जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
कोरोना के कारण सिटी पैलेस से 2 साल बाद रविवार को तीज की सवारी निकाली गई। तीज माता को सोने की ज्वेलरी से सजाकर चांदी के रथ में नगर भ्रमण कराया गया। शाही लवाजमे से निकली जाने वाली सवारी को देखने के लिए लोग जयपुर पहुंचे। इस बार तीज माता की सवारी के दौरान मांगणियार लोक गायन, मयूर डांस और राधा कृष्ण की झांकी देखने को मिली। 150 लोक कलाकारो ने राजस्थानी अंदाज में अपनी प्रस्तुति दी। सिटी पैलेस जयपुर म्यूजियम के संरक्षक रामकृष्ण शर्मा ने बताया कि साल में दो बार तीज और गणगौर पर प्रतिमा को बाहर निकाला जाता है। पूर्व राजपरिवार की महिलाएं माता की पूजा-अर्चना करती हैं। इसके बाद आम लोगों के दर्शन के लिए माता की सवारी को नगर भ्रमण पर निकाला जाता है। मान्यता है कि, तीज माता के दर्शन करने पर हर मनोकामना पूरी होती है।
जनानी ड्योढी से निकलना शुरू हुई सवारी।
रामकृष्ण शर्मा ने बताया कि जनानी ड्योढ़ी में कई दिन से तैयारियां चल रही थीं। प्रतिमा को सोने की ज्वेलरी से सजाया गया। शाम साढ़े 6 बजे चांदी के रथ में बैठाकर माता की शाही लवाजमे के साथ सवारी निकाली गई। सवारी जनानी ड्योढी से निकलकर तालकटोरा तक पहुंची। इस दौरान लोगो ने माता के दर्शन किए। तीज सवारी के दौरान चारदीवारी में जगह-जगह पुलिस के जवानों के साथ होमगार्ड और आरएसी के जवान भी तैनात किए गए। तीज की सवारी त्रिपोलिया, चौड़ा रास्ता, किशनपोल और छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार में दौरान ट्रैफिक को दूसरे रास्तों से डायवर्ट किया गया। 
राजस्थानी रंग में रंगे विदेशी मेहमान।
जयपुर की सुशीला शर्मा ने बताया कि पति की लंबी उम्र के लिए तीज माता का व्रत करते हैं। चार-पांच दिन पहले से ही तीज की तैयारियां शुरू कर दी। कल्पना ने बताया कि तीज के मौके पर सिटी पैलेस में कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती है। जयपुर की महिलाओं के साथ ही विदेशी महिलाएं भी मेहंदी लगवाती है और राजस्थानी रंग में रंगी नजर आती है।