बूंदी से अनंत दाधीच और कोटा से संभाग प्रभारी हंसपाल यादव
बूंदी जिला कलेक्टर व एसपी द्वारा एक तरफ जहां जिले में जातिगत समानता को लेकर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर समानता का अधिकार अभियान चलाया जा रहा है वही तालेड़ा थाना क्षेत्र के अल्फानगर गांव में एक रोंगटे खड़े करने वाली घटना सामने आई है।थाना क्षेत्र के बीलूबा गांव निवासी राधेश्याम मेघवाल उम्र 35 वर्ष ने अल्फानगर के धान उत्पादक परमजीत सिंह और उसके छोटे भाई समेत अज्ञात चार जनों के खिलाफ अपहरण करने एवं 31 घंटे तक बंधक बनाकर यातनाएं देने का मामला दर्ज करवाया है।पुलिस के अनुसार पीड़ित राधेश्याम मेघवाल को आरोपी परमजीत सिंह ने 3 वर्ष पहले 70 हजार सालाना मजदूरी पर हाली के काम पर रखा था। इसके अलावा 30,000 राधेश्याम ने ब्याज पर कर्ज भी लिया था। राधेश्याम से लगातार रात और दिन काम कराने के कारण राधेश्याम बीमार पड़ गया और 6 महीने बाद उसने परमजीत सिंह का फार्म हाउस छोड़ दिया। राधेश्याम द्वारा एडवांस लिए गए 1 लाख का हिसाब नहीं करने पर परमजीत व उसके छोटे भाई द्वारा लगातार राधेश्याम को परेशान किया जाने लगा। 
काम छोड़ने के 4 महीने बाद हाली ने 25 हजार रुपए लौटा दिए और बाकी पैसे के लिए मोहलत मांगी 2 वर्ष की लेकिन  राधेश्याम को परमजीत सिंह और उसका छोटा भाई घर से उठाकर ले गया और 10 दिन तक फसल कटाई का काम करवाया।परमजीत सिंह द्वारा दी गई लगातार प्रताड़ना के बाद 25 हजार रुपए फिर राधेश्याम ने परमजीत को जमा कराएं फिर भी परमजीत की प्रताड़ना खत्म नहीं हुई। 3 साल तक लगातार कोरोना महामारी होने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे राधेश्याम परमजीत को 3 रुपए प्रति सैकड़ा ब्याज के साथ रुपए नहीं लौटा सका।
रविवार को सुबह 11 बजे करीब राधेश्याम भरता बावड़ी गांव में एक दुकान पर बैठा था जहां पर तीन बाइक पर सवार होकर परमजीत उसका छोटा भाई व अज्ञात चार जने राधेश्याम का अपहरण कर परमजीत के घर ले गए और जाते ही जानवरों के बाड़े में सांकल से राधेश्याम को बांध दिया 31 घंटे तक भूखा प्यासा राधेश्याम को बांधकर रखा गया। लोहे के पाइप से राधेश्याम को पीटा गया जिससे उसके शरीर पर चोटें आई।
राधेश्याम के अपहरण की सूचना मिलने पर सोमवार सुबह राधेश्याम का छोटा भाई रवि शंकर परमजीत के फार्म हाउस पर पहुंचा और राधेश्याम को छोड़ने की फरियाद की तो परमजीत ने कहा कि 1 लाख 10 हजार रुपए दे जाओ और राधेश्याम को छुड़ाकर ले जाओ कुछ  दिन दोपहर में फिर रविशंकर अपने मामा के लड़के को लेकर परमजीत के पास गया लेकिन परमजीत ने राधेश्याम को रिहा नहीं किया,  इस दौरान हरि शंकर ने सांकल से बंधे राधेश्याम की फोटो मोबाइल से खींची।
सोमवार शाम अल्फा नगर के एक किसान संजय चौधरी के यहां जाकर राधेश्याम के भाइयों ने मदद मांगी संजय चौधरी ने राधेश्याम को 75 हजार रुपए सालाना मजदूरी पर रखते हुए मदद की और रविशंकर को पैसे दिए।
संजय चौधरी के फार्म हाउस पर परमजीत सिंह को बुलाया गया जहां राधेश्याम के भाई रविशंकर ने 46 हजार रुपए देकर परमजीत का हिसाब चुकता किया तब जाकर परमजीत ने पीड़ित राधेश्याम को अपनी कैद से आजाद किया।।
डरा ओर सहमा सा राधेश्याम अपने साथ हुई घटना रिपोर्ट कराने थाने पहुंचा और घटना की जानकारी डीएसपी शंकरलाल को दी डीएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थानाधिकारी दिग्विजय सिंह को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। पुलिस ने  राधेश्याम की रिपोर्ट पर परमजीत सिंह उसके छोटे भाई समेत अज्ञात चार जनों के खिलाफ अपहरण बंधक बनाकर मारपीट करने और जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।  पुलिस ने राधेश्याम के शरीर पर आई चोटों की मेडिकल जांच करवाई है ।

बंधुआ मजदूरों की दर्दनाक कहानी आज भी कायम
उपखंड क्षेत्र में जागीरदारों के यहां हाली के नाम पर बंधुआ मजदूरी करने वाले मजदूर परिवारों की व्यथा आज भी कायम है 2 शो रुपए रोजाना पगार पर रात दिन काम करने वाले मजदूरों को बीमार पड़ने पर अपनी तनख्वाह कटवानी पड़ती है मजदूरी के ठेके के नाम पर चल रही हाली प्रथा ने मजदूर परिवारों को पीढ़ी दर पीढ़ी हाल ही बना कर रखा है

बहन की शादी के लिए लिया था कर्जा
पीड़ित राधेश्याम का कहना है कि बरसों पहले पिता की मौत के बाद विधवा मां छोटी बहन और भाई की परवरिश की जिम्मेदारी के चलते वह बंधुआ मजदूरी पर मजबूर हुआ
बहन की शादी के लिए आरोपी परमजीत सिंह से 30 हजार रुपए कर्ज लिया  था इसके अलावा 70 हजार रुपए सालाना मजदूरी के एडवांस लिए थे जिनमें से 6 महीने वह काम कर चुका था परमजीत के सिर्फ 6 माह की मजदूरी के 35 हजार रुपए और 30 हजार रुपए कर्ज के कुल मिलाकर 65 हजार रुपए देने थे जिसके बदले परमजीत द्वारा 96 हजार रुपए वसूले गए उसके द्वारा की गई 10 दिन तक  फसल कटाई की मजदूरी भी नहीं दी गई

घटना बेहद दुखद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी - डीएसपी
डीएसपी ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है,  आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है ।