जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
विजय दशमी के दिन गुर्जर घाटी,  जलमहल स्थित 'खजाना महल' म्यूजियम में जिप लाइन पर हाथ मे धनुष बाण थामे लगभग 25 फीट की ऊंचाई पर उड़ कर आये भगवान श्री राम और सांकेतिक रूप से तीर चलाकर रावण के पुतले का अंत किया। 'खजाना महल' के फाउंडर डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि हम हमेशा से ही कुछ अलग करने में विश्वास रखते हैं और हमेशा हमारी यह कोशिश रहती है कि मनोरंजन के साथ साथ अगर कोई सामाजिक संदेश दिया जाए तो उसकी पहुंच पुख्ता होती है और ऐसे में जब कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को चेता दिया है कि अगर हम पर्यावरण का संरक्षण नहीं करेंगें तो इस सृष्टि का भविष्य कितना खराब हो सकता है तो यही हमारे छोटे छोटे कदम पर्यावरण के लिए मददगार साबित होंगे, इसीलिए हमने रावण के पुतले को ना जलाकर पटाखे ना फोड़कर पॉल्यूशन को बचाकर केवल सांकेतिक रूप से उसके पुतले के वध का कार्यक्रम आयोजित किया है। बेशकीमती पत्थर, ज्वेलरी और जेम्स स्टोन की इस अद्भुत दुनिया में रामेश्वरम जैसे राम सेतु का भी एक कुण्ड यहां स्थापित है जिसमें आपको पत्थर बाकायदा तैरते हुए नजर आ जायेंगे और और इसी राम सेतु को पार करते हुए भगवान श्री राम ने उड़ते हुए जिप लाइन से रावण के ऊपर तीर चलाया और उसके बाद म्यूजियम में आए पर्यटकों को भी रावण के पुतले पर तीर चलाने का मौका दिया गया। पर्यटकों ने कार्यक्रम में खूब उत्साह दिखाया बजाय दहन करने के रावण का दमन करके अंत किया गया और इस तरह से अलग अलग शहरों से आए पर्यटकों को भी पर्यावरण संरक्षण का संदेश मिला। इसी शुभ अवसर पर भगवान राम के वेश में आए कलाकार मुकेश महावर के हाथ से राम सेतु के कुंड के पास वृक्षारोपण भी किया गया। साथ में फाउंडर डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव, पार्षद भूपेंद्र मीना, सौम्या सक्सेना भी उपस्थित थे।