श्रीगंगानगर में 101 पुरानी धान मंडी का मामला लगातार उलझता जा रहा है। 101 नई धान मंडी के मालिक शिवरतन ने अपने किराएदार निशित अग्रवाल पर आरोप लगाया है कि उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नगर परिषद में आवेदन कर नगर परिषद आयुक्त सभापति व अन्य अधिकारियों से मिलकर उसके मालिकाना हक की दुकान की रजिस्ट्री पट्टा अपने नाम से बनवा लिया। जबकि निशित अग्रवाल उसकी दुकान का मात्र किराएदार है। गौरतलब है कि 101नई धान मंडी शहर के हृदय स्थल में है और करोड़ों रुपए मूल्य की है।
पीड़ित शिवरतन भर्तियां ने बताया कि उसकी दुकान में पांच किराएदार है एक किराएदार निश्चित अग्रवाल भी है। उसने नगर परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलकर फर्जी दस्तावेज के आधार पर पट्टा जारी करा लिया। वह खुद कोलकाता में अपना कारोबार करता है। नगर परिषद द्वारा पट्टा बनवाने के बाद सार्वजनिक आपत्ति मांगी गई तो उसके अन्य किरायेदारों ने निशित अग्रवाल के पट्टा बनवाने पर आपत्ति की। मगर नगर परिषद के अधिकारियों ने आपत्ति को दरकिनार करते हुए चार-पांच दिनों में ही पट्टा बनाकर निशित अग्रवाल को दे दिया। इस मामले में लाखो रुपए का लेनदेन करने की संभावना पीड़ित शिवरतन भर्तियां ने जताई है। जब उसे अन्य किरायेदारों द्वारा इस बाबत बताया गया तो वे तुरंत यहां आए तथा दस्तावेजों की जांच की और स्थानीय कोतवाली थाने में आरोपी निशित अग्रवाल के खिलाफ फर्जी कागजात के आधार पर उसके मालिकाना हक की संपत्ति हड़पने की एफआईआर दर्ज करवाई। पीड़ित शिवरतन का कहना है कि वे जिला कलेक्टर से भी इस मामले में गुहार लगाई है। ताकि आरोपी निशित अग्रवाल द्वारा फर्जी कागजातों के आधार पर जारी करवाए गए दुकान के पट्टे को वह किसी भी रुप में दुकान को आगे नहीं बेच सकें। उन्होंने नगर परिषद में भी पत्र लिखकर इस पट्टे को फिलहाल फ्रीज करने की तथा मामले को पूरी तरह से जांच करने का निवेदन किया है। नगर परिषद ने भी इस मामले में तीन सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच करने की बात कही है। पीड़ित शिवरतन भर्तियां का आरोप है कि जिन लोगों ने फर्जी तरीके से पट्टा बनाकर निश्चित अग्रवाल को लाभ पहुंचाया वह खुद भी लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने जिला कलेक्टर से इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। पुलिस द्वारा दर्ज मामले में नगर परिषद के अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से आरोपी बनाने के लिए भी पुलिस में आवेदन दे रहे हैं । इधर एक अन्य घटनाक्रम में आरोपी निशित अग्रवाल ने शिवरतन भर्तियां पर कई व्यक्तिगत आरोप लगाते हुए उसके दावे को गलत करार दिया है।

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