थापन के लिए मंथन जारी है। राज्य सरकार ने 31 दिसम्बर को 13 आईएएस तथा 40 आईपीएस अधिकारियों को पदोन्नत किया है। ऐसा माना जा रहा है कि आईएएस से ज्यादा आईपीएस में बड़ा बदलाव होगा। जहां तक प्रमुख शासन सचिव से अतिरिक्त मुख्य सचिव पद पर पदोन्नत हुए अखिल अरोड़ा के विभाग में बदलाव की संभावना वैसे कम दिखाई दे रही है। यदि इन्हें वित्त विभाग से बदला जाता है तो इन्हें चिकित्सा,खान जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वही शिखर अग्रवाल का महकमा बदलने की संभावना पूरी दिखाई दे रही है। 
विश्वनीय सूत्र बताते है कि आईपीएस में बड़े बदलाव होंगे। एसीबी के कार्यवाहक एडीजी हेमंत प्रियदर्शी के विवादास्पद बयान के बाद इनका विभाग बदलने की चर्चा है। एसीबी के डीजी पद की जिम्मेदारी भूपेंद्र कुमार दक या राजीव शर्मा को सौंपी जा सकती है। चर्चा यह भी है इनमें से किसी एक को इंटेलिजेंस और एक को एसीबी का डीजी बनाया जा सकता है। उमेश मिश्रा के डीजीपी बनने के बाद से डीजी इंटेलिजेंस का पद रिक्त चल रहा है। यद्यपि सम्भवना कम है कि जयपुर आयुक्त आनंद श्रीवास्तव को बदला जाए। यदि ये यहां से बदले जाते है तो इनको इंटेलिजेंस या एसीबी में लगाया जा सकता है। जयपुर आयुक्त पद के लिये कई अधिकारी पंगत में लगे हुए है। उधर अजय लाम्बा को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा अधिकांश रेंज के आईजी भी बदलने की चर्चा है। डीआईजी से आईजी पद पर पदोन्नत हुए सत्येंद्र सिंह को एसओजी के बदले किसी रेंज में भेजा जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि अमृत कलश, सुनील दत्त, संजय अग्रवाल, पुन्नूचामी, जंगा श्रीनिवास राव का भी तबादला संभावित है। जहां तक आरएएस अधिकारियों के बदलने का सवाल है, उम्मीद है कि 150 से भी ज्यादा अफसरों को बदला जा सकता है। और इतनी ही संख्या में आरपीएस अधिकारियों की भी सूची आने की संभावना है। क्योंकि चुनावी साल को देखते हुए प्रत्येक विधायक और मंत्री अपनी पसंद का अधिकारी लगाने के लिए सक्रिय दिखाई दे रहा है।