जैसलमेर-मनीष व्यास।
जैसलमेर जिला कलक्टर डॉ. प्रतिभा सिंह एवं विधायक जैसलमेर रूपाराम धनदे के प्रयासों से जिले में पशुओं में फैली लम्पी स्कीन डिजीज बीमारी के उपचार की पुख्ता व्यवस्था हुई है। जिले के पशु चिकित्सक टीमों के साथ ही बाहरी जिले के पशु चिकित्सक टीमों द्वारा विभिन्न गावों में पशुओं में फैली लम्पी स्कीन डिजीज बीमारी का मौके पर जाकर उपचार किया गया। जिसका परिणाम यह रहा है कि यह बीमारी अब नियंत्रण में है।पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. वासुदेव गर्ग ने बताया कि जिला कलक्टर डॉ. प्रतिभा सिंह के सतत् प्रयासों एवं नियमित रूप से प्रभावी की गई मॉनिटरिंग एवं निर्देशों पर 8 मई से 20 मई तक पशु चिकित्सक टीमों द्वारा 1 लाख 42 हजार 328 गोवंश की सघन जांच एवं सर्वे किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान 5 हजार 597 पशु लम्पी डिजीज बीमारी से ग्रसित पाए गए। पशु चिकित्सकों द्वारा इसमें से 4 हजार 826 पशुओं का उपचार भी कर दिया गया एवं अभी तक 3 हजार 784 पशु ठीक भी हो गए है। उन्होंने बताया कि कुल 25 टीमें विभिन्न पंचायत समितियों एवं ग्राम पंचायतों पर लगायी जाकर पशुओं का उपचार किया गया, इसमें 15 टीमे जैसलमेर जिले की थी एवं 10 टीमे अन्य जिलों की थी। डॉ. गर्ग ने बताया कि यह रोग मुख्यतः गौवंष में ही होता हैं वायरस जनित संक्रामक रोग होने के कारण अन्य स्वस्थ पशुओं में भी फैलने की पूरी संभावना रहती हैं। इस रोग के अन्दर पशु में बुखार आना, शरीर में जकड़न, शरीर पर छोटी-छोटी 2 से 5 सेमी की गांठे बनना और निमोनिया जैसे लक्षण पाये जाते हैं। इससे प्रभावित पशु 10 से 14 दिवस तक बीमार रहता हैं व ज्यादात्तर पशु प्राथमिक उपचार से ही स्वस्थ हो जाते हैं। कुछ पशुओं में रोग के लक्षण तीव्र होने के कारण निमोनिया के कारण पावों में व गलकम्बल में सुजन आती हैं व श्वास लेने में कठिनाई होने से मृत्यु भी हो जाती हैं।उन्होंने बताया कि यह रोग मक्खी-मच्छरों, जू-चींचड़ व कीट-पतग के काटने से फैलता हैं अतः पशुपालकों को हिदायत दी जाती हैं कि अपने पशुओं को बीमार पशु से अलग रखें व सुबह-षाम बाड़े में नीम/गूगल का धुंआ करें। पशुओं के शरीर पर छालों को नीम के पानी से धोये व जू-चींचड़ से बचाव हेतु पशु को जू-चींचड़ नासी जहर से सप्ताह में एक बार नहलाये। बीमार पशुओं की सूचना जल्द ही नजदीकी पशु चिकित्सालय में देकर तुरन्त ईलाज करवाये। साथ ही बीमार पशु हेतु उचित छाया-पानी व चारे का प्रबन्ध करें। पशु को पौष्टिक आहार प्रदान करें। निदेशालय पशुपालन विभाग, राज. जयपुर के संयुक्त निदेशक (पशु रोग नियत्रंण) डॉ. मनोज शर्मा द्वारा ग्राम कनोई, सम, भादरिया व आस-पास के ग्रामों में भ्रमण कर स्थिति का अवलोकन किया गया व इस संबंध में अधिकारियों/कर्मचारियों की बैठक का आयोजन कर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये। विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा प्रभावी मोनीटरिंग कर बिमारी से ग्रसित पशुओं का त्वरित उपचार किया जा रहा है। जिले में लम्पी स्कीन ड़िजीज नियत्रंण में है। जिले के पशुपालकों से आग्रह किया जा रहा हैं कि बीमारी के संबंध में कोई भी जानकारी या सूचना डॉं. असलम अली संयुक्त निदेशक के मोबाईल न. 9414416554 व डॉ. वासुदेव गर्ग एसवीओ 9783551618 पर तुरन्त ही सूचित करें।