टोंक ब्यूरो रिपोर्ट।  

टोंक जिले के सबसे बड़े बीसलपुर बांध में बोटिंग के दौरान एक नाव पलट गई और एक ही परिवार के 6 सदस्यों समेत कुल 7 लोग डूबने लगे। इस दौरान मछुआरों और ग्रामीणों ने 5 लोगों को बचा लिया, जबकि 2 व्यक्ति लापता हो गए, जिनकी तलाश की जा रही है। लापता होने वालों में से एक टोडारायसिंह पंचायत समिति के जूनियर इंजीनियर (JEN) हैं। हादसे के बाद मौके पर कोहराम मच गया। जानकारी के अनुसार टोडारायसिंह (टोंक) पंचायत समिति के JEN मोहसिन खान अपने परिवार के साथ शनिवार शाम करीब आठ बजे बीसलपुर बांध एरिया में घूमने आए थे। रात करीब 8 बजे वह बीसलपुर बांध में बोटिंग कर रहे थे, तभी नाव पलट गई और सभी लोग डूब लगे। इस दौरान मछुआरों ने तुरंत परिवार के 5 लोगों को बचा लिया, लेकिन जेईएन मोहसिन खान और नाव चलाने वाले बद्री गुर्जर का पता नहीं लगा। उधर, हादसे की सूचना मिलने पर मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई।

जानकारी के अनुसार झोटवाड़ा (जयपुर) निवासी मोहसिन खान अपनी पत्नी साहिस्ता बानो (26), साडू तालिब हुसैन (32), साली सगुप्ता बानो (30), इनके 2 बच्चों आपरा खान (8), अरमान खान (5) के साथ घूमने निकले थे। टोडारायासिंह थाना क्षेत्र के थड़ोली गांव के कैचमेंट एरिया में मिनी गोवा स्पॉट से एंट्री करके बीसलपुर बांध में बोटिंग करने गए। इसके लिए थड़ोली गांव के ही बद्रीलाल गुर्जर की बोट लेकर गए थे।

अंधेरे में रेस्क्यू ऑपरेशन में आई दिक्कतें
बीसलपुर बांध में नाव पलटने और 2 लोगों के डूबने की सूचना मिलने पर देवली थाना पुलिस, टोडारायसिंह पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। दोनों लापता लोगों को ढूंढने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन रात होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रात को दोनों लापता लोगों का कोई सुराग नहीं लगा।

एसडीआरएफ ने चलाया सर्च ऑपरेशन
टोडारायसिंह थानाधिकारी दातार सिंह ने बताया कि सूचना के बाद मौके पर पहुंचकर मछुआरों और स्थानीय लोगों की सहायता से 2 बच्चे, 2 महिलाओं और 1 व्यक्ति को बचा लिया गया है। JEN मोहसिन खान और नाव चलाने वाला बद्री गुर्जर लापता हैं। लापता लोगों को ढूंढने के लिए रविवार सुबह अजमेर से एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची है और सर्च अभियान चलाया है।

नाव में क्षमता से ज्यादा लोग बैठे
जानकारी के अनुसार टोडारायसिंह पंचायत समिति के JEN परिवार के साथ बीसलपुर बांध में घूमने आए थे। मोटर बोट की व्यवस्था नहीं हो पाई तो हाथ से चलाने वाली नाव लेकर बांध में चले गए। इस नाव में 2 लोग बैठ सकते हैं, लेकिन 7 लोग बैठे थे। रात करीब 8 बजे तेज आंधी के चलते नाव पलट गई।