भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट।
भरतपुर सेना की गुप्तचर शाखा ने जिले के भुसावर क्षेत्र के क्रेशर जोन स्थित विनायक स्टोन क्रेशर से एक संदिग्ध को पकड़ा है। आरोपी मजदूरी करता है और मुख्यत: बांग्लादेश का नागरिक है। यह बांग्लादेशी युवक 8 साल से देश के अलग-अलग हिस्सों में फर्जी तरीके से निवास कर मजदूरी कर रहा था। आरोपी ने फर्जी तरीके से आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवाने के साथ पहचान छुपाकर क्रेशर पर नौकरी कर रहा था। पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक से मिलिट्री इंटेलिजेंस भरतपुर के अधिकारियों की पूछताछ करने के दौरान संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया। इस पर मिलिट्री इंटेलिजेंस ने उसे भुसावर थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया। देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मिलिट्री इंटेलिजेंस आसपास के क्षेत्र में बिना अनुमति के रह रहे विदेशी नागरिकों की तलाश में जुटी है। मिलिट्री की गुप्तचर शाखा के अधिकारियों ने बताया कि प्रारम्भिक पूछताछ में बांग्लादेशी नागरिक ने खुद को रजाउल खान पुत्र खोखा खान निवासी सताबगंज, जिला दिनाजपुर बांग्लादेश का होना बताया है। उसने बताया कि करीब 8 साल पहले 13 साल की उम्र में वह आर्थिक हालात खराब होने के कारण भारत बार्डर पर एक दलाल के सम्पर्क में आया। दलाल ने उसे बॉर्डर क्रॉस करवाकर दिल्ली लाया। फिर हरियाणा के मेवात क्षेत्र के ताबडू सोना में एक क्रेशर पर मुनीम से 8 या 9 हजार रुपए लेकर उसे उनके हवाले पर छोड़ दिया। इसके बाद बांग्लादेशी नागरिक राजस्थान के करौली, मध्यप्रदेश के ग्वालियर आदि जगहों पर क्रेशरों पर कार्य करता रहा। फिर भरतपुर के रुदावल फिर भुसावर क्षेत्र के विनायक स्टोन क्रेशरों पर कार्य करने लगा। जहां से मिलिट्री इंटेलिजेंस ने उसे पकड़ लिया। पहचान छुपाकर भुसावर क्षेत्र में रह रहे रजाउल नामक बांग्लादेशी नागरिक ने बताया कि करीब सात या आठ माह पूर्व भुसावर थाना क्षेत्र के बल्लभगढ़ निवासी दीपक ने 5 हजार रुपए में फर्जी आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवा दिए। बांग्लादेशी ने आधार कार्ड व पैन कार्ड बनने के बाद उत्तरप्रदेश का निवासी होना बताकर दो मोबाइल की सिम खरीदी। उसके बाद दोनों नंबरों से बदल बदलकर अपने परिजनों से लगातार बात करता रहा।संदिग्धावस्था में पकड़े गए बांग्लादेशी के बाद देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। बांग्लादेशी नागरिक के पकड़े जाने के बाद सेना की गुप्तचर शाखा ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सर्च ऑपरेशन तेज कर दिए हैं। साथ ही जानकारी जुटाई जा रही है कि जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में किन किन क्रेशरों पर भारतीय आधार कार्ड व पैन कार्ड बनवाकर बिना पुलिस वेरिफिकेशन कराए कितने और विदेशी नागरिक रह रहे हैं। साथ ही जिले के ऐसे मोबाइल टावरों की डिटेल भी खंगाली जा रही है जिन टावरों से विदेशों में बात की गई है। सेना की मिलिट्री इंटेलिजेंस के अब बांग्लादेशी युवक के पास से मिले आधार कार्ड तथा अन्य दस्तावेजों की जांच व मोबाइल की कॉल डिटेल निकालवा कर गहनता से जांच में जुट गई हैं।

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