जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
राजस्थान में सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे सचिन पायलट की डगर कठिन होती जा रही है। गहलोत के 3 मंत्रियों ने पायलट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, सुभाष गर्ग और परसादी लाल मीना ने दो टूक कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन का समय नहीं है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी से अनुरोध करेंगे। राजस्थान के मंत्रियों को विरोध सचिन पायलट को भारी पड़ सकता है। पायलट के जयपुर लौटते ही गहलोत समर्थक मंत्रियों ने नाम लिए बिना पायलट पर जुबानी हमले तेज कर दिए। राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन समय नहीं है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलकर अनुरोध करेंगे। जबकि स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना ने सीएम अशोक गहलोत को सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि राज्य में सीएम बदलने की अटकलें मीडिया की उपज है।राजस्थान में कोई बदलाव नहीं हो रही है। मंत्री सुभाष गर्ग ने कांग्रेस अध्यक्ष के साथ-साथ सीएम पद बने रहने का समर्थन किया है। सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा ने भी खुलकर नेतृत्व परिवर्तन नहीं करने की मांग की है। गहलोत समर्थक विधायक महेंद्र चौधरी ने दावा किया है कि सीएम गहलोत ही राज्य का बजट पेश करेंगे।
खाचरियावास बोले- गहलोत के नाम पर चुनाव जीते।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिस नेता को राष्ट्रीय नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बना रहा है। जिस पर राजस्थान भरोसा करता है। उसी नेता व योजनाओं के नाम पर चुनाव होंगे। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजस्थान की मुख्यमंत्री पद से हटाने की बात सही नहीं होगी। मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि जैसे ही अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे। वैसे ही सोनिया गांधी, राहुल गांधी से राजस्थान के मंत्री विधायक मिलेंगे। उन्होंने कहा कि वह हमारे परिवार के मुखिया हैं। ऐसे में हम खुद उनसे कहेंगे कि इस वक्त राजस्थान नेतृत्व परिवर्तन नहीं चाहता है। हम गहलोत सरकार के नाम के आधार पर चुनाव लड़ेंगे, ऐसे में नेतृत्व परिवर्तन की आवश्यकता नहीं है।
सुभाष गर्ग बोले- दो पदों पर रह सकते हैं गहलोत।
गहलोत के मंत्री सुभाष गर्ग ने सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा के ट्वीट पर लिखा- बिल्कुल सही लिखा। मुझे ध्यान है कि नीलम संजीव रेड्डी 1960 से 1963 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। तब 20 मार्च 1962 से 20 फरवरी 1964 तक आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। सूत्रों के अनुसार सीएम गहलोत 28 सितंबर को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे। सूत्रों के अनुसार 27 सितंबर को गहलोत समर्थक मंत्री और विधायक दिल्ली जा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो यह अपने आप में गहलोत का शक्ति प्रदर्शन होगा। जिसके जरिए वो संकेत देंगे कि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद पर कौन बैठे उसमें गहलोत की राय सबसे महत्वपूर्ण होगी?
परसादी लाल बोले- सब मीडिया की उपज है।
स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने दावा किया कि अशोक गहलोत ही प्रदेश के मुख्यमंत्री रहेंगे। परसादी लाल मीणा ने कहा कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएंगे, उसके बाद ही नए सीएम का नाम सामने आएगा। ऐसे में अभी तक सीएम के नाम पर जो चर्चाएं प्रदेश में चल रही है। उनमें कोई दम नहीं है। यदि राजस्थान से कांग्रेस का कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष बनता है, तो यह राजस्थान के लिए गर्व की बात होगी। इसके अलावा हाल ही में सीएम पद को लेकर जो नाम सामने आ रहे हैं। ये सब मीडिया की उपज हैं। वरिष्ठ विधायक राम नारायण मीना ने कहा कि पहली बार विधायक बने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनान पार्टी के हित में नहीं होगा। सीएम गहलोत ही कांग्रेस की सरकार रिपीट कर सकते हैं।