जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।  

जयपुर नगर निगम ग्रेटर एरिया में डेयरी बूथों के आवंटन के लिए लिए जाने वाले इंटरव्यू को लेकर जयपुर के सांगानेर विधायक और पूर्व मेयर अशोक लाहोटी ने आपत्ति जताई। विधायक ने लॉटरी की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए स्वायत्त शासन निदेशालय में निदेशक ह्रदेश शर्मा को पत्र देकर इसे निरस्त करने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की है। यही नहीं उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर कोई गलतफहमी में है तो निकाल दे। अगले 6 माह बाद जब सरकार बदलेगी तो हम मामले की जांच करवाएंगे और जिम्मेदार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

लाहोटी की ओर से तीन पेज के दिए पत्र में बताया कि ग्रेटर एरिया में 563 स्थानों पर बूथ आवंटन के लिए करीब 22 हजार आवेदन आए, जिनमें से 12 हजार आवेदन निरस्त कर दिए। शेष 10 हजार में से लॉटरी निकाली गई और उनमें से 2252 को इंटरव्यू के लिए शॉर्ट लिस्ट किया।

उन्होंने कहा- किसी स्थान पर जितने लोगों ने आवेदन किया उस हिसाब से लॉटरी क्यों नहीं निकाली गई। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि माना किसी स्थान पर बूथ आवंटन के लिए 20 लोगों ने आवेदन किया था तो लॉटरी भी उन 20 आवेदकों में से ही निकाली जानी थी, लेकिन ऐसा न करके 10 हजार लोगों को शामिल करते हुए उस जगह के लिए लॉटरी निकाल दी। ऐसे में जो 20 लोग है जिन्होंने उस जगह के आवंटन के लिए आवेदन किया उनका नाम न आकर किसी दूसरे का नाम आ गया जो वहां डेयरी बूथ चाहता ही नहीं है तो फिर ऐसा क्यों किया?

इंटरव्यू में किस आधार पर करेंगे रिजेक्ट
लाहोटी ने इंटरव्यू प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि लॉटरी के बाद एक डेयरी बूथ के लिए 4 लोगों को इंटरव्यू के लिए बुलाया है। लेकिन इंटरव्यू में पास और फेल करने का क्या आधार रहेगा ये तय नहीं हुआ। सरकार में बैठे लोग मर्जी से सवाल पूछेंगे और जिसे पास करना होगा पास करेंगे और जिसे नहीं करना होगा उसे नहीं करेंगे। क्योंकि इस इंटरव्यू में न तो शिक्षा को आधार माना है और न ही लोगों स्थानीय लोगों को प्राथमिकता का आधार दिया है। उन्होंने इस इंटरव्यू में डेयरियों की बंदरबाट होने और कांग्रेस के चहेते लोगों को आवंटित करने का आरोप लगाया है।