जयपुर ब्यूरो रिपोर्ट।   

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार को जान से मारने की धमकी देने के मामले में सियासी विवाद खड़ा हो गया है। सीएम अशोक गहलोत ने इस मुद्दे पर बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला बोला है। गहलोत ने कहा- चुनाव आयोग को प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव प्रचार पर रोक लगा देनी चाहिए। कोई धार्मिक हिसाब से चुनाव में बात करे तो उसके प्रचार पर रोक लगा देनी चाहिए, यह कानून में प्रावधान है। गहलोत शनिवार शाम सीएम निवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

गहलोत ने कहा- भैरों सिंह शेखावत एक बार गंगानगर और बाली से चुनाव में खड़े हुए थे। वे गंगानगर में चुनाव हार गए थे और बाली में चुनाव जीत गए थे। वे उस चुनाव मेंं राम मंदिर की बात करने लग गए थे। चुनाव प्रचार में धर्म का इस्तेमाल करने पर उनके खिलाफ इलेक्शन पिटिशन हुई, वह इलेक्शन पिटिशन चलती रही और उनकी मेंबरशिप जा रही थी, क्योंकि कोर्ट ऐसा करने वाला था। जो आदमी गवाही देने जा रहा था वह कम्युनिस्ट सीपीएम माइंड का आदमी था। उसको पुलिस ने बस से उतारा, ले जाकर समझाया या क्य हुआ, गवाही नहीं होने से शेखावत उस केस में बच गए। आज जो प्रधानमंत्री बोल रहे हैं, वे तो धर्म के आधार पर खुल कर बोल रहे हैं। उनसे चुनाव आयोग जवाब भी नहीं मांग रहा। इसीलिए पीएम के चुनाव प्रचार पर रोक लगनी चाहिए।

खड़गे के परिवार को खत्म करने की धमकी के बावजूद चुनाव आयोग मौन क्यों?

कांग्रेस अध्यक्ष जैसे पद पर बैठे अनुभवी राजनेता मल्लिकार्जुन खड़गे को कर्नाटक में उनके और परिवार का सफाया करने की धमकी दी जा रही है। जिनका पूरा परिवार बचपन में खत्म हो गया लेकिन वो संघर्ष करते-करते यहां तक पहुंचे उन्हें इस तरह की धमकी देना निंदनीय है। इस धमकी के बावजूद अबतक पीएम से लेकर गृह मंत्री तक कुछ नहीं बोले हैं। धमकी का जिस तरह का वीडियो सामने आया, उसके बाद भी इलेक्शन कमिशन मौन है। बीजेपी और आरएसएस का एजेंडा फिक्स है। उन्हें चिंता नहीं है लेकिन लोगों को है। आज लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। आलोचना सहन नही हो रही है। इस माहौल में देश चल रहा है।

बजरंग दल बैन मामला कर्नाटक में मुद्दा नहीं बना,इसलिए बौखलाए बीजपी नेता

कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में बजरंग दल और पीएफआई को बैन करने के वादे पर उठे विवाद पर गहलोत ने कहा- कई संगठन के अपना नाम राम के नाम पर, शिवजी के नाम रखते हैं, लेकिन संगठनल की भूमिका क्या है, उसके हिसाब से सरकारी कार्रवाई होती है। प्रवीण तोगड़िया त्रिशूल बांट रहे थे, हमने उन्हें रोका लेकिन वे माने नहीं इसलिए मजबूर होकर गिरफ्तार करना पड़ा। संगठन की जिस तरह की मंशा होती है उस पर निर्भर करता है। बजरंग दल का मामला कर्नाटक में मुद्दा नहीं बना इसीलिए बीजेपी के नेता बौखलाए हुए हैं।

गटर स्तर पर राजनीति करने लगे बीजेपी नेता, चुनाव जीतने नहीं लोकतंत्र बचाने की लड़ाई

गहलोत ने कहा- बीजेपी नेता सोनिया गांधी के बारे में जिस तरह की ओछी टिप्पएिायां कर रहे हैं वह उनकी बौखलाहट को दिखाता है। एक पत्रकार ने लिखा कि आज गटर के लेवल की पॉलिटिक्स हो गई है, यह बीजेपी नेताओं के कमेंट्स पर सही बैठता है।। लोग ये समझने लग गए हैं। आज लड़ाई चुनाव जीतने की नहीं, लोकतंत्र बचाने की हो गई है।