मंडरायल से महेन्द्र पाल।
करौली जिले के मण्डरायल क्षेत्र मे मंगलवार को हुई बारिस से भले ही किसानों के चहरे खिले हो। लेकिन कस्बे के बाजार में लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी। बारिश से एक तरफ तो लोगों को राहत मिली तो वहीं दूसरी तरफ मंडरायल कस्बे में बाजार में लोगों को बारिश आफत बनकर बरसी। क्योंकि मंडरायल कस्बे के हर गली मोहल्ले और चौराहे पर कीचड़ ने इतनी तादाद में पैर पसार दी है कि लोगों का रास्तों से निकलना भी परेशानी का सबक बन गया है। कस्बे के बाजार में 2 दिन से बाजार में खरीदारी करने आ रहे महिला और पुरुषों को कीचड़ में होकर निकलने को मजबूर होना पड़ रहा। क्योंकि ग्राम पंचायत प्रशासन द्वारा कस्बे के बाजार की कोई देख रेख ना करने से हालात बदतर होती हुई नजर आ रही है। मंडरायल ग्राम पंचायत में गत महीनों पहले एंटी करप्शन द्वारा वर्तमान सरपंच को रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया गया था जब से हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि मंडरायल कस्बे का कोई भी धनी धोरी नहीं रहा। ग्राम पंचायत प्रशासन के सस्पेंड होने से ना तो कोई प्रशासनिक अधिकारी कीचड़ और नालियों की तरफ निगाहे टिका रहा नाही कोई राजनेता मंडरायल कस्बे की हालातों पर नजर डाल रहा। भले ही क्षेत्र की राजनीति प्रदेश में कितनी भी ऊंचाई तक पहुंच गई हो लेकिन मंडरायल उपखंड मुख्यालय पर हालात अभी भी जस की तस बनी हुई है। भले ही केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन का सभी जगह नारा दिया जा रहा हो लेकिन मंडरायल कस्बे में गंदगी का नारा लगना तय हुआ है। कस्बे के रामलीला चौक मे हो रहे अतिक्रमण को लेकर कस्बे वासियों द्वारा कई बार विकास अधिकारी और एसडीएम तक को ज्ञापन दिए जा चुके है। लेकिन सभी अधिकारी फाइलों को कचरे में डाल कर कुर्सी पर बैठे बैठे आराम फरमा रहे हैं। लेकिन किसी भी अधिकारी द्वारा अतिक्रमण हटाने पर कोई भी एक्शन नहीं लिया जिसका खामियाजा मंडरायल कस्बे की जनता सहित ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी भुगतने को मजबूर बने हुए हैं।

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