अलवर-भरतपुर ब्यूरो रिपोर्ट। 

मेवात के अपराधियों ने जिले के अपराध का ट्रेंड बदल दिया है। वाहन चाेरी, लूट व डकैती की जगह अब साइबर अपराध ने ले ली है। पिछले 3 साल के आंकडाें पर नजर डालें, ताे जिले में साइबर ठगी में 44.75 % बढ़ाेतरी हुई है। यह आंकडा सिर्फ अलवर जिले का है। मेवात के ठग ज्यादातर ऑनलाइन ठगी दूसरे राज्याें के लाेगाें से कर रहे हैं।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, देश में हाे रही कुल ऑनलाइन ठगी में अकेले अलवर व भरतपुर के मेवात क्षेत्र के ठगों की 20% हिस्सेदारी है। मेवात इलाके में सैकड़ाें गांवाें के लाेग ऑनलाइन ठगी के धंधे में लगे हैं। साइबर अपराध राेकने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम पर इसी साल 19 मार्च काे सीसीआरसी सेल का गठन किया गया।


पुलिस ने इस सेल में अब तक आई करीब 200 शिकायतों पर कार्रवाई कर ठगे गए 25 लाख 64 हजार रु. में से 10 लाख 50 हजार रु. पीड़िताें का रिफंड कराए या होल्ड करा दिए। साइबर ठगी के अलावा दूसरे अपराध भी बढ़े हैं। जिले में हत्या के प्रयास मामलाें में 40.44%, अपहरण में 38.48% तथा दुष्कर्म के केसाें में 28.21% बढ़ोतरी हुई है। थानागाजी सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद बालिग व नाबालिग के अपहरण तथा दुष्कर्म के मामलों का रजिस्ट्रेशन बढ़ा है।


बॉर्डर जिला हाेने के कारण अलवर शुरू ही संवेदनशील रहा है। हालांकि भिवाड़ी पुलिस जिला अलग हाेने के बाद अलवर पुलिस जिले में काेई बड़ा गैंग सक्रिय नहीं हैं। लूट, डकैती व अपहरण, रंगदारी व फिरौती की ज्यादातर घटनाएं भिवाड़ी व बहराेड़ इलाके में हाे रही हैं।

पिछले कुछ सालाें में अलवर पुलिस के लिए साइबर अपराध बड़ी चुनाैती है। अकेले अलवर व भरतपुर जिले में देश का 20 प्रतिशत साइबर क्राइम हाे रहा है। लूट व डकैती जैसे अपराध करते समय अपराधियाें काे लाेगाें के विराेध और पुलिस द्वारा पकड़े जाने का खतरा रहता है। साइबर अपराधी एक कमरे में बैठकर खाताें से सीधे ही लाखाें व कराेडाें रुपए उड़ा लेते हैं। अलवर में दुष्कर्म व अपहरण का रजिस्ट्रेशन बढ़ा है। हालांकि ऐसे मामलाें में झूठे मुकदमे भी दर्ज हाे रहे हैं।
-आनंद शर्मा, एसपी अलवर

पुलिस अधिकारियों व कर्मियो के 256 पद खाली

अलवर पुलिस जिले में अधिकारियाें एवं पुलिसकर्मियाें के स्वीकृत में से 256 पद खाली हैं। इनमें सबसे अधिक खाली पद एएसआई व हैड कांस्टेबलाें के हैं। मुकदमों की सबसे अधिक जांच भी एएसआई व हैड कांस्टेबल ही करते हैं। पुलिसकर्मियाें की कमी के कारण अपराधियाें की धरपकड़ व केसाें के अनुसंसान में परेशानी आती है। केस ज्यादा हाेने के कारण जांच अधिकारी सही अनुसंधान नहीं कर पाते। इसका कहीं न कहीं अपराधियाें काे लाभ मिलता है।

कुछ निलंबित ताे कुछ खेलाें के लिए बाहर

नफरी की समस्या से जूझ रही अलवर पुलिस की समस्या पुलिसकर्मियों के निलंबन और खेल काेटे में जिले से बाहर हाेने के कारण भी बढ़ी है। जिले में कार्यरत एक आपीएस अधिकारी निलंबित चल रहा है। दाे आरपीएस पदाेन्नति हाेने के कारण जिले से बाहर हैं। दाे पुलिस निरीक्षक निलंबित हैं। इन्हें भी फील्ड पाेस्टिंग नहीं दी जा सकती। एक पुलिस इंस्पेक्टर अटैचमेंट पर और 10 सब इंस्पेक्टर खेल काेटे एवं अन्य कारणाें से जिले से बाहर हैं।