अलवर ब्यूरो रिपोर्ट।  

अलवर शहर से महज एक किलोमीटर की दूरी पर टाइगर शिकार के साथ मिला। शहर का बाला किला सरिस्का टाइगर रिजर्व के बफर जोन में आता है। बाला किले से लौटते लोगों ने कार की लाइट में सड़क किनारे गाय का शिकार कर पास बैठा टाइगर देखा तो ठिठक गए। लोगों ने कार की लाइट में ही टाइगर को अपने मोबाइल कैमरे में शूट किया। शनिवार रात करीब साढ़े 10 बजे रोड पर कार से निकलते राहगीरों ने टाइगर को देखा। काफी देर तक कार की लाइट टाइगर पर जमाए रखी। इस दौरान वीडियो भी बनाया। यही वीडियाे सोशल मीडिया पर शेयर किया गया।

वीडियो में साफ दिख रहा है कि टाइगर गाय को खा रहा है। हालांकि शिकार एक दिन पहले किया हुआ बताया गया है। रेंजर शंकर सिंह ने बताया कि टाइगर ने शुक्रवार को शिकार किया था। हो सकता है शनिवार रात को दुबारा खाने आ गया हो। यह खुला रोड है। इधर से वाहन निकलते रहते हैं।अलवर शहर के लोगों ने बाला किला के नीचे प्रतापबंध चौकी से माच का तिराहा रोड पर टाइगर को शिकार खाते देखा। टागइर वाहनों की लाइट में शिकार खाता रहा। काफी देर तक लोग वाहन के अंदर लोग बैठे रहे और टाइगर का वीडियो भी बनाते रहे। टाइगर अपना काम करता रहा।

दूसरी कार आने पर टाइगर निकला

कुछ देर बाद दूसरी तरफ से भी कार आ गई। उन्होंने भी कार की लाइट टाइगर पर डाली। इसके कुछ देर बार टाइगर शिकार को छोड़ जंगल में चला गया। ऐसा वीडियो पहली बार बफर जोन यानी बाला किला के नजदीक सामने आया है। हालांकि इससे पहले भी शिकार करते हुए टाइगर के वीडियो सामने आ चुके हैं।

सरिस्का में 28 टाइगर, बाला किला के आसपास 4

सरिस्का में अब कुल 28 टाइगर हैं। जबकि बाला किला बफर जोन में 4 टाइगर हैं। जिसमें एक टाइगर एसटी 18 फीमेल व टाइगर एसटी 19 मेल है। दो शावक हैं। शावक भी एक मेल व एक फीमेल है। अब सरिस्का में 14 बाघिन, 8 बाघ और 6 शावक हो गए हैं। मार्च के महीने में एक टाइग्रेस लाई गई थी। जिसको एसटी - 30 नाम दिया है। यही आखिरी टाइग्रेस है जो सरिस्का में आई है।