जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
सचिन पायलट के मुख्यमंत्री नहीं बनने पर एक बार फिर उनकी पीड़ा छलकी है। पायलट ने जर्नलिज्म टॉक शो के दौरान कहा कि महत्वकांक्षी होना कोई गलत बात नहीं है, अति महत्वकांक्षी नहीं होना चाहिए। मैं यह मानता हूं कि समय से पहले और किस्मत से ज्यादा नहीं मिलता है। पायलट ने अध्यक्ष पद संभालने के साथ ही लोकसभा में हुई हार को लेकर अपने अनुभव साझा किए। सचिन पायलट ने कहा कि कोई भी जिम्मेदारी अगर मिलती है तो उसके साथ मुझे उसके आने वाले परिणामों को भी स्वीकार करना चाहिए। जब मैं राजस्थान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहा था तब मैंने इस बात को भी स्वीकार कर लिया था कि जो परिणाम आएंगे उसकी जिम्मेदारी मेरी होगी। अध्यक्ष पद संभालने के साथ ही 3 महीने बाद लोकसभा चुनाव में हमें 25 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा तो मैंने अपनी इस हार को भी स्वीकार किया था। मैंने सोनिया गांधी के पास हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दिया और उनसे कहा कि मैं अध्यक्ष होने के नाते पार्टी को जीत नहीं दिला पाया हूं। मुझे इस पद पर नहीं रहना चाहिए, लेकिन सोनिया गांधी ने मुझ पर विश्वास जताया और कहा कि अभी आपको गए हुए 3 महीने हुए हैं, आगे आपको पार्टी के लिए प्रदेश में और काम करना है।सचिन पायलट ने कहा कि मैंने बचपन से अपने घर में राजनीतिक माहौल देखा है। मैं कभी यह नहीं सोचता था कि मुझे राजनीति में जाना है, लेकिन जब मैं राजनीति में आया तो ऐसा नहीं था कि मैं अचानक से फैसला किया हो। मैंने सोच समझकर यह तय किया कि इस मंच के जरिए मैं आम जनता की सेवा कर सकता हूं। इसलिए मैं राजनीति में आया। पायलट ने कहा कि मैंने जब भी जो किया वह पूरी शिद्दत के साथ किया। पार्टी ने जब-जब मुझे जो जिम्मेदारी दी उसको मैंने पूरी इमानदारी के साथ बिना किसी तरह के लोभ लालच के निभाई है। आगे भी पार्टी जो जिम्मेदारी मुझे मिलेगी मैं उसको पूरी शिद्दत से निभाउंगा। सचिन पायलट ने सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन अपनी बातों में इस बात की ओर संकेत दे दिया कि मुख्यमंत्री नहीं बनने को लेकर जो सवाल उठाए जाते हैं उसमें कोई गलत नहीं है। पायलट ने कहा कि महत्वाकांक्षी होना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन अति महत्वकांक्षी होना ठीक नहीं है। पायलट ने कहा कि जब तक कोई व्यक्ति अपना लक्ष्य निर्धारित करके काम नहीं करेगा, तब तक वह कैसे अपने लक्ष्य तक पहुंचेगा। इसलिए जरूरी है कि किसी भी कार्य को करने के लिए लक्ष्य निर्धारित हो और उसके लिए महत्वकांक्षी होना कोई गलत बात नहीं है। पायलट से जब पूछा गया कि आपको जो मिला क्या आप उसे संतुष्ट हैं तो पायलट ने कहा कि समय से पहले और किस्मत से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिलता है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन को लेकर जब पायलट से पूछा गया कि राजस्थान में लंबे समय से ट्रेंड है कि जिस पार्टी की सरकार है वह दूसरी बार नहीं बनती है। इस बार पायलट ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सरकार रिपीट नहीं हो सकती। उसके लिए जरूरी है कि हमें आम जनता के हिसाब से काम करना चाहिए। राजस्थान में फिर से कांग्रेस पार्टी की सरकार बने इसको लेकर मैंने डेढ़ साल पहले जो कदम उठाया था उस वक्त अपनी सभी बातें पार्टी के प्लेटफार्म पर रख दी थी। मुझे लगता है कि अगर उन पर सही तरीके से अमल किया जाए तो, हम फिर सत्ता में वापसी कर सकते हैं। पायलट ने इस बात को भी स्वीकारा कि जो रोड मैप बनाकर उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को दिया था। उस पर कुछ हद तक काम हुआ है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।