जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रमेश चन्द मीना ने कहा है कि विभाग के अभियंता एवं अधिकारी आपसी समन्वय एवं अन्य विभागाें के सहयोग से ऐसे गुणवत्तापूर्ण कार्य करेें जिनसे विभाग की छवि और बेहतर हो। उन्होंने कहा कि कम लागत मे नई सोच और नवाचारों के साथ, अच्छी गुणवत्ता के ऐसे उपयोगी निर्माण कार्य किए जाएं जो धरातल पर वास्तव में नजर आएं और आने वाले कई दशकों तक विभाग की पहचान बने। मीना इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में मनरेगा कार्यों के मॉडल डिजाइन, मॉडल एस्टीमेट व गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रारम्भ हुई तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए मीना कहा कि कोई भी नवाचार करने से पहले एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में परीक्षण कर उसकी व्यावहारिकता की परख कर ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता में कमी एक बड़ी समस्या है। वाटरशेड में ऐसे कार्य हाथ में लिए जाने चाहिए जिनसे बहते हुए सतही जल को रोका जा सके और ग्राउण्ड वाटर टेबल को बढाया जा सके। इस उद्देश्य के साथ माइक्रो सिंचाई परियोजना, छोटे बांध एवं मॉडल तालाबों के कार्य किए जाने चाहिए। परियोजना से क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आमजन को नजर आना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि हर पंचायत समिति में कुछ बड़ी ग्राम पंचायतों में मॉडल पार्क तैयार किए जाएं, जिनमें रनिंग ट्रेक, फलदार पौधे, शौचालय, बैठक व्यवस्था, फलदार पौधे और फेंसिंग हों। ऐसे ही कामों से विभाग की छवि और बेहतर होगी। मीना ने बताया कि हर ग्राम पंचायत पर एक किलोमीटर के गांधी पथ का निर्माण किया जाएगा। यह सड़क भी अच्छी गुणवत्ता के साथ विभाग के कामों की पहचान बनेगी। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर से कार्यों के प्रकार के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी किए जाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि राज्य स्तर पर मॉडल एस्टीमेट तैयार किए जाएंगे, लेकिन पूरे राज्य में अलग-अलग हिस्सों में भिन्न-भिन्न परिस्थितियां और लोगों की अलग-अलग आवश्यकताएं हैं, इसलिए निर्माण कार्याें की इंजीनियरिंग और निर्माण में स्थानीय परिस्थितियाें का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है।उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग में थोडी सी त्रुटि भी निर्माण कार्य को शत प्रतिशत खराब कर देती है जिसका खमियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। इंजीनियर्स को सजग रहकर निर्माण की लागत, डिजायन, उपयोग, फिजिबिलिटी, उसके सर्वाईवल, मेटेरियल लागत की तुलनात्मकता सभी बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिससे कम से कम संसाधनों में अधिकतम गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। मीना ने प्रतिभागी इंजीनियर्स एवं अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए तीन दिवसीय कार्यशााला के दौरान उपयोगी एवं व्यावहारिक सुझाव रखने को कहा।
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