जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के साथ ही शहरी व ग्रामीण पेयजल स्कीम व प्रोजेक्ट में गड़बड़ियां और ठेकेदारों से मिलीभगत कर फर्जीवाड़ा हो रहा है। विभाग के इंजीनियरों से मिलीभगत कर ठेकेदार फील्ड में डक्टाइल आइरन (डीआई) के बजाए एचडीपीई की पाइपलाइन डाल कर करोड़ों का फर्जी पेमेंट उठा रहे हैं। विभाग की विजिलेंस विंग व क्वालिटी कंट्रोल विंग की लापरवाही का फायदा उठाकर पाइपलाइन डालने व टंकियां बनाने में घटिया क्वालिटी का मेटेरियल का इस्तेमाल हो रहा है।

हालांकि गड़बड़ियों की शिकायतों पर जलदाय मंत्री महेश जोशी व एसीएस सुबोध अग्रवाल सख्त हैं। विभाग ने एक-एक साल में 45 इंजीनियरों को सस्पेंड व एपीओ किया है। इसमें चीफ इंजीनियर, अधीक्षण अभियंता, एक्सईएन शामिल हैं। वहीं, विभाग के करीब 60 इंजीनियरों के खिलाफ भ्रष्टाचार व घोटालों की शिकायतों के गंभीर आरोपों की जांच चल रही है। इससे पांच इंजीनियरों की विभाग की कार्मिक शाखा में चार्जशीट बन रही है।

11 मंजिला बिल्डिंग के 680 फ्लैट्स को बताया 600 घरों का गांव

जल जीवन मिशन में उदयपुर के जिंक स्मेल्टर गांव में नगर विकास न्यास से स्वीकृत मैसर्स आर्ची गैलेक्सी की 11 मंजिल की मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के 680 फ्लैट्स को गांव के 600 घर दिखा दिए। नल कनेक्शन देने को फर्जी पत्र से टेक्निकल स्वीकृति दिलाई। मामले में अधीक्षण अभियंता विपिन जैन को सस्पेंड किया है। रिश्तेदार की मैसर्स निहालचंद जैन इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा. लि. कंपनी को फायदा भी पहुंचाया। प्राइवेट कॉलोनी को सरकारी सिस्टम से जोड़ा: झोटवाड़ा में प्राइवेट कॉलोनी की पाइपलाइन को सरकारी पाइपलाइन से जोड़ दिया। अवैध कनेक्शन दिए। कॉलोनी की स्कीम बना कर भेज दी। हर कनेक्शन से 5 हजार की वसूली के आरोप लगे। एईएन रवि जांगिड़ को एपीओ, लेकिन प्रोबेशन में होने से सस्पेंड नहीं किया।

घटिया पंप सेट खरीदे, बिना काम किया पेमेंट

अलवर-एनसीआर में पेयजल स्कीम की जांच में सामने आया कि पाइपों का एक करोड़ 27 लाख का अनियमित पेमेंट हुआ। घटिया पंप सेट खरीद कर 45 लाख का फर्जी भुगतान किया। जांच के बाद एक्सईएन धर्मेंद्र यादव सस्पेंड हुए। अब लापरवाही पर अभियंता कैलाशचंद मीना एपीओ। चित्तौडगढ़ सर्किल अधीक्षण अभियंता श्योजीराम भी एपीओ हुए।

सस्पेंशन ऑर्डर के खिलाफ कोर्ट में जा रहे इंजीनियर: विभाग

विभाग गड़बड़ियों पर सस्पेंड व एपीओ कर रहा है, लेकिन इंजीनियर कोर्ट में जाकर स्टे ला रहे हैं। दूदू पेयजल प्रोजेक्ट में गड़बड़ी की जांच के बाद एक्सईएन योगेंद्र सिंह, एईएन दीपेश कुमार चौधरी व जेईएन युधिष्ठिर मीना को 28 मार्च को सस्पेंड किया था, लेकिन स्टे ले आए।

जांच के बाद कार्रवाई

विभाग के उप सचिव गोपाल सिंह का कहना है कि शिकायतों की जांच के बाद ही सस्पेंड व एपीओ किया जाता है। स्टे वाले मामलों में प्रभारी नियुक्त कर रहे हैं, ताकि विभाग का पक्ष रख सकें।