करौली ब्यूरो रिपोर्ट।

करौली जेल मे रविवार को विचाराधीन बंदी मुकेश अवस्थी की हुई मौत के बाद जिला प्रशासन से सात मांगो मे से पांच मांगो पर सहमति बनने के बाद बुधवार शाम को मृतक का दाहसंस्कार किया गया। इस पुरे घटनाक्रम मे पहले दिन से ही विप्र फाउंडेशन राजस्थान जॉन 1D के प्रदेशाध्यक्ष वेदप्रकाश उपाध्याय के नेतृत्व मे परिजन मृतक को न्याय दिलाने की मांग को लेकर पहले करौली जिला मुख्यालय पर धरना दे रहे थे। बाद मे न्यायिक मजिस्ट्रेट की देखरेख में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पुरी होने के बाद मृतक के शव को रखकर हिण्डौन उपखण्ड मुख्यालय पर धरना दे रहे थे।लिहाजा मांगो पर जिला प्रशासन की सहमति बनने और शव का दाहसंस्कार होने के बाद जिला पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।

यह था पुरा घटनाक्रम।

बता दे, हिण्डौन शहर निवासी भूदेव अवस्थी के पुत्र मुकेश को हिण्डौन पुलिस ने मारपीट, एससी/एसटी एक्ट के आदि मामले पर 23 सिंतबर 2021 को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद मृतक को करौली जेल भेज दिया गया। जहा उसकी रविवार को संदिग्ध अवस्था मे मौत हो गई। जेल प्रशासन का कहना है कि कैदी की अचानक से तबीयत खराब हो गई तो उसको अस्पताल ले जा रहे थे तभी उसकी रास्ते मे मौत हो गई। कैदी की मौत के बाद जेल प्रशासन ने मृतक के परिजनों को सूचना दी। परिजन जब करौली जिला अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने मुकेश की हत्या करने का आरोप लगाया और मृतक के शव को कब्जे मे लेने से इंकार करते हुए हंगामा कर दिया। जिसके न्यायिक मजिस्ट्रेट विभा आर्य की देखरेख मे मेडीकल बोर्ड ने शव के पोस्टमार्टम की कारवाई की और शव को परिजनो को सुपुर्द कर दिया। लेकिन परिजन दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कारवाई आर्थिक मुआवजा सीबीआई जांच सहित सात मांगो को पुरी करने के लिए अडे रहे।जिसके बाद विप्र फाउंडेशन राज0 जोन-1D प्रदेशाध्यक्ष वेदप्रकाश उपाध्याय और विप्र फाउंडेशन की टीम को घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल पहुंचे और परिजनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मृतक को न्याय दिलाने की मांग पर अड गये।जिसके बाद करौली थाने मे दोषियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया।

इन मांगो पर बनी सहमति।

4 दिन तक शव का अंतिम संस्कार नहीं होने पर बुधवार को करौली जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग और पुलिस अधीक्षक मृदल कच्छावा हिण्डौन एसडीएम कार्यालय पहुंचे और प्रतिनिधि मंडल से वार्ता कर मांगों को लेकर चर्चा की जिसके बाद परिजनों द्वारा सात मांग जिला प्रशासन के समक्ष रखी गई जिस पर जिला प्रशासन ने पांच मांगो पर सहमति दी।जिनमे प्रमुख रूप से मृतक के पिता द्वारा सौपी गई रिपोर्ट के अनुसार नामजद पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कारवाई करते हुए थाने से हटाया गया साथ ही जांच मे दोषी पाये जाने पर निलंबित किया जायेगा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं बिसरा के संबंध में जिले के बाहर के विशेषज्ञों की राय प्राप्त करने के लिए न्यायिक अधिकारी को याचिका प्रस्तुत की जाएगी, घटना की निष्पक्ष जांच सीआईडी सीबी जयपुर से करवाई जाएगी, न्यायिक जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार मुआवजे देने की कार्रवाई की जाएगी, मृतक और अन्य पर लगे केसो की जांच पुलिस अधीक्षक के सुपरविजन मे उचित जांच अधिकारी से कारवाई जायेगी।

यह लोग रहे मौजूद।

इस दौरान विप्र फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील उदेईया, हिंडोन ब्राह्मण समाज अध्यक्ष अशोक शर्मा, पार्षद नरेश गुर्जर, पूर्व विधायक सुरेश मीणा, वासुदेव शर्मा सहित तहसील मंडल के अध्यक्ष और सर्व समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे।