जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

जयपुर में चार साल बाद इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मुकाबले हो रहे हैं, लेकिन मैचों से पहले कुछ न कुछ विवाद सामने आ रहा है। कभी स्टेडियम में अवैध निर्माण तो कभी मैच के दौरान पुलिसवालों की अवैध एंट्री से राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन सुर्खियों में है।

आज जयपुर में आईपीएल का तीसरा मुकाबला है, लेकिन इससे पहले आरसीए पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है। सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स CGST विभाग ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को 22 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट के फर्जीवाड़े के लिए नोटिस जारी किया है। आरोपों के घेरे में राजस्थान रॉयल्स का प्रबंधन भी है। वहीं, शुक्रवार दोपहर स्टेडियम में खेल परिषद के कर्मचारियों पर टिकट ब्लैक करने का आरोप लगा तो उन्होंने हंगामा कर दिया।

दरअसल, गुरुवार शाम सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की ओर आरसीए को नोटिस दिया गया, जिसके कुछ ही देर बाद आनन-फानन में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की और से सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स विभाग में 10 करोड़ रुपए जमा भी करवा दिए गए।

वहीं, CGST टीम फ़िलहाल इस पूरे मामले को लेकर गहनता से जांच कर रही है। ऐसे में अब IPL के तीसरे मैच से पहले हुई करवाई ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों को एक बार फिर परेशानी में डाल दिया है।

कॉम्पलीमेंट्री टिकट में भी घोटाला
दरअसल, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आईपीएल के आयोजन से पहले स्टेडियम में 22 करोड़ रुपए के निर्माण कार्य करवाए गए थे।

जिसको लेकर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और राजस्थान रॉयल्स ने टैक्स की चोरी की थी। जब इसकी जानकारी सीजीएसटी टीम को मिली, तो उन्होंने इस पूरे मामले की पड़ताल की।

जिसमें 22 करोड़ के निर्माण कार्य के साथ ही मैच के कंप्लीमेंट्री टिकट में भी करोड़ों रुपए के टैक्स चोरी के दस्तावेज मिले हैं।

इसके बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पहुंची सीजीएसटी विभाग की टीम ने आरसीए और राजस्थान रॉयल्स द्वारा स्टेडियम में किए गए निर्माण कार्य और मैच से जुड़े अहम दस्तावेजों को सीज कर दिया है। वहीं टैक्स चोरी के दूसरे दस्तावेजों की फिलहाल सीजीएसटी विभाग द्वारा जांच की जा रही है।

इसमें दोषी पाए जाने पर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और राजस्थान रॉयल्स प्रबंधन के खिलाफ गिरफ्तारी तक की कार्रवाई हो सकती है।

बता दें कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और राजस्थान रॉयल्स द्वारा आईपीएल मैच से पहले स्टेडियम में किए गए निर्माण और कॉम्पलीमेंट्री पास को लेकर जीएसटी बिल लगाए गए थे।

जिनकी जब सीजीएसटी विभाग ने जांच की तो उनमें से अधिकतर बेल फर्जी पाए गए। ऐसे में गुरुवार शाम से ही सीजीएसटी विभाग द्वारा लगातार आरसीए और राजस्थान रॉयल्स प्रबंधन के खिलाफ जांच की जा रही है।

कुछ भी कहने से बच रहे हैं अधिकारी
इस पूरे मामले को लेकर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के साथ ही सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे है। ऐसे में अब देखना होगा। IPL के आयोजन के दौरान हुई कार्रवाई का कितना असर मैच के आयोजन के साथ ही राजस्थान के खिलाड़ियों और क्रिकेट पर दिखाई देता है। 

मैच के पास ब्लैक करने के आरोप लगे
वहीं, आईपीएल मैच के दौरान पास को लेकर विवाद शुक्रवार को बढ़ गया। खेल परिषद के कर्मचारियों के विरोध के बाद क्रीड़ा परिषद के उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी ने खेल प्रबंधक नरेंद्र और तेजराज सिंह पर टिकट ब्लैक करने का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा- कुछ बाहरी लोगों से मुझे खेल परिषद के कर्मचारियों से टिकट ब्लैक करने की शिकायत मिली थी। इसकी जांच में नरेंद्र सिंह और तेजराज सिंह बाहरी लोगों को कालाबाजारी कर आईपीएल के टिकट दे रहे थे। इस विषय को लेकर मैंने खेल परिषद के सचिव डॉक्टर जी एल शर्मा को भी बता दिया है। मुझे उम्मीद है कि दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसके साथ ही भविष्य में खेल परिषद के कर्मचारियों के हिस्से के पास उन्हें ही दिए जाएंगे।

खेल परिषद के सचिव डॉक्टर जी एल शर्मा ने कहा- क्रीडा परिषद उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी ने आईपीएल मैच के पास की कालाबाजारी को लेकर शिकायत दी है। इसकी जांच करवाई जाएगी। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि अगर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और राजस्थान रॉयल्स द्वारा कर्मचारियों के पास देते हैं। वह पास कर्मचारियों को ही वितरित किए जाएं।

खेल परिषद के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, बोले- बेवजह बदनाम कर रहे
क्रीडा परिषद उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी द्वारा टिकट ब्लैक के आरोपों के बाद खेल परिषद के कर्मचारियों ने सतवीर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार दोपहर बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने एसएमएस स्टेडियम में विरोध प्रदर्शन कर सतवीर चौधरी से माफी मांगने की मांग रखी।

उन्होंने कहा- बेवजह कर्मचारियों को बदनाम किया जा रहा है। जबकि इस बार आईपीएल के एक भी मैच में किसी भी कर्मचारी को कोई पास नहीं दिया गया है। खेल प्रबंधक तेजराज सिंह ने कहा- जब किसी कर्मचारी को कोई पास ही नहीं मिला तो हम उसे कैसे ब्लैक कर सकते हैं। इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए अब सतवीर को माफी मांगनी चाहिए।